Nojoto: Largest Storytelling Platform

New मात्रा बस्ती Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about मात्रा बस्ती from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, मात्रा बस्ती.

dilkibaatwithamit

ख़ुद से लड़कर तुझसे हारे, ठीक हुआ आँख से निकले अश्क के धारे, ठीक हुआ भूलने वाले 1 जनवरी भूल गया भूल न पाए हम बेचारे, ठीक हुआ जो मेरा होने

read more
White ख़ुद से लड़कर तुझसे हारे, ठीक हुआ
आँख से निकले अश्क के धारे, ठीक हुआ

भूलने वाले 1 जनवरी भूल गया
भूल न पाए हम बेचारे, ठीक हुआ

जो मेरा होने का दावा करते थे
झूठे निकले यार वो सारे, ठीक हुआ

उसको इनाम में इक और दुनिया मिली
मेरे हिस्से आए ख़सारे, ठीक हुआ

पाँव मलते-मलते उसकी बस्ती से
घर को लौटे हम बेचारे, ठीक हुआ

उसकी छत पे जाने से तो बेहतर था
रातें गुज़ारी गिनकर तारे, ठीक हुआ

©dilkibaatwithamit ख़ुद से लड़कर तुझसे हारे, ठीक हुआ
आँख से निकले अश्क के धारे, ठीक हुआ

भूलने वाले 1 जनवरी भूल गया
भूल न पाए हम बेचारे, ठीक हुआ

जो मेरा होने

N S Yadav GoldMine

#Thinking {Bolo Ji Radhey Radhey} जय श्री राधेकृष्ण जी!! कर्म तो करना है, लेकिन कर्म और उसके फल की आसक्ति से रहित होकर। इस तरह कर्म करने स

read more
White {Bolo Ji Radhey Radhey}
जय श्री राधेकृष्ण जी!!
कर्म तो करना है, लेकिन कर्म और 
उसके फल की आसक्ति से रहित 
होकर। इस तरह कर्म करने से कर्म 
प्रवाह का अंत होकर कर्म केवल 
क्रिया मात्रा रह जायेंगे और जीव 
कर्म बंधन से मुक्त हो जायेगा।

©N S Yadav GoldMine #Thinking {Bolo Ji Radhey Radhey}
जय श्री राधेकृष्ण जी!!
कर्म तो करना है, लेकिन कर्म और 
उसके फल की आसक्ति से रहित 
होकर। इस तरह कर्म करने स

Mď Âĺfaž" ["Šĥªयरी Ķ. दिवाŇ."]

["मौत से #मोहब्बत"] मौत से #मोहब्बत करना कौन चाहेगा, मिट्टी में #सिमटकर जाना कौन चाहेगा। #ख़्वाबों की बस्ती #उजड़ती है जब, फिर खुद को यूँ

read more
Sad love quotes in Hindi ["मौत से मोहब्बत"]
मौत से मोहब्बत करना कौन चाहेगा,
मिट्टी में सिमटकर जाना कौन चाहेगा।

ख़्वाबों की बस्ती उजड़ती है जब,
फिर खुद को यूँ आज़माना कौन चाहेगा।

©Mď Âĺfaž" ["Šĥªयरी Ķ. दिवाŇ."] ["मौत से #मोहब्बत"]
मौत से #मोहब्बत करना कौन चाहेगा,
मिट्टी में #सिमटकर जाना कौन चाहेगा। 

#ख़्वाबों की बस्ती #उजड़ती है जब,
फिर खुद को यूँ

Bharat Bhushan pathak

सार छंद चार चरणों का अत्यंत गेय मात्रिक छंद है। प्रति चरण 28 मात्रा होती है। यति 16 और 12 मात्रा पर है। दो दो चरण तुकान्त । 16 मात्रिक पद ठ

read more
बीत रहा फिर वर्ष सुनहरा,नूतन आने वाला।
इसने हमको यही बताया,जीवन अच्छी शाला।।
पढ़ा यहाँ पे जो भी इसमें,अनुभव उसने पाया।
प्रथम सदा वह ही होता है,जो कभी न भरमाया।।
आना-जाना वर्षों का तो,सुनें खेल ये बहुत पुराना।
जो हम सीखे और सिखाए,इसको बस अपनाना।।

©Bharat Bhushan pathak सार छंद चार चरणों का अत्यंत गेय मात्रिक छंद है। प्रति चरण 28 मात्रा होती है। यति 16 और 12 मात्रा पर है। दो दो चरण तुकान्त ।

16 मात्रिक पद ठ

theABHAYSINGH_BIPIN

#villagelife अकेले बसर करनी है ये लंबी ज़िंदगी, यहाँ अब किसका इंतज़ार है। रिश्तों की गरमाहट बराबर नहीं होती, कहीं धूप है, तो कहीं छांव है।

read more
Village Life अकेले बसर करनी है ये लंबी ज़िंदगी,
यहाँ अब किसका इंतज़ार है।
रिश्तों की गरमाहट बराबर नहीं होती,
कहीं धूप है, तो कहीं छांव है।

चल पड़ा हूँ वापस पगडंडी पर,
बस्ती से दूर, एक छोटा सा गांव है।
जहाँ सुकून की मिट्टी से गंध उठती है,
और सपनों का आकाश साफ़ है।

ढूंढ रहा है हर कोई शहर में बसेरा,
पर वहाँ भी ज़िंदगी कहाँ आज़ाद है।
शोर में खो जाती है पहचान अपनी,
बस भीड़ में रह जाता एक फरियाद है।

