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bhim ka लाडला official
ਸੀਰਿਯਸ jatt
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
विधा :- चवपैया छन्द तुम हो मतदाता , मेरे भ्राता , क्यों इनसे डरते हो । अब सोच समझ लो,तब निर्णय लो,कब इनमें बसते हो ।। ये तेरा खाते , अपनी गाते , अपनी धुन रमते हैं । मत देखो थैली , होती मैली , पाप सदा भरते हैं ।। इनका धर्म नहीं , ईमान नहीं, माया के गुण गाते । सब भूले अपने , देखें सपने , जग को ये भरमाते ।। ये बे पथ होकर , बनकर नौकर , बन जाते हैं राजा । कर झूठे वादे , गलत इरादे , खूब बजाते बाजा ।। ठोको छाती , अब दिन राती , मुर्गा दारू खाके । अब क्यों है रोता , उडता तोता , बोलो मेरे काके ।। सुन जहाँ समय है , करूँ विनय है , जागो मेरे भ्राता । तुम क्यों हो डरते ,चलकर लडते , तुम सब हो मतदाता ।। २९/११/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR विधा :- चवपैया छन्द तुम हो मतदाता , मेरे भ्राता , क्यों इनसे डरते हो । अब सोच समझ लो , तब निर्णय लो , कब इनमें बसते हो ।। ये तेरा खात
Deepak Mubarakpuri
छाती चौड़ी हुई कंधे ऊंचे हुए , पैर जब पड़े जिम्मेदारी तले । विस्मय हुआ पुरानी बातों का , हर किसी की अपेक्षा हम धीरे चले ।। ©Deepak Mubarakpuri #Shadow छाती चौड़ी हुई कंधे ऊंचे हुए , पैर जब पड़े जिम्मेदारी तले । विस्मय हुआ पुरानी बातों का , हर किसी की अपेक्षा हम धीरे चले ।।
Ravi Sharma
क्रोध जलाए आप को , जल जाए बस छाती आग पी जाए तेल को अंत जले बस बाती।। अपनी मैं में मर रहा हर मानुष नादान , आंनद में बस वो रहे जो सुमिरे भगवान।। नाथ सहारा हो तुम्ही , तुम्ही हो पालनहार तुम्ही आस विश्वास हो , तुम्ही हो तारनहार।। रीते नयन सागर बने , हृदय लगे जब शूल, माफ किया न जाय रवि बड़ी लगे जब भूल।। बोले से बोले बने न , सब हार जाए मनोहार बातों से बातें बढ़ें फिर बस बढ़ जाए तकरार।। जलती बाती देख के, रवि करता रहा विचार जल कर, मिटकर ही हुआ है रोशन ये संसार।। ।। रवि ।। ©Ravi Sharma क्रोध जलाए आप को , जल जाए बस छाती आग पी जाए तेल को अंत जले बस बाती।। अपनी मैं में मर रहा हर मानुष नादान , आंनद में बस वो रहे जो सुमिरे भग
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
मनोला छन्द :- १२२ ११२ २२ निरोगी उसकी काया । झुका मस्तक जो आया ।। कटे जीवन की बाधा । कृपा जो बरसे राधा ।। तुम्हारा अब ये चेला । दिखाए सबको मेला ।। दुखे क्यों उनकी छाती फकीरी हमको भाती ।। २८/०९/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मनोला छन्द :- १२२ ११२ २२ निरोगी उसकी काया । झुका मस्तक जो आया ।। कटे जीवन की बाधा । कृपा जो बरसे राधा ।।
KP EDUCATION HD
KP NEWS HD कंवरपाल प्रजापति समाज ओबीसी for the same for me ©KP EDUCATION HD  1. भारतीय सेना JCO और हविलदार भर्ती 2023 - अंतिम परिणाम जारी भारतीय सेना ने हाल ही में जूनियर कमीशन्ड ऑफिसर (धार्मिक शिक्षक) और हविलदार
Nitu Singh जज़्बातदिलके
प्रेम की डोरी... प्रेम की डोरी उसकी ही थाली मेँ रह गयी रखी, जब भईया की वीरगति की खबर ले दौड़ी आई सखी। राह तक रही बडी आस से बहना के हाथोँ से थी थाली छूटी, उस दिन आँच गिरी हृदय पर डोरी थी जीवन से ही थी टूटी, गिर पड़ी यकायक जमीन चाटती भईया की प्यारी बहना, टूट गया था स्वर्णिम रिश्तोँ का सुनहरा तब एक गहना, हृदय तार तार हुआ जाता था मन स्तब्ध बस रोता था, विधना अपनी चाल चल गया शायद केवल वह खुश होता था। जमघट लगा था उस घर पर जिसने बेटा जवान एक खोया था, माता ने छाती कूटी थी और बापू सिसक सिसक कर रोया था। कुछ क्षण बीते महारुदन के बीच उठ खडी हुयी प्यारी बहना, और सिसकियां ले लेकर सबको लगी सुनाने थी कहना माँ भारती का सच्चा सेवक था मेरा भाई प्यारा, माता की रक्षा करते करते जो जीवन से भले गया हारा। स्वर्णिम अक्षर से मेरे भईया की गाथा गाई जाएगी, हर बहना अपने भईया को जब रेशम की डोर पहनाएगा। तब रक्षा का वचन सच्चे अर्थोँ मेँ समझ जग पाएगा, माँ भारती की रक्षा मेँ हर युवक जी जान लाएगा, भईया की कलाई पर अब मैँ ना राखी बांध पाऊँगी, पर उसकी अंतिम विदाई पर भी मैँ आँसू नहीँ बहाऊँगी। गर्व सदा मुझे रहेगा अपनी माता के रक्षक भाई पर, माँ भारती के उस सेवक पर और उसकी सेवकाई पर। तब अश्रु पोँछे थे बहना ने जनता ने जयकार लगाई थी, रक्षाबंधन का तब मतलब जाना ऐँसी राखी हमने मनाई थी। ©Nitu Singh(जज़्बातदिलके) #rakshabandhan प्रेम की डोरी... प्रेम की डोरी उसकी ही थाली मेँ रह गयी रखी, जब भईया की वीरगति की खबर ले दौड़ी आई सखी। राह तक रही बडी
Suditi Jha
यकीन हम उनको दिलाए कैसे छाती फाड़ के दिखाए कैसे चिल्लाते रहे हम यही सच है वो कहते रहे इतना झूठ बोलते हो कैसे।। ©Suditi Jha #DiyaSalaai #Jhooth #yakeen #shayaari #Bhrosa #nojohindi #nojotaquotes #छाती #shayri_ki__dayri #shayri