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A.P
घर में है शादी सजे पड़े हैं बराती, हर जगह फैलीं हुईं हैं खुशहाली। (शीर्षक पढे) ©~pandeyji #marriage घर में है शादी सजे पड़े हैं बराती, हर जगह फैलीं हुईं हैं खुशहाली। अब आने वाली है दुल्हन न्यारी, दुल्हे कि पगड़ी लग रही है बहुत प्य
Technocrat Sanam
भाँति भाँति की ड्रिंक्स के दौर में गर्म पानी गटका जाएगा 'हैलो-हाय व्हाट्सअप ब्रो' भूल, हाथ जोड़, दूर से सटका जाएगा, अच्छे-बुरे सभी तरह के प्राणी अपना मुँह-नाक छिपाएंगे पिज्जा-फिज्जा खाने वाले लौकी-तुरई भी चाव से चबाएंगे , खुली सड़क में मटरगस्ती करने वाले बाबू-शोना बस जैसे-तैसे ऑनलाइन रिश्ता निभाएंगे, सूट-बूट टाइप प्रोफेसर ऊपर टी-शर्ट पहन, नीचे सिर्फ़ लोअर या लुंगी में ही पढ़ाएंगे, "अपना टाईम आयेगा" कहने वाले गबरु बांके मजबूरन फिर गुज़रे दिनों के ही स्टैटस लगाएंगे, थोड़ा-बहुत 'जान-पाडे़', 'अध-जल गगरी छलकाएंगे' घर-घर, भर-भर, घरेलू-नुस्खे बता, छाती-चौड़ियाएंगे, दुल्हन के साथ दूल्हा, बराती और जनाती सब सुबक-सुबककर सैनेटाईजर के आँसू रोएंगे , विस्की-ठर्रा से कुल्ला करने वाले जीजा-फुफा भी ग़म के मारे झुंझला कर पानी से मुँह-हाथ धोएंगे, 'सड़क-मकान बनाने वाले' और विकास लाने वाले आंसुओं के घूंट पी-पीकर दर-दर की ठोकरें खाएंगे, घर में सोफ़े पर लेटे-बैठे और पड़े-पड़े बाबू लोग रुपया-पैसा खूब कमाएंगे, महानुभाव कह गए 'सनम' से देखना- फ्यूचर में इतने भी अच्छे दिन आएँगे गिद्ध-विद्ध चील-कौवे मरेंगे भूखे-प्यासे लोग एक दूसरे को नोच-नोचकर खाएंगे ©technocrat_sanam कृपया इधर पढ़े.. 🙏 "समय-असमय" (part-2) भाँति भाँति की ड्रिंक्स के दौर में गर्म पानी गटका जाएगा 'हैलो-हाय व्हाट्सअप ब्रो' भूल, हाथ जोड़, दू
Abhay Bhadouriya
महादेव की बारात (अनुशीर्षक में पढ़ें) डमरू वाले बाबा चले ब्याह रचाने को नन्दी की सवारी करके गौरा जी को लाने को नारद जी को भेजा शिव ने मधुर संदेश सुनाने को बाबा की बारात में समस
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️ #Jazzbaat खूबसूरती की हसरत परत रही खामियों नही खोबिया की सतह सही रंग और बेरंग पर हर नुकसान वहीं मोटी और पतली हर पल बवाल वहीं छोटे और लंबे कपड़ो पर सवाल कई सीधे और घुंघराले बाल क्या झटके महसूस करता बवाल वहीं शादी और क्वारी किशोरी पर हर बार भार का एहसास वहीं मायका घर और ससुराल घर कौन से घर का मान बनू ये खाता सवाल सही अंधेरे और उजाले के वक्त की सीमा मेरी लिए सही? बोलना और चुप रहना सहने का जवाब वहीं तेज़ और धीमी गति की आवाज़ जैसे आंच पर पकती घोड़े की नाल वहीं दूसरे घर और पराया धन क्या मेरा तुम्हारा का बलिदान मैं ही मन और दिल की दिमाग से चलना मनमानी पर सवाल कई दफा और नुकसान उठाना रिश्तों की गठरी औरत में गले में टांगना फिर सवाल कई घर और चूल्हे की तलाश में धुएं ने लीन होती तैश औरों की इज़्ज़त की शान बराती बन कर रह जाती पूछती ख़ुद से सवाल कई काम और करनी कर्म और धर्म की लड़ाई में सरहदों जैसी धूल में पिस्ती यू तो ज़माने के बदलाव कई दिखावे और हकीकत में बदले नज़र और नजारे देखने में सवाल कई लाल पीले काले सफ़ेद हरे रंगो में हर मजहब महज़ हकीकत में लाचार होकर रह जाती क्या उससे पूछा वो क्या चाहती? ©️ जज़्बात ए हर्षिता #respect #women #lifequotes #reality #yqbaba #yqdidi Written by Harshita ✍️ #Jazzbaat खूबसूरती की हसरत परत रही खामियों नही खोबिया की सतह सह