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yogitaupadhyay45gmailcom

नारी ही तो हूँ

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न रोको मुझे रिश्तों की जंजीरो से 
सब कुछ तो संभाले हुऐ हूँ 
फिर और कित नि नई खता जाहिर कटना बाकि हें 
मेरे अरमानो की राख उड़ाना बाकि हें 
अपनों के सामने मेरे किरदार को बताना बाकि हैं 
जहाँ आप की इतनी इनायत हैं 
वहा और सुर्खियों बटोरना बाकि हैं 
बस में एक नारी ही तो हूँ 
अभि तो मेरा टूट ना और आप का पल पल तोड़ ना बाकि हैंकब हlरी में तुम से 
क्यूँ  की नारी ही नारी से उलझ रही हैं 
न तुम कम हों न में कम हूँ बता ओ नारी कब हारी हैं
tamnna❤️की

©yogitaupadhyay45gmailcom नारी ही तो हूँ

Aman Soni

अर्जी हमारी, मर्जी तुम्हारी....🥺♥️💫

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हिमांशु Kulshreshtha

सोचता हूँ कभी कभी....

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White सोचता हूँ कभी कभी
क्या तुम मेरा इश्क़ थीं
या, यूँ ही बस एक इंसानी फ़ितरत
पसन्द करना किसी को
मोहब्बत के ख्याली पुलाव पकाना
ग़र ये, महज़ एक आकर्षण था
तेरे मुँह मोड़ने पर भी बाकी क्यूँ है
तो क्या है जो अब भी बाकी है मुझ में
एक शोर सा, मेरी सांसों की डोर सा
क्यों होता है ऐसा…
हर बार बेवफ़ा समझ कर
सोचता हूँ तुम से दूर जाने को
तेरा अक्स मेरी आँखों में उतर आता है
मुस्कुरा कर जैसे पूछ रहा हो
कैसे हो तुम, जो कहा करते थे
आख़िरी साँस तक चाहोगे मुझे
तब शर्त कहाँ थी उतना ही चाहोगी तुम
मुस्कुराहट तुम्हारी शोर बन कर
गूंजने लगती है मेरे भीतर
धड़कनें इस क़दर बढ़ जाती है
मानो दिल फटने को हो
हँसी में घुले सवाल गूंजने लगते हैं मेरे कानों में
एक शोर, जो डराने लगता है मुझे
हर बार, हर रात मुझे
जाग जाता हूँ मैं, भूल कर सारे शिकवे
एक और सुबह होती है मुझे याद दिलाने को
इश्क़ है मुझे तुम से, रहेगा भी आख़िरी साँस तक
इस जन्म, उस जन्म, हर जन्म

©हिमांशु Kulshreshtha सोचता हूँ कभी कभी....

Sanatan_Sanskriti_Shubhash

aditi the writer

#मैथिली शरण गुप्त Kumar Shaurya Raj Sabri vineetapanchal @it's_ficklymoonlight

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Unsplash 
न हो सिद्धि, साधन तो है
बुद्धि नहीं, न सही, पर मैंने पाया अपना मन तो है

यही बहुत जो इसे सँजोऊ
अधिक-हेतु क्यों रोऊँ-धोऊँ
सखा, सूत वा दूत न होऊँ

पर यह जन प्रभु-जन तो है
न हो सिद्धि, साधन तो है!

माना मुक्त नहीं हो पाया,
खींच मुझे यह बंधन लाया
तब भी मेरी ममता-माया

मिला मुझे नर-तन तो है
न हो सिद्धि, साधन तो है!

बाहर भी क्या आज खड़ा मैं
काले कोसों दूर पड़ा मैं
देख रहा हूँ किंतु बड़ा मैं

तेरा खुला भवन तो है
न हो सिद्धि, साधन तो है!

©aditi the writer
  #मैथिली शरण गुप्त Kumar Shaurya  Raj Sabri  vineetapanchal  @it's_ficklymoonlight

aditi the writer

#मैथिली शरण गुप्त Kumar Shaurya Raj Sabri vineetapanchal @it's_ficklymoonlight

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Unsplash 
न हो सिद्धि, साधन तो है
बुद्धि नहीं, न सही, पर मैंने पाया अपना मन तो है

यही बहुत जो इसे सँजोऊ
अधिक-हेतु क्यों रोऊँ-धोऊँ
सखा, सूत वा दूत न होऊँ

पर यह जन प्रभु-जन तो है
न हो सिद्धि, साधन तो है!

माना मुक्त नहीं हो पाया,
खींच मुझे यह बंधन लाया
तब भी मेरी ममता-माया

मिला मुझे नर-तन तो है
न हो सिद्धि, साधन तो है!

बाहर भी क्या आज खड़ा मैं
काले कोसों दूर पड़ा मैं
देख रहा हूँ किंतु बड़ा मैं

तेरा खुला भवन तो है
न हो सिद्धि, साधन तो है!

©aditi the writer #मैथिली शरण गुप्त Kumar Shaurya  Raj Sabri  vineetapanchal  @it's_ficklymoonlight

aditi the writer

#मैथिली शरण गुप्त Kumar Shaurya Raj Sabri vineetapanchal @it's_ficklymoonlight

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Unsplash 
न हो सिद्धि, साधन तो है
बुद्धि नहीं, न सही, पर मैंने पाया अपना मन तो है

यही बहुत जो इसे सँजोऊ
अधिक-हेतु क्यों रोऊँ-धोऊँ
सखा, सूत वा दूत न होऊँ

पर यह जन प्रभु-जन तो है
न हो सिद्धि, साधन तो है!

माना मुक्त नहीं हो पाया,
खींच मुझे यह बंधन लाया
तब भी मेरी ममता-माया

मिला मुझे नर-तन तो है
न हो सिद्धि, साधन तो है!

बाहर भी क्या आज खड़ा मैं
काले कोसों दूर पड़ा मैं
देख रहा हूँ किंतु बड़ा मैं

तेरा खुला भवन तो है
न हो सिद्धि, साधन तो है!

©aditi the writer
  #मैथिली शरण गुप्त Kumar Shaurya  Raj Sabri  vineetapanchal  @it's_ficklymoonlight

F M POETRY

#कभी तुम्हारी ही यादो से.....

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White कभी तुम्हारी ही यादों से दिल धड़कता था..


कि अब तुम्हारी ही यादों से जान जाती है..



यूसुफ़ आर खान..

©F M POETRY #कभी तुम्हारी ही यादो से.....

F M POETRY

#तुम्हारी याद आये जा रही है......

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White मुझे अंदर से खाये जा रही है...

तुम्हारी याद आये जा रही है...



यूसुफ़ आर खान...

©F M POETRY #तुम्हारी याद आये जा रही है......

Nurul Shabd

#मैं #जैसी #हूँ #वैसी #हीं बेमिसाल हूँ #motivatation Extraterrestrial life

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