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Alok krishya
हमने लफ्जों की शियासत नही सीखी। जो दिल मे आया वही बयां करते गए।। shiyasat #chai_love
shiyasat #chai_love
read moreshyam kamat
Paidal chalte ja rha hai, Wo apne gaon ja rha hai, Bhookh pyaas uske sathi-sangi hai, Aaj saari ki saari shiyashat nangi hai. Aisi shiyashat kis kaam ki #Life
Aisi shiyashat kis kaam ki #Life
read moreअंग
Dear Government कभी कभी सालोंकी गुलामी मिल जाती है, कुछ सुनना चाहो तो जूठी कहानी मिल जाती है... गौर से बदले ग़र कोई सियासती दाव, तो अर्सो से चल रही सियासतें मिट जाती है..!! -"अंग" #Nojoto#Politics#Shiyasat#Shyari#Election
Kavita sharma
नन्ही सी आंखें मुट्ठी बंद थी मैं तब एक छोटी सी गुड़िया थी मेरी माँ से पहले गोदी में लिया था वो शख्स कोई और नहीं ,मेरे पापा थे जबरदस्ती मेरी मुट्ठी खोल ,उंगली फंसाते थे जाने क्या खुशी उन्हें मिलती थी यह बात आज भी वह बात याद दिलाती है मैं आई भी नहीं थी इस दुनिया में उससे पहले से सपने बुन रहे थे अपने अधूरे सपनों को अधूरा छोड़ मेरे ख्वाब हकीकत कर रहे थे वो कभी घोड़ा तो कभी हाथी मानू जैसे मेरे लिए हर किरदार निभा रहे थे बस मेरी एक जल्ली सी मुस्कुराहट के लिए खुद जल्ले से बनते जा रहे थे अरे यह तो छोड़ो ............ वो तो मेरे अधूरे उल्टे - सीधे इशारों को भी सीधे-सीधे समझ रहे थे बस दिन के गुजरते समय के साथ वह हर रोज मेरे पापा या सिर्फ पा ... बोलने का इंतजार कर रहे थे वह शख्स कोई और नहीं ,मेरे पापा थे खुद धूप में खड़े...... मेरे लिए छाया के पेड़ लगा रहे थे दर्द कभी ना झेलुँ मैं , इसीलिए खुद चुपचाप अपने दर्द छुपा रहे थे मैं एक टॉफी मांगती तो , मेरे हाथ में दो थमा देते शायद इसीलिए गणित में टीचर को गलत और पापा को सही बताती थी मेरी फरमाइशओ की डायरी कभी भरी ही नहीं और मैं कभी उनकी दी हुई खुशियों का हिसाब निकाल ही नहीं पाई खुद पैदल तो मुझे साइकिल थमाई है और खुद साइकिल से तो मुझे स्कूटी की चाबी मुट्ठी में चुपचाप दवाई है पापा ने लोरी के गीत तो कभी नहीं सुनाएं रात को मेरे रोने को एक गीत जरूर बनाया है दिनभर की फिक्र ,दुनिया के नियम निभा रहे थे , फिर भी मुझे देख कर हर वक्त मुस्कुरा रहे थे वो शख्स कोई और नहीं , मेरे पापा थे मेरे सपनों को किसी की नजर ना लगे इसीलिए उन्हें पूरा करने का जिम्मा मेरे पापा ने उठाया था बाहर से पत्थर और अंदर से मोम उनके लिए मुझे डांटना आसान नहीं था , फिर भी मेरे लिए मुझे डांट रहे थे अपनी ख्वाबों की तिजोरी में से एक-एक पैसा कम कर मेरे डब्बे में एक-एक पैसा बढ़ा रहे थे वो शख्स कोई और नहीं , मेरे पापा थे जो कभी नहीं किया उन्होंने मेरी मॉडर्न पापा बनने की जिद में वह सब बिना कुछ कहे करते जा रहे थे मम्मी की फटकार से लेकर ,टीचर की खिंचाई तक सब से मुझे बचा रहे थे वह शख्स कोई और नहीं , मेरे पापा थे बस अब ऊपर वाले से दुआओं में एक ही दुआ है गलती से भी मैं उनसे हिसाब ना मांग लु उनके बलिदान को उनके फ़र्ज का नाम ना देदू 😊 ©कविता शर्मा✍ kavitakavitri.blogslot.com Ehtisham Hashmi Bizzy Boyfire Ayush Malu Shiyas Kt Girish
kavitakavitri.blogslot.com Ehtisham Hashmi Bizzy Boyfire Ayush Malu Shiyas Kt Girish #poem
read morePandey G
सतरंज कि चालो का खौफ उन्हें होता है, जो शियासत करते हैं .... हम तो अखंड ब्रह्मांड के राजा, महादेव के भक्त हैं.... न हार कि फिकर करते हैं और, ना जीत कि जिक्र करते हैं .... हर हर महादेव 🧘🚩🙏 ©Pandey G #Satranj #Chal #mahadev #Shiv #akhand #jikr #fikar #shiyasat #Raja #bramandh
Rajwinder Kour Sandhu
जब सियाशत बोलती है, तो कर्मकर्ता को चुप होकर सुनना चाहिए और वक्त आने पर सही ढंग से सवाल करना चाहिए। क्योंकि खाली डब्बों का शोर ही ज्यादा सुना हैं, कभी मधुर ताल नहीं दी डब्बों ने आज तक, फिर चाहे डब्बा छोटा हो या बड़ा। *राजविंदर कौर संधू* कलम उठेगी और सवाल ज़ारी रहेंगे। ©Rajwinder Kour Sandhu जब सियाशत बोलती है, तो कर्मकर्ता को चुप होकर सुनना चाहिए और वक्त आने पर सही ढंग से सवाल करना चाहिए। क्योंकि खाली डब्बों का शोर ही ज्यादा स