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Rakhi Yadav
मोहिनी एकादशी विष्णु भगवान ने समुद्र मंथन के समय देवताओं को अमृत का पान कराने के लिए मोहिनी रूप धरा था! इसी वजह से इस एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है! इस एकादशी व्रत के प्रभाव से मनुष्य पापों ,दुखों से दूर होकर अंत में वैकुंठ धाम को जाता और मोक्ष को प्राप्त करता है! 🌹 जय श्री कृष्णा जी🌹 🌹🌹🌹🌹 Rakhi Yadav # मोहिनी एकादशी🌹🌹
# मोहिनी एकादशी🌹🌹
read moreDeepti Dua
RIDHI SIDHI SANSHKRITI
आप सभी को मोहिनी एकादशी व्रत कथा की हार्दिक शुभकामनाएं 💐😊 जय जय श्री राधे कृष्णा राधेएएएएएएएए 🌈 #समाज
read morelalitha sai
हे पालनहारी.. तू है गोवर्धन गिरिधारी.. हे नन्दनंदना.. तू है इस जगत के सर्वान्तर्यामी... #goodwalievening #yekadashivrath #mohiniyekadashi मोहिनी हिन्दू भगवान विष्णु का एकमात्र स्त्री रूप अवतार है। इसमें उन्हें ऐसे स्त्री रूप में
#goodwalievening #yekadashivrath #mohiniyekadashi मोहिनी हिन्दू भगवान विष्णु का एकमात्र स्त्री रूप अवतार है। इसमें उन्हें ऐसे स्त्री रूप में
read moreVishw Shanti Sanatan Seva Trust
राधा कृष्ण ©Vishw Shanti Sanatan Seva Trust वैशाख मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकदाशी को मोहिनी एकदाशी कहा जाता है। मोहिनी एकदाशी को सभी एकदशियों में खास माना जाता है। धार्मिक मान्यत
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकदाशी को मोहिनी एकदाशी कहा जाता है। मोहिनी एकदाशी को सभी एकदशियों में खास माना जाता है। धार्मिक मान्यत
read moreVikas Sharma Shivaaya'
एकादशी:- हिंदू पंचांग की ग्यारहवी तिथि को एकादशी कहते हैं। यह तिथि मास में दो बार आती है। पूर्णिमा के बाद और अमावस्या के बाद। पूर्णिमा के बाद आने वाली एकादशी को कृष्ण पक्ष की एकादशी और अमावस्या के बाद आने वाली एकादशी को शुक्ल पक्ष की एकादशी कहते हैं। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है इसलिए एकादशी को हरि वासर या हरि का दिन भी कहा जाता है। एक ही दशा में रहते हुए अपने आराध्य का अर्चन-वंदन करने की प्रेरणा देने वाला व्रत ही 'एकादशी व्रत' है। एकादशी का नाम मास पक्ष:- कामदा एकादशी- चैत्र शुक्ल वरूथिनी एकादशी- वैशाख कृष्ण मोहिनी एकादशी -वैशाख शुक्ल अपरा एकादशी -ज्येष्ठ कृष्ण निर्जला एकादशी- ज्येष्ठ शुक्ल योगिनी एकादशी- आषाढ़ कृष्ण देवशयनी एकादशी -आषाढ़ शुक्ल कामिका एकादशी- श्रावण कृष्ण पुत्रदा एकादशी- श्रावण शुक्ल अजा एकादशी- भाद्रपद कृष्ण परिवर्तिनी एकादशी- भाद्रपद शुक्ल इंदिरा एकादशी -आश्विन कृष्ण पापांकुशा एकादशी- आश्विन शुक्ल रमा एकादशी -कार्तिक कृष्ण देव प्रबोधिनी एकादशी -कार्तिक शुक्ल उत्पन्ना एकादशी- मार्गशीर्ष