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Ek villain
कुछ समय देश में महज गुटर ताकि आंधी आई थी धर्म को दर्शन विज्ञान और आत्मा शोधन का विषय मानने वाले हमारे समाज के नेता समझने ऐसा थे कि जिन्होंने मजहब के नाम पर हिंसा और अत्याचार का प्रकाश कर दी थी औरंगजेब के अतीत सोच के सामने उसे समय गुरु तेग बहादुर जी हिंदी दी चादर बनाकर चट्टान बनाकर खड़े हो गए थे इन शब्दों के माध्यम से गुरुवार को लाल किले पर श्री गुरु तेग बहादुर जी की 40 में प्रकाशन पुर अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के अस्तित्व को बचाने हेतु संघर्ष आसन के बलिदानों और लाभ हर्षद इतिहास को समेट दिया भारतीय मती दास भाई सत्ता दास भी भाई दयालु को निर्मल की मौत घाट उतारने के बाद 11 नवंबर 1975 को औरंगजेब के निर्देश पर गुरु तेग बहादुर जी के सलवार के अलग कर दिया गया जिसका साक्षी लाल किले स्थित गुरुद्वारा शीश गंज साहिब गुरु सुरक्षा हेतु के पास पहुंचे तो उन्होंने स्वीकार किया कि नहीं इसका वर्णन किया कि नहीं किया ©Ek villain #कृतक राष्ट्रीय का धन्यवाद ज्ञापन #SunSet
Poem and Motivation with Divyanshu
मंजिल ----------- हारा नहीं मैं ना ही जीता हूं, मैं तो केवल जिंदगी के खेल से अछुता हूं, मंजिल की राहों में कंकड़ों से टकराता हूं, थक कर भी मैं पीठ ना दिखाता हूं। रुका नहीं मैं ना ही दौड़ता हूं, मैं तो केवल अपनों से टुटा हूं, पथिक बनकर चलता रहता हूं, भय को मिटाकर निर्भय बन जाता हूं। धन्यवाद। दिव्यांशु राय आपके जीवन पर कविता । धन्यवाद। #foryou #yourpoem #mypoem
Alok Vishwakarma "आर्ष"
भक्त भगवन् के समुख है हाथ जोड़े धीर सा दृष्टि कृपा ईश्वर करें जन पर बहे अमि नीर सा पलकें निचाकर सरल जन घट हृदय में धारण किया प्रेम भगवन् ने दिया मन प्रेम सागर मिन भया "भक्त का प्रेम" अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करती है यह लघु कविता.. Prachi Sharma जी के quote से मुझे इस कविता के सृजन की प्रेरणा प्राप्त हुई थी..
Alok Vishwakarma "आर्ष"
भक्त भगवन् के समुख है हाथ जोड़े धीर सा दृष्टि कृपा ईश्वर करें जन पर बहे अमि नीर सा पलकें निचाकर सरल जन घट हृदय में धारण किया प्रेम भगवन् ने दिया मन प्रेम सागर मिन भया "भक्त का प्रेम" अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करती है यह लघु कविता.. Prachi Sharma जी के quote से मुझे इस कविता के सृजन की प्रेरणा प्राप्त हुई थी..
AMAN SRIVASTAVA
बचपन वो प्यार सा वक्त है,जो सब के जीवन में एक बार ज़रूर आता है,फिर चाहे वो अमीर हो या ग़रीब मगर हम चाह कर भी वो लम्हे वापस नहीं ला सकते.... वो बात-बात पर रूठना मनाना बस दो रूपय में खुश हो जाना वो वक्त कहाँ से लाओगे, दिनभर घूमना,गली-गली में शोर मचाना दौड़भाग कर खेल में छुपना,छुपकर दिल का ज़ोर धड़कना वो वक्त कहाँ से लाओगे, खेल-खेल में ज़ोर से गिरना,गिरकर उठना फिर चल देना स्कूल में घर की याद सताना रोना,हंसना फिर मुस्काना घर जाना है,ये कहकर मैम को दिलका हाल बताना वो वक्त कहाँ से लाओगे, भरी दुपहरी साइकिल लेकर खूब चलाना पतंग उड़ाना,इमली खाना,पटरा लेकर गेंद खेलना वो खेल कहाँ से लाओगे, थकहार कर,चोटें खाकर,साँझ-सकारे घर को आना माँ का सर पे हाथ फेरना उनके आँचल में सो जाना वो वक्त कहाँ से लाओगे। #हिन्दी #कविता #आप #के #लिए #मेरे #जीवन #का #सार #धन्यवाद
Poem and Motivation with Divyanshu
।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।। अपना इंडिया अपनी भारत मां ।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।। ।।।। कविता --------------वीर लाल हर मां का( Topic )-------------- कुछ लोग तो आते हैं जग में, शहीद होकर भी अमर हो जाते हैं जग में। उनके पदचिन्हों की निशानी, सुनते हैं लोगो की जुबानी। कुछ कर जाने का जज्बा उन वीरों में होता है, जो अपना जीवन देश पर न्योछावर करता है। वो वीर अमर हो जाते हैं, जो काम देश के आते हैं। जरूर वो हमसे कुछ तो होंगे भिन्न, तभी तो आते हैं वीरों में गिन्न। बलिदानों की धरती है ये, बलिदानी ही पैदा होगे। जिस दिन हम सब ने ठान लिया, ईंट पत्थर चलाने वाले एक ना मिलेगे। हम है आज के वीर, जवान हुए हैं पीकर नीर। देश की मिट्टी की अन्न हम सबने खाया, पर जीवन बीत गया कुछ वीरों ने ही कर्ज चुकाया। आज अवसर है कुछ वतन के लिए कर जाने का, स्वार्थ से हटकर भारत मां के कर्ज को चुकाने का। जब जब मुसीबत आया है इन वीरों ने ही बचाया बहुत हुआ बलिदान तब है आजादी आया Divyanshu -Rai शहीद जवानों पर कविता । धन्यवाद। #soldier #jawan #poem #poetry #mybest