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Stories related to 'मेरे प्रिय कवि तुलसीदास'

Mohan Sardarshahari

# कवि का कारवां

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White यह कुछ ऐसा ही ‌है 
जैसे घी तोलते 
घी पी लेते हैं हाथ
साथ रहते - रहते
बन जाती है बात। 

जैसे पतझड़ में अनयास 
पतों की बरसात
बरसात में भीगकर
आती गर्माहट की बात। 

जैसे अंधेरे में रहते
अनपढ़ के उद्गार
अक्षर के प्रकाश से 
खोल देते नये द्वार।।

हां यह कुछ ऐसा ही ‌है 
जैसे पढ़ते - पढ़ते कोई किताब
याद आती लेखक की बात
बात से ही निकलती बात
पूछ बैठते खुद से ही औकात। 

यह कुछ ऐसा ही ‌है 
जब पढ़ते हैं हम कोई तहरीर 
खुद को भी देखते हैं उस जहां 
करने लगते हैं खुद से बातें 
शायद यही है कवि का कारवां।।

©Mohan Sardarshahari # कवि का कारवां

Asheesh Mishra

Nandini

# मेरे प्रिय 💞

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White सुनो मेरे प्रिय 

मैं यूं चाहूं तुम्हें, की तुझ पर आ कर ख़त्म हो गई चाहत मेरी

मैं यूं मांगू तुम्हें, की बस अब पूरी हो गई हर मन्नत मेरी

सुनो मेरे प्रिय 

मेरी हर ख्वाहिश अब तुम हो
तुम मिल गए , ख़्हाविशे ख़त्म सी होगई 

मेरा श्रृंगार ज़रा अधूरा था
आपने नज़र भर के जो मुझे देखा
 मुझे सबसे सुंदर बना दिया।

सुनो मेरे प्रिय 
 
की मोहब्ब्त हो गई है हमें आपसे 
कैसे करूं आपसे बया 
 
कोई तो ये बात आप तक पहुंचा दे
की मेरे ख्यालों में हर ख़्याल हैं सिर्फ आपका 

सुनो मेरे प्रिय 

बस अब तो मुझे आपका है बनना 

Wrriten by Nandini prajapati ✍️ ❤️

©Nandini # मेरे प्रिय 💞

Ramji Tiwari

Unsplash 
विधा-दोहा छंद 

नेट प्रमाण प्रदान कर, करते हैं सम्मान।
सहयोग राशि के रूप, लेते कवि से दान।।

जो देकर पैसा मिला,वह कैसा सम्मान।
जो धन देकर मान ले, नहीं है कवि महान।।

गाना आता है नहीं, करते कविता पाठ।
जो चोरी कविता पढ़ें, उनके हैं अब ठाठ।।

रचना पढ़ते हैं नहीं, देते सुन्दर राय।
गैरों की रचना कभी, तनिक नहीं मन भाय।।

करे सृजन अवहेलना,कैसा रचनाकार।
सच्चे लेखक के हृदय,बहे प्रेम रस धार।।

      स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम"
                            उन्नाव (उत्तर प्रदेश)

©Ramji Tiwari #दोहा
#कवि 
#poem 
#Friend 
#साहित्य

seema patidar

काल्पनिक खूबसूरती ,प्रिय प्रेयसी #love_shayari

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प्रिय प्रेयसी
क्यूं समझे तू खुद को अधूरी
तेरे मिलने से हुई है मेरे जीवन की कमी पूरी
यूं तो साज श्रंगार से दूर है तु
पर मेरे चेहरे की रौनक बढ़ाता नूर है तु
हां सच में मेरे लिए कोहिनूर है तु 
संघर्ष तेरा तेरी सादगी को और सवारता है
आंखो की चमक ,चेहरे की मासूमियत और 
ह्रदय की कोमलता
मेरे दिल के भावों को और निखारता है
सब से अलग सब में एक तु किसी के जैसी है ही नही
मुझमें मिलती जुलती सी बस मेरे लिए तु ही सही
मत करना तुलना कभी खुद की किसी से
चाहे सब हो पास ये दिल खिलता है एक तेरी हंसी से
मत कहना अब कभी खुद को अधूरी
तुझमें मैं और मुझमें तु है बस पूरी
हां तू है पूरी........✍️

©seema patidar काल्पनिक खूबसूरती ,प्रिय प्रेयसी
#love_shayari

काली स्याही डिटेक्टिव

कवि

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©BABA कवि

Vivek Gautam

मेरे एहसास...

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White नियत ही नियति तय करती है।।

©Vivek Gautam मेरे एहसास...

Kavi Himanshu Pandey

कवि का दर्द.. #beingoriginal Hindi

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दर्द को सहना पल पल दीवानों का काम है, कमजोरों का नहीं,
शब्दों से धरा में कंपन कराना कवियों का काम है, अकवियों का नहीं! 
.... Er. Himanshu Pandey

©Kavi Himanshu Pandey कवि का दर्द.. #beingoriginal #NojotoHindi

Kavi Himanshu Pandey

कवि का दर्द.. #beingoriginal Hindi

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दर्द को पल पल करना पड़ता है महसूस, नहीं आसान है वैसा होना, 
पता नहीं कब नसें भारी होने लगें संवेदना से, नहीं आसान है कवि होना! 
........ Er. Himanshu Pandey

©Kavi Himanshu Pandey कवि का दर्द.. #beingoriginal #NojotoHindi

Shailendra Anand

#newyearresolutions भक्ति सागर कवि शैलेंद्र आनंद

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New Year Resolutions ्भावचित्र ्
        ्निज विचार ्
तुलसा संग ब्याव्ह में,
एक हरि भज भयो।
गज मन मेरो उदास हे,
कै मन करौ उपहास मेरौ।
जगत पिता ने,
झूठौ रचयौ माया जाल।
जण में फासयौ मणक जींवणा,
भणक ना लागी पाप पुण्यौ काकाज,।
 मती हरी गति हरी ,
घट में रहया प्राण कैणा वास्ते,
 रमन करै जींव म्हारो खौटौ।
जग में ढिंढोरा पीटे में,
 होऊं लागै तण मण सारौ,।
जगत में एक नार एक सार,
 सबमें एक घट सा प्राण है।
मणक बावरा पैला इणमै,,
 हैरा फैरा कर दीजै।
फिर बणी जावा गा,,
 कणी भी धरमणा,।।
जात,धरमणा,उरगा,मुरगा,,
 पूरखा कूण गपलाये म्हारे देस में,।
आज भरौसौणी म्हारे ,,
कुण म्हारे मारे काटै बालै दफणावै  ।।
जौं झूठौ रचयौ माया जाल,,
 खैलयौ सब धर्मोंणा णे।
 तथा कथा उपाख्यानों में,,
 णी रैणौ झूठौ ख्यालौ में।।
       ्कवि््शैलेन्द़ आनंद

©Shailendra Anand #newyearresolutions  भक्ति सागर
कवि शैलेंद्र आनंद
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