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New स्मृति ईरानी Quotes, Status, Photo, Video

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ashish gupta

#laughter Comedy बड़े सिलेंडर के दाम तो याद आई एक सकल जानी पहचानी सी दहाड़े मार मार चीखती चिलाती लगती थी स्मृति ईरानी सी #News

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AwadheshPSRathore_7773

"स्मृति ईरानी को सुनिए एक देशप्रेमी के रूप में" "चस्पा करो जगह जगह देखो भाजपा हर जगह" 🙏🇮🇳जयभाजपा,जय हिन्दूराष्ट्र की 🇮🇳🙏

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Rupam Jha

जीत हार की सियासी जंग में एक इंसान ज़िन्दगी हार गया। अभी प्रमाणित तो नहीं हुआ कि हत्या का क्या कारण था पर प्रथम दृष्टया लगता है कि सियासी जं #yqdidi #YourQuoteAndMine #yqhindi #siyasat #नवरूप #jhapost

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आदम ही आदम का रक्तपान कर रहा है यहां,
क्या राजनीति में नरसंहार जरूरी है? जीत हार की सियासी जंग में एक इंसान ज़िन्दगी हार गया। अभी प्रमाणित तो नहीं हुआ कि हत्या का क्या कारण था पर प्रथम दृष्टया लगता है कि सियासी जं

writer girl

संसद भवन भी एक स्कूल है, जहा राहुल गांधी जैसा बेक बेंचर होता, जहा संजय राउत जैसे नॉटी बच्चा, स्मृति ईरानी जैसी एक होनहार छात्रा, मोदी जैसा च #Politics #politicians

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संसद भवन एक स्कूल




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©writer girl संसद भवन भी एक स्कूल है,
जहा राहुल गांधी जैसा बेक बेंचर होता,
जहा संजय राउत जैसे नॉटी बच्चा,
स्मृति ईरानी जैसी एक होनहार छात्रा,
मोदी जैसा च

Shilpa yadav

भटकते हुए एहसास समेटने के चक्कर में
अक्सर भटकते हैं लोग,चींटी जैसे शक्कर में

©Shilpa yadav #JodhaAkbar #आंगन #स्मृति#स्मृति

Savita Suman

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डाॅ राजेश हालुवासिया

स्मृति

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उनके साथ बिताए पलों की यादों के कारवां का वो कारिंदा मैं ही हूॅ।
मेरे ख्वाबों का क्या, उनके ख्वाबों से अपने दिल को  जलाए वो कारिंदा मैं ही हूॅ।
उनकी हसरतों को ताज सा सा सजाए वो कारिंदा मैं ही हूॅ।
उनके लिखे हुए खतों को आज तक अपने जहन में समाए वो कारिंदा मैं ही हूॅ।
वो मिले तो नहो पर उनके मिलने की आश लगाए वो कारिंदा मैं ही हूॅ। स्मृति

Amit Singhal "Aseemit"

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fanna,______💔✍️

स्मृति..... #nojotophoto

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 स्मृति.....

*#_@_#*

स्मृति#

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##स्मृतियों के पन्नों से##


वाणी के तीक्ष्ण शरों से जब ये हृदय बिंध हो जाता है 
तुम याद स्वयं आ जाती हो रह -रह कर कर मन अंकुलाता है 

 तुम बिन रोना भी चाहूँ तो मैं किसके अंक शीश रख दूं 
अंतस की विकल उदासी को कैसे स्मित पट से ढक दूं 
मालूम है तुम न आओगी दुनिया की इन दहलीजों पर
लेकिन हर बार हृदय मेरा- पागल सा तुम्हें बुलाता है

मन कभी कभी थक जाता है दुनिया की दुनियादारी से
शीतल सा मन जल उठता है आघातों की चिंगारी से 
जब प्राणों की सारी कविता यूँ ही उदास हो जाती है 
 जब  निर्निमेष बोझिल  आंखों में शून्य क्षितिज भर आता है

तुम को खोया तो है मैंने लेकिन इक अनुभव पाया है 
शाश्वत आखिर क्या है जग में  जाएगा जो भी आया है
मैं शोक  नहीं करती फिर भी यादें हैं😔😔 आ ही जाती हैं
जब यह मासूम हृदय मेरा  दुनिया में ठोकर खाता है

इक अरसा गुजर गया लेकिन सब कल जैसा ही लगता है 
तुम अभी -अभी क्या चली गई हो कुछ ऐसा ही लगता है 
 तुम स्वप्नों में भी मौन सत्य  का इक संबल दे जाती हो 
"स्नेह" तुम्हारे बंधन में मन सुखपूरित दुख पाता है

                     __अभिलाषा पाण्डेय "स्नेह"

©abhilasha pandey #स्मृति#
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