कृष्ण मोक्षदा एकादशी- मार्गशीर्ष शुक्ल सफला एकादशी- पौष कृष्ण पुत्रदा एकादशी- पौष शुक्ल षटतिला एकादशी -माघ कृष्ण जया एकादशी- माघ शुक् ल विजया एकादशी- फाल्गुन कृष्ण आमलकी एकादशी- फाल्गुन शुक्ल पापमोचिनी एकादशी- चैत्र कृष्ण पद्मिनी एकादशी- अधिक मास शुक्ल परमा एकादशी -अधिक मास कृष्ण पुत्रदा एकादशी:- पुत्रदा एकादशी को वैकुंठ एकादशी भी कहते हैं- पुत्रदा एकादशी के पुण्य फल से व्यक्ति को पुत्र की प्राप्ति होती है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी या वैकुंठ एकादशी व्रत रखा जाता है. पुत्रदा एकादशी व्रत हर संतानहीन दंपत्ति को रखने के लिए कहा जाता है. विष्णु सहस्रनाम( एक हजार नाम) आज 312 से 322 नाम 312 नहुषः भूतों को माया से बाँधने वाले 313 वृषः कामनाओं की वर्षा करने वाले 314 क्रोधहा साधुओं का क्रोध नष्ट करने वाले 315 क्रोधकृत्कर्ता क्रोध करने वाले दैत्यादिकों के कर्तन करने वाले हैं 316 विश्वबाहुः जिनके बाहु सब और हैं 317 महीधरः महि (पृथ्वी) को धारण करते हैं 318 अच्युतः छः भावविकारों से रहित रहने वाले 319 प्रथितः जगत की उत्पत्ति आदि कर्मो से प्रसिद्ध 320 प्राणः हिरण्यगर्भ रूप से प्रजा को जीवन देने वाले 321 प्राणदः देवताओं और दैत्यों को प्राण देने या नष्ट करने वाले हैं 322 वासवानुजः वासव (इंद्र) के अनुज (वामन अवतार) 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 . ©Vikas Sharma Shivaaya' एकादशी:- हिंदू पंचांग की ग्यारहवी तिथि को एकादशी कहते हैं। यह तिथि मास में दो बार आती है। पूर्णिमा के बाद और अमावस्या के बाद। पूर्णिमा के बा
एकादशी:- हिंदू पंचांग की ग्यारहवी तिथि को एकादशी कहते हैं। यह तिथि मास में दो बार आती है। पूर्णिमा के बाद और अमावस्या के बाद। पूर्णिमा के बा #समाज
read moreMahesh Gupta
देख लो साधना के स्वर मोहिनी, मेरी दुनिया सदा से तुम्हारे लिए, एक सागर नयन में समाये हुए , मेरी नदियाँ सदा से तुम्हारे लिए, मोहिनी
मोहिनी
read moreAshvani Kumar
नैनन को मीच मीच, नैन कोर खींच खींच, मोती कजरारी कारी धार करे मोहिनी! मुस्काए मंद मंद मन में ही मीत संग, मीठी मीठी मौन मौन मनुहार करे मोहिनी ! देख हाल चाल ढाल आइनो करे कमाल, जाने कौन बात पे विचार करे मोहिनी ! बिसरानी सुध-बुध खोई खड़ी ऐसन कि , करके श्रृंगार बार बार करे मोहिनी ! छटा-छवि-छप भर नजर निहार ले तो, जल भी जलाए के अंगार करे मोहिनी! बात बिना बात के जो बिगडे तो मन से ही, झूँठी मीठी तीखी तकरार करे मोहिनी! मगन हो मोहन पे मोहन को मोहने के, बांसिया तो जतन बेकार करे मोहिनी ! जाने न निराली नैनोंवाली मतवाली ये कि, मोहन तो तुझसे ही प्यार करे मोहिनी ! ©Ashvani Kumar मोहिनी
मोहिनी #Love
read moreDr Supreet Singh
रोक नहीं पाओगे ख़ुद को डूबने से इन आंखों में डूब