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ASHWINI KUMAR
बिहार सरकार नींद में है, बुद्धिजीवी बिहारी सो रहा हैं, प्रवासी बिहारी #message बिहार का दर्द अश्विनी कुमार सिंह
ASHWINI KUMAR
बिहार सरकार नींद में है, बुद्धिजीवी बिहारी सो रहा हैं, प्रवासी बिहारी #message बिहार का दर्द अश्विनी कुमार सिंह
Ashvini Raj
कसा चंद्र कसं वय कशी तुझी चांदन्या सय कसा निघेल इथून पाय? वेड लागेल नाहीतर काय ©Ashvini Raj अश्विनी च्या लेखनीतून......
unforgettable
एक बार धोखा खा गए दूसरे की हिम्मत कैसे करूं सुना है दूसरा अटैक पहले से बड़ा होता है #yqdidi #yqbaba #yqquotes #yqtales #gayatrigiri #aestheticthoughts #YourQuoteAndMine Collaborating with Gayatri Giri Collaborating with 🌍अश
Gautam_Anand
फ़क़त जिस्म नहीं है जो किसी को भी सौंप दूँ ये रूह का मंदिर है जिसके देवता हो तुम ©Gautam_Anand #देवता
Manmohan Dheer
कोई मनमंदिर खाली हो तो देवता हो जाऊँ पत्थर सा हो गया हूँ कहीं टिक के बैठ जाऊँ देवता
Manmohan Dheer
तुम कहते हो कि देवता है तो अकेला क्यों दहकता है या है अपराध निर्वासित ही जो भीतर भीतर धधकता है प्रश्न औचित्य पे वसुंधरा का वो इतना भी क्यों सुलगता है देवता
Shayar Mukesh Kr Tiwari.
आदमी क्या, रह नहीं पाए सम्हल के देवता रूपसी के जाल में उलझे फिसल के देवता बाढ़ की लाते तबाही तो कभी सूखा विकट किसलिए नाराज़ रहते हैं ये जल के देवता भीड़ भक्तों की खड़ी है देर से दरबार में देखिए आते हैं अब कब तक निकल के देवता की चढ़ावे में कमी तो दण्ड पाओगे ज़रूर माफ़ करते ही नहीं हैं आजकल के देवता लोग उनके पाँव छूते हैं सुना है आज भी वो बने थे 'सीरियल' में चार पल के देवता भीड़ इतनी थी कि दर्शन पास से सम्भव न था दूर से ही देख आए हम उछल के देवता कामना पूरी न हो तो सब्र खो देते हैं लोग देखते हैं दूसरे ही दिन बदल के देवता है अगर विश्वास तो फिर डर कहीं लगता नहीं हर क़दम पर हैं हमारे साथ बल के देवता है अगर किरदार में कुछ बात तो फिर आएंगे कल तुम्हारे पास अपने आप चल के देवता शाइरी सँवरेगी अपनी हम पढ़ें उनको अगर हैं पड़े इतिहास में कितने ग़ज़ल के देवता देवता।।
Parasram Arora
पथरो की बस्ती मे सब तरफ पथरो की आदमशुमारी थी जहाँ.... भला फिर मै कैसे बच पाता पथर बनने से छैनी हथोड़ी से तराशने वाले कलाकारों ने मुझे ढूंड ही लिया किसी तरह. और फिर एकदिन मुझे तराश कर मंदिर मे . मेरी प्रतिमा को प्रतिष्ठित कर दिया जहाँ अब प्रतिदिन साँझ सवेरे मेरी पूजा होती हैँ . मेरा शृंगार किया जाता हैँ पुष्पमालाओ से.. फिर नारियल चढ़ाकर अगरबत्ती जलाकर उसके . असहय धुए को मेरी नासापुटों मे पहुंचाकर मुझे प्रदूषित किया जाता हैँ पता नहीं ये पथरीले लोग. इस पथर के तथाकथित देवता को न जाने कब तक यूही भरमाते रहेंगे देवता की कहानी देवता की ज़ुबानी..........