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Parasram Arora
परफेक्ट वर होता ही नहीं और न परफेक्ट वधू होती है एक बार शादी हो जाए...... तो और कोई किसी क़े लिए नहीं बना है और मानलो कोई हमारे लिए बना भी हो तो इस धरती पर सात अरब लोगों मे उसे ढूंढ़ना कितना कठिन है क़ि ताउम्र उसे ढूँढ़ते रह जाएंगे. और ज़ब तक हम उसे ढूंढ लेंगे जीवन हमारे हाथ से निकल जाएगा और हो सकता है जिसे हमने अपने लिए परफेक्ट समझा है हो सकता है वो भी किसी परफेक्ट की तलाश मे हो और क्या करेँगे तब ज़ब हम उसकी कसौटी पर खरे नहीं उतरे? ©Parasram Arora परफेक्ट वर वधू.......
Anuj Ray
नव वर-वधू को विवाह के मंडप में, हजारों हजारों शुभाशीष एक ही दिन में, दे करके चले जाते हैं लोग, शायद इसीलिए खुशी खुशी विवाहित ज़िंदगी बिताते हैं लोग। ©Anuj Ray # नव वर-वधू को...
Mohd Tasleem
आग के पास कभी मोम को लाकर देखू हो इजाजत तो तुझे हाथ लगा कर देखू दिल का मन्दिर बडा बिरान नजर आता है सोचता हूँ तेरी तस्वीर सजा कर देखू दिल वर दिल वर
संजय श्रीवास्तव
**************************************** वर दे !माँ भक्ति से मन भर दे दुर्गुण से दूर हमें पावन कर दे शैल पुत्री मां तु पहाड़ो वाली चंडी बन असुरों का वध कर दे वर दे !मां भक्ति से मन भर दे मां शारदे तुम दुर्गा विंध्यवासिनी हम भक्तों के सब दुख को हर.दे वर दे ! माँ भक्ति से मन भर दे अद्भुत छटा लाल चुनर वाली जीवन में खुशियोँ के रंग भर दे वर दे ! माँ भक्ति से मन भर दे जगजननी जगदंबा शेरा वाली वाणी में बसो मेरे ऐसा स्वर दे वर दे !माँ भक्ति से मन भर दे संजय श्रीवास्तव बुरहानपुर (म•प्र•) #साहित्य_सागर वर दे
Parasram Arora
आसमान बेचैन था और निरंतर कुछ सोच रहा था बादलो ने पूछा भी था कि क्यो वह इतना चुप था आसमान ज़मीन क़ो देख करचिंतित था.... क्योंकि वह जवानी की दहलीज़ लांघ चुकी थी ... क्योंकि ज़मीन क़ो वो अपनी बेटी मानता था... और इसिलए वो चिंतित भी था बादलो ने उसकी चिंतित दशा देख कर उसे सुझाव दीया कि कोई योग्य वर ढूंड कर इस कुंवारी ज़मीन के हाथ पीले कर दे.... आसमान भी इस सुझाव से सहमत हो गया था इसलिए उसने सूरज और चाँद के पास ज़मीन के व विवाह हेतु प्रस्ताव भेज दिया लेकिन सूरज ने यह कह कर प्रस्ताव ठुकरा दिया कि ये ज़मीन खून से रंग चुकी है और प्रदुषन्न से विषाक्त भी हो चुकी है चाँद ने भी इस प्रस्ताव क़ो ठुकराने के कारण बता दीये कि ये धरती अपना शिल्प खो चुकी है. कि ये धरती अपने संस्कार भूल कर दिशा विहींन हो चुकी है... कि विभ्र्म और द्वन्द ग्रस्तता के कारण ये ज़मीन पथभृष्ट हो चुकी है. इसलिए वो इस ज़मीन के लिए योग्य वर नहीं है ©Parasram Arora योग्य वर