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    LatestPopularVideo

Prabhat malik

आँख से आँख का इशारा हो गया

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Arora PR

खुली आँख का झवाब #कविता

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Arun kumar

आँख का टूकड़ा है वो

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kyu meri jindagi me itna kathin sawal deti hai
tu bo ankh me cubhne bala tukda hai
jo kabhi bhi ankho se ansu nikal deti hai

my thought( love effection) आँख का टूकड़ा है वो

pradeep maurya

मनुष्य के आँख का वजन #nojotophoto

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 मनुष्य के आँख का वजन

Parasram Arora

ठहरा हुआ है पानी आँख का #शायरी

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Dr. Nazim Kundarkivi

#तीर-ए-नज़र(आँख का तीर) #शायरी

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चला कर जो तीर-ए-नज़र करता ज़ख़्मी
ज़माना उसे कहता क़ातिल नहीं है
नाज़िम अहमद शाह

©ᴅʀ ɴᴀᴢɪᴍ ᴀʜᴍᴀᴅ S͜͡ʜᴀʜ #तीर-ए-नज़र(आँख का तीर)

akash jha entertainment

जिन्हें औकाद नही आँख से आँख मिलने का वे भो बात करते ह हमारे नाम मिटाने का

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Ramkrishan Rana

हाथ और आँख का संबंध होने चाहिए.....

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🍁🌿🍁🌿🍁🌿🍁🌿🍁
        रिश्तों में वैसा ही
       संबंध होना चाहिए…
                जैसे
         हाथ और आँख
           का होता है।

       हाथ पर चोट लगती है,
          तो आँखों से आँसू
             निकलते हैं...
                और
        आँसू आने पर हाथ ही
       उनको साफ करता है…!!
🍁🌿🍁🌿🍁🌿🍁🌿🍁 हाथ और आँख का संबंध होने चाहिए.....

Parasram Arora

बंद आँख खुली आँख #कविता

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आईने के सामने. ज़ब भी
मेरी आँख खुलती है 
मैं अपना प्रतिबिम्ब देख  सकता  था.
पर जैसे ही मैं अपनी आँख बंद  करता हूँ
मेरी रूह  मेरे भीतर से  बाहर आकर अपनी आकृति का ज़ायज़ा
लेने  आईने के सामने  आ जाती थी
और  ये रहस्य  मुझे  मेरे  आईने ने मुझे
मेरे कानो मे फुसफुसाते हुए  बताया था
काश मेरी बंद  आँखों का ये सच मेरी. खुली  आँखे देख पाती  तों
निश्चित ही मैं उस  आईने  की  बात पर भरोसा भी कर लेता

©Parasram Arora बंद आँख खुली आँख

Shubham Singh

ये आँख तुम्हारी आँख नहीं। ।

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। ये आँख तुम्हारी आँख नहीं है ।

ये उस खूबसूरत मुखड़े का हिस्सा है 
जिस पर मैं कभी बेशुमार मरता था ।।

ये वो खंज़र है जिसने हमें ज़ख्मी किया 
वो मैं बदनसीब हूँ जो इसे सहता था ।।

ये वो जगह है जिसमें मैं खुद को ढूंढता 
मगर मैं नहीं हर बार कोई और मिलता था ।।

ये वो निगाह है जिसने कभी हमें देखा नही 
वो मैं हूँ जो सिर्फ इस निगाह को तकता था ।।

ये वो खज़ाना है जो मेरा हिस्से का नहीं 
फिर भी मैं इसे खोने से डरता था ।।

यो वो सच है जो सच में सिर्फ झूठ है 
ये वो धोखा है जिसपे मै ऐतबार करता था 

ये वो घर है जिसमें अब अ नाम का लड़का है 
ये वो घर है जिसमे शु नाम का ही कोई रहता था ।।

©Shubham Parihar ये आँख तुम्हारी आँख नहीं। ।
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