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'मनु' poetry -ek-khayaal
आप क्यों, अपने, अपनों को खुश करना चाहता है ? बहुत गहरे में दूसरों की खुशी में कहीं न कहीं आत्मसंतुष्टि दबी होती है आपकी, परखना जब आप दूसरों को खुश कर रहे होते हैं आपकी सन्तुष्टि कहां है, अन्तस् में टटोलना अवश्य मिलेगी..!!! 'मनु' सन्तुष्टि
Shweta Gupta
संतुष्ट होने की कोशिश करे, संतुष्टि से सुकून का सफर थोड़ा आसान है। हो सकता है, सुकून मिल जाये। #सुकून #सुकून_की_तलाश #peace #quoteliners #yqdidi #सन्तुष्टि #nirwana
Sapna Aaht vaghela
पता नही हम क्यों इतना रोते है सब कुछ हो कर भी कतरे कतरे के लिए रोते हैं सन्तुष्ट तो हो ही नही पाते हैं जितना है उस मे जी ही नही पाते हैं हमेशा ज्यादा के चक्र में वो थोड़ा भी खो देते है फिर आंसू ले कर सो लेते है पता नही कितनो को दोषी करार कर देते है फिर हर पल हर क्षण खुद से लड़ते रहते है #CallinLife सन्तुष्टि जीवन मे खुशी ले आती है ज्यादा पाने की कोसिस होनी चाहिए चिन्ता नही
Kishan Gupta
किचन की रानी, तू पसीने से लतपत, पंखा बना, मुझे घुमाये जा रही हो,, चाय कब तक यूँ ही, फीकी पिलाओगी, इलायची के इंतजार में, अदरक पीसे जा रही हो। ~किशन गुप्ता #कविता #कविता #
Awanish Singh
दीप हूँ जलता रहूँगा । मैं प्रलय की आँधियों से, अंत तक लड़ता रहूँगा ।। पार जाऊँगा मेरा साहस, कभी हारा नहीं है। जो मिटा अस्तित्व दे, ऐसी कोई धारा नहीं है ।। कौन रोकेगा स्वयं तूफान, थककर रुक गये हैं । हर लहर मेरा किनारा, ध्येय तक बढ़ता रहूँगा।। दीप हूँ जलता रहूँगा । मैं प्रलय की आँधियों से, अंत तक लड़ता रहूँगा ।। तोड़ दी अवरोध की सारी, शिलाएँ एक क्षण में । मैं धरा का प्यार मुझको, स्नेह देते सब डगर में।। शीत वर्षा और आतप कर, न पाये क्षीण गति को। बिजलियों की कौंध में भी, पंथ गढ़ता ही रहूँगा।। दीप हूँ जलता रहूँगा । मैं प्रलय की आँधियों से, अंत तक लड़ता रहूँगा ।। ©Awanish Singh (AK Sir) #कविता #कविता
Shri Sachin
माँ शक्ती दे,भक्ति दे,जयविजय दे,स्वास्थ्य दे,समृद्धि दे सन्तुष्टि दे,शिक्षा दे।शारदीय नवरात्र की शुभकामनाएँ।
Balu Khaire
भीगी हुई आँखोका मंजर न मिलेगा, घर छोडकर मत जाओ कही घर ना मिलेगा। फिर याद बहुत आएगी जुल्फो की शाम, जब धूप मे साया कोई सर न मिलेगा। आंसू को काभि ओस का कतरा न समझना, ऐसा तुम्हे चाहत का समुदर ना मिलेगा। इस ख्वाब के माहोल मे बे-ख्वाब है आँखे, जब निंद बहुत आएगी बिस्तर ना मिलेगा। ये सोचलो आखरी साया है मोहब्बत, इस दरसे उठोगे तो कोई दर ना मिलेगा ©Balu Khaire कविता कविता #lonely
vijaysinh
writing quotes in hindi मन पीढ़ा से बैचेन हो जाता है, तब जा के क़लम कागज स्याही रोता है। क़लम खुद का नहीं,औरों का दुख रोता हैं। हर पन्ने पर क्रांति की बीज बोता है। दुनिया में सब से ज्यादा दुखी क़लम हैं, हर वक़्त खून के आंसू रोता है, खून रूपांतर चंद लकीरों में होता है। अब लोक उसे अल्फ़ाज़ समजते हैं पर वह अल्फ़ाज़ नहीं लब होते हैं जो क़लम के दिलसे निकले होते है। #कविता #क़लम कविता
AnishaDodke
कविता कवीला वेळ नसतो कवीला काळ नसतो फावल्या वेळात तो कविता लिहीत असतो! कवितेत करियर नाही योग्य आहे पण करियर सोबत कविता करणे हाच छंद आहे! कवितेत आसन नाही ये दुःख आहे पण कवितेचं वेशन आहे हेंच सुख आहे....! रिकाम्या डोक्यात काही तरी सूचन आणि कागदावर मांडण हेच माझं काव्यलिखाण आहे.....! कवयित्री:कु अनिषा दोडके ©AnishaDodke कविता कविता #BookLife