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Nisheeth pandey
Nojoto Hindi (नोजोटो हिंदी)
ढलते सूरज पर कोट/शायरी/कविता लिखें #NojotoHindi #NojotoWodHindiQuoteGif
@Anuj K Solanki
शहर की पानी की टंकी से, सूरज उगा है मर्तबा पहली बहुत प्यासा लगा है सोख लेता है समन्दर रौशनी से ओंस के दृग बिंदु पीता हैं ज़मीं से चंद किरणों नें यहां सब कुछ ठगा है मर्तबा पहली बहुत प्यासा लगा है कल कुमुदिनी जो खिली मुरझा गई हैं सूर्य के जलपान से कुम्हला गई हैं देखो न इसका भी अपना दबदबा है मर्तबा पहली बहुत प्यासा लगा है सब कमल दल मिल दुहाई दे रहे हैं ताल,झरने यूं गवाही दे रहे हैं छोड़कर सागर मेरे पीछे लगा है मर्तबा पहली बहुत प्यासा लगा है रात की ठहरी हुई झीलों का जल स्वच्छ, नीला देखने में और शीतल सांस में पीकर कटोरा दे गया है मर्तबा पहली बहुत प्यासा लगा है #मौलिक रचना ✍अनुज कुमार सोलंकी सूरज की प्यास #गर्मी #सूरज #प्यास #कविता #कुमारअनुजसोलंकी #लॉकडाउन2
Sukhdev Kumar
मुस्कराते हुए सूरज से पूछो की वह धुप कितना देता है और अपनी माँ से ज़रूर पूछो की एक रोटी माँगने पर दो रोटी क्यूँ देती है ©Sukhdev Kumar सूरज और माँ पर
MR VIVEK KUMAR PANDEY
Writer Mr Vivek Kumar pandey "चांद नहीं सूरज पर जायेंगे सपना नहीं हकीक़त कर आयेंगे है दम है मुझे में अपने मंज़िल का रास्ता पार कर आयेंगे".। #चांदनहीं सूरज पर जायेंगे
Raushan Shyam Nirala
कविता: *देश की गरिमा चोट खाती है* कवि: *रौशन सुजीत रात सूरज* आजादी नहीं, यह देश की बर्बादी है। राजनीति के कदम-कदम पर, देश की गरिमा चोट खाती है।। है यह अत्यंत कष्टप्रद दुख, सबको है जो सत्ता की भूख। अनपढ़ चोर-उचक्के जब भी सत्ता में आते हैं, तब-तब मां भारती जंजीरों में जकड़ी जाती है। राजनीति के कदम-कदम पर, देश की गरिमा चोट खाती है। पक्ष-विपक्ष के चोर-उचक्के, मत का भीख मांगते नजर जब आते हैं। किसको दूं मत अपना! जनता समझ ना पाती है। राजनीति के कदम-कदम पर, देश की गरिमा चोट खाती है।। चोर उचक्के चोरी में, जनता से किए वादे तक भूल जाते हैं। पूछो तो! एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराते रहते हैं। यह धन के लोभी हैं, लोभ में अग्रसर हो जाते हैं। यहां तक कि चंद पैसों में, मां भारती से गद्दारी कर जाते हैं। गद्दारी कर मां भारती से , उन्हें कैसे नींद आ जाती है। राजनीति के कदम-कदम पर, देश की गरिमा चोट खाती है।। 🇮🇳 *जय हिंद जय भारत* 🇮🇳 राजनीति पर कविता; कवि रौशन सुजीत रात सूरज kavi -Raushan Sujit Raat Suraj
The Aghori
रात चाहे कितनी भी लंबी हो दिन निकल ही आता है दुःख दर्द का सिलसिला कितना ही लंबा क्यों न हो , खुशियां लौट कर जरूर आते हैं । ©The Aghori दिन का सूरज .... #दिन #सूरज #प्रेरणा #कविता #शायरी #Shayari #Poetry #Hindi #shayri