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Kamal Bhan Singh

पेंटर #कविता

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हम आपसे कितना मोहब्ब्त 
करते हैं बस वो खुदा जानता है हम तो बस इतना जानते हैं की हम तुम्हारे बिना ना जी पाएंगे 
क्योकि हम आपसे बेइंतिहा प्यार करते हैं क्योंकि जब तक जान है तब तक मेरा प्यार है

©Kamal Bhan Singh पेंटर

बलदाऊ कुमार सोनी

पेट्रो का पेंटर

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राजदीप सोनी भाटापारा पेंटर नम्बर वन पेट्रो का पेंटर

Yogenddra Nath Yogi

#kahanikaar #गरीब पेंटर(कहानी)

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S.K.

#जॉब #Life

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Rupesh Dewangan

नौकरी तो बस एक परिभाषा है 
इससे भूखे कभी मरोगे नहीं 
और पैसे वाले कभी बनोगे नहीं 
ये बस जिन्दगी काटने का एक जरिया है
#नौकरी

©Rupesh Dewangan जॉब

राजस्थानी सोनू

जॉब #Poetry

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sk chodhry

जॉब

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meri dream job painting art' hai Jo filhal main abhi karta hun

©sk sahil जॉब

Surya Prakash

#जॉब

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क्योंकि नौकरी
इस जन्म के लिए
जरूरी है

अतः प्यार को
अगले जन्म तक के लिए
स्थगित करता हूँ

●●● #जॉब

Ankur Awasthi

सुनो, तुम कब तक  मिलोगी ,

तुम बिन सब सपने अधूरे हैं।

अब सब तुझे पूछने लगे हैं,

मेरे अपने भी अब रूठने लगे हैं।।
-------
नौकरी
----------------- #जॉब

Vivek Nagil

लेखक-राज‌ पेंटर झांसी चिरगांव #कविता

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।। मजहबी दंगे ।।
बसें जला दी जाती है, घर भी जला देते हैं ।
ये मजहबी दंगे इन्शान को जानवर बना देते हैं ।।
मां हमारी भी वही है , मां तुम्हारी भी वही है ।
अपने ही बहनों भाईयों पर
हम तलवारें पत्थर का प्रहार करते हैं ।
कैसी ये अज्ञानता है 
हम इन्शान होकर जानवरों सा व्यवहार करते हैं ।।
क्या हमारी मायें हमें आपस में लड़ना सिखाती हैं ।
क्या हमारी धर्म की पुस्तकें हमें आपस में 
लड़ने का पाठ पढ़ाती हैं ।।
ये दंगे करने वालों
देश की एकता अखंडता को क्यों तोड़ रहे हो ।
अपने ही भाईयों का आपस में लड़कर
सिर क्यों फोड़ रहे हो ।।
क्या ये हमारे देश की
संस्कृति, सभ्यता, आस्था धर्म को‌ दर्शाती है ।
अरे उस मां के कलेजे से पूछये
जिसके बेटों की जान दंगों में चली जाती है ।।
हम क्यों इस बात को पहचान नहीं पा रहे है
न हम हिन्दु है, न हम‌ मुसलमान हैं ।
सबसे पहले हम एक इन्शान हैं ।।
इन्शान हैं तो इन्शानीयत का फर्ज निभाओ ।
जीओ और जीने दो सभी को 
इस बात का पाठ पढ़ाओ ।।
लेखक-राज‌ पेंटर झांसी चिरगांव

©Vivek Nagil लेखक-राज‌ पेंटर झांसी चिरगांव
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