लौट आओ अपनों के बीच, अभी वक्त है,
ज़िंदगी छोटी है, किसे सरोकार है।
रिश्तों की गरमाहट को महसूस कर लो,
फिर न कह सकेगा दिल, ये जो अंगार है।

शहर के शोर में सब कुछ खो जाता है,
पर दिल सुकून तो अपनों में ही पाता है।
थोड़ा ठहरो, जरा संभालो इन पलकों को,
क्योंकि यादें ही अंत में हमारा संसार हैंl

©theABHAYSINGH_BIPIN #villagelife 
अकेले बसर करनी है ये लंबी ज़िंदगी,
यहाँ अब किसका इंतज़ार है।
रिश्तों की गरमाहट बराबर नहीं होती,
कहीं धूप है, तो कहीं छांव है।

Bharat Bhushan pathak

poetry hindi poetry hindi poetry on life poetry in hindi इस छंद में विशेष :-5वीं,8वीं 17वीं व 20वीं मात्रा लघु।

read more
दिग्पाल (या मृदुगति) छंद 
मापनी- 221 2122 221 2122 
लगावली- गागाल गालगागा गागाल गालगागा 
छंदाधारित फिल्मी गाने- 
1) छोडो न/ मेरा’ आँचल/, सब लोग/ क्या कहेंगे 
2) सारे ज/हाँ से’ अच्छा/ हिन्दोस/तां हमारा 


मानो अभी यहाँ जो बातें तुम्हें बताऊं।
संस्कार इस जगत में पूजित हुआ सुनाऊं।।
पशुवत हुआ मनुज जो संस्कारहीन होता।
सोचें भला जगत जो वह प्रेमनीर सोता।।

©Bharat Bhushan pathak  poetry hindi poetry hindi poetry on life poetry in hindi
इस छंद में विशेष
:-5वीं,8वीं 17वीं व 20वीं मात्रा लघु।

Ghumnam Gautam

#ghumnamgautam #तिनका #,बस्ती

read more
ये बस्ती आँखवालों की है लेकिन
है ऐसा कौन जो अंधा नहीं है?

 न जाना चाहिए दरिया में उनको
कि जिनके हाथ में तिनका नहीं है

©Ghumnam Gautam #ghumnamgautam 
#तिनका 
#,बस्ती

नवनीत ठाकुर

#हिंदू न खतरे में था, न है न कभी ये रहेगा, डर का व्यापार करने वाला, खुद सजेगा। करोड़ों की आबादी बड़ा ली हमने, बताओ सच तो फिर डर किस बात का।

read more
White हिंदू न खतरे में था, न है न कभी ये रहेगा,
डर का व्यापार करने वाला, खुद सजेगा।
करोड़ों की आबादी बड़ा ली हमने,
बताओ सच, तो फिर डर किस बात का।

गुणवत्ता की जरूरत है, न कि मात्रा की,
संख्या का क्या मोल, जब कमी हो ज्ञान की।
प्लासी की लड़ाई भी सबक सिखा गई,
इतनी बड़ी आबादी मुठ्ठी भर अंग्रेजों से हार गई।

आज चंद यहूदियों ने दुनिया हिला दी,
कर्म और बुद्धि से किस्मत बना दी।
तो क्यों न हम अपने को मज़बूत बनाएं,
गुण और शिक्षा से नई रीत लाएं।

जरूरत है पुरुषार्थ की, परमार्थ की,
धर्म को समझने वाले सच्चे विचार की।
राजनीति की रोटियां सेंकना छोड़ो,
धर्म को हथियार बनाना अब मोड़ो।

आत्मबल से जीतें, प्रेम का दीप जलाएं,
हिंदूत्व का मतलब सही सबको समझाएं।
हिंदुत्व सिर्फ धर्म नहीं, बल्कि जीने का तरीका है,
हर मनुष्य के उत्थान की सच्ची अभिव्यक्ति का तरीका है।

©नवनीत ठाकुर #हिंदू न खतरे में था, न है न कभी ये रहेगा,
डर का व्यापार करने वाला, खुद सजेगा।
करोड़ों की आबादी बड़ा ली हमने,
बताओ सच तो फिर डर किस बात का।

Bharat Bhushan pathak

#मण्डूक_दोहे#छंद#वृक्ष#पेड़#नोजोटो_हिन्दी hindi poetry on life love poetry in hindi sad urdu poetry poetry deep poetry in urdu मण्डूक दोहे

read more
मण्डूक दोहे
पृथ्वी धारे तब हमें,काटें जब ना पेड़।
जान लीजिए सूत्र ये,प्राणों के यह मेंड़।।१

माने मेरी बात ये,उपयोगी उपहार।
देते खाना अरु दवा,रोपें वृक्ष हजार।।२

रोपें नित्य पेड़ एक,होता जो फलदार।
पुत्र जैसे ही मानें,सदा करे उपकार।।३


कहे धरा हमको यही,मानो मेरी बात।
वैरी सुन लो ना बनो ,नहीं करो आघात।४

 मेटे जो खुद को यहाँ,हमको देते ठौर।
 भूले न उनको छाँटें ,भोजन जो दे सौर।।५

इनसे ही होता यहाँ,सदा सुखी संसार।
शस्य-श्यामला हो धरा,हरियाली विस्तार।।६

©Bharat Bhushan pathak #मण्डूक_दोहे#छंद#वृक्ष#पेड़#नोजोटो_हिन्दी hindi poetry on life love poetry in hindi sad urdu poetry poetry deep poetry in urdu

मण्डूक दोहे
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile