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Mohan Sardarshahari
White यह कुछ ऐसा ही है जैसे घी तोलते घी पी लेते हैं हाथ साथ रहते - रहते बन जाती है बात। जैसे पतझड़ में अनयास पतों की बरसात बरसात में भीगकर आती गर्माहट की बात। जैसे अंधेरे में रहते अनपढ़ के उद्गार अक्षर के प्रकाश से खोल देते नये द्वार।। हां यह कुछ ऐसा ही है जैसे पढ़ते - पढ़ते कोई किताब याद आती लेखक की बात बात से ही निकलती बात पूछ बैठते खुद से ही औकात। यह कुछ ऐसा ही है जब पढ़ते हैं हम कोई तहरीर खुद को भी देखते हैं उस जहां करने लगते हैं खुद से बातें शायद यही है कवि का कारवां।। ©Mohan Sardarshahari # कवि का कारवां
# कवि का कारवां
read moreNandini
White सुनो मेरे प्रिय मैं यूं चाहूं तुम्हें, की तुझ पर आ कर ख़त्म हो गई चाहत मेरी मैं यूं मांगू तुम्हें, की बस अब पूरी हो गई हर मन्नत मेरी सुनो मेरे प्रिय मेरी हर ख्वाहिश अब तुम हो तुम मिल गए , ख़्हाविशे ख़त्म सी होगई मेरा श्रृंगार ज़रा अधूरा था आपने नज़र भर के जो मुझे देखा मुझे सबसे सुंदर बना दिया। सुनो मेरे प्रिय की मोहब्ब्त हो गई है हमें आपसे कैसे करूं आपसे बया कोई तो ये बात आप तक पहुंचा दे की मेरे ख्यालों में हर ख़्याल हैं सिर्फ आपका सुनो मेरे प्रिय बस अब तो मुझे आपका है बनना Wrriten by Nandini prajapati ✍️ ❤️ ©Nandini # मेरे प्रिय 💞
# मेरे प्रिय 💞
read moreRamji Tiwari
Unsplash विधा-दोहा छंद नेट प्रमाण प्रदान कर, करते हैं सम्मान। सहयोग राशि के रूप, लेते कवि से दान।। जो देकर पैसा मिला,वह कैसा सम्मान। जो धन देकर मान ले, नहीं है कवि महान।। गाना आता है नहीं, करते कविता पाठ। जो चोरी कविता पढ़ें, उनके हैं अब ठाठ।। रचना पढ़ते हैं नहीं, देते सुन्दर राय। गैरों की रचना कभी, तनिक नहीं मन भाय।। करे सृजन अवहेलना,कैसा रचनाकार। सच्चे लेखक के हृदय,बहे प्रेम रस धार।। स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari #दोहा #कवि #poem #Friend #साहित्य
seema patidar
प्रिय प्रेयसी क्यूं समझे तू खुद को अधूरी तेरे मिलने से हुई है मेरे जीवन की कमी पूरी यूं तो साज श्रंगार से दूर है तु पर मेरे चेहरे की रौनक बढ़ाता नूर है तु हां सच में मेरे लिए कोहिनूर है तु संघर्ष तेरा तेरी सादगी को और सवारता है आंखो की चमक ,चेहरे की मासूमियत और ह्रदय की कोमलता मेरे दिल के भावों को और निखारता है सब से अलग सब में एक तु किसी के जैसी है ही नही मुझमें मिलती जुलती सी बस मेरे लिए तु ही सही मत करना तुलना कभी खुद की किसी से चाहे सब हो पास ये दिल खिलता है एक तेरी हंसी से मत कहना अब कभी खुद को अधूरी तुझमें मैं और मुझमें तु है बस पूरी हां तू है पूरी........✍️ ©seema patidar काल्पनिक खूबसूरती ,प्रिय प्रेयसी #love_shayari
काल्पनिक खूबसूरती ,प्रिय प्रेयसी #love_shayari
read moreKavi Himanshu Pandey
दर्द को सहना पल पल दीवानों का काम है, कमजोरों का नहीं, शब्दों से धरा में कंपन कराना कवियों का काम है, अकवियों का नहीं! .... Er. Himanshu Pandey ©Kavi Himanshu Pandey कवि का दर्द.. #beingoriginal #NojotoHindi
कवि का दर्द.. #beingoriginal Hindi
read moreKavi Himanshu Pandey
दर्द को पल पल करना पड़ता है महसूस, नहीं आसान है वैसा होना, पता नहीं कब नसें भारी होने लगें संवेदना से, नहीं आसान है कवि होना! ........ Er. Himanshu Pandey ©Kavi Himanshu Pandey कवि का दर्द.. #beingoriginal #NojotoHindi
कवि का दर्द.. #beingoriginal Hindi
read moreShailendra Anand
New Year Resolutions ्भावचित्र ् ्निज विचार ् तुलसा संग ब्याव्ह में, एक हरि भज भयो। गज मन मेरो उदास हे, कै मन करौ उपहास मेरौ। जगत पिता ने, झूठौ रचयौ माया जाल। जण में फासयौ मणक जींवणा, भणक ना लागी पाप पुण्यौ काकाज,। मती हरी गति हरी , घट में रहया प्राण कैणा वास्ते, रमन करै जींव म्हारो खौटौ। जग में ढिंढोरा पीटे में, होऊं लागै तण मण सारौ,। जगत में एक नार एक सार, सबमें एक घट सा प्राण है। मणक बावरा पैला इणमै,, हैरा फैरा कर दीजै। फिर बणी जावा गा,, कणी भी धरमणा,।। जात,धरमणा,उरगा,मुरगा,, पूरखा कूण गपलाये म्हारे देस में,। आज भरौसौणी म्हारे ,, कुण म्हारे मारे काटै बालै दफणावै ।। जौं झूठौ रचयौ माया जाल,, खैलयौ सब धर्मोंणा णे। तथा कथा उपाख्यानों में,, णी रैणौ झूठौ ख्यालौ में।। ्कवि््शैलेन्द़ आनंद ©Shailendra Anand #newyearresolutions भक्ति सागर कवि शैलेंद्र आनंद
#newyearresolutions भक्ति सागर कवि शैलेंद्र आनंद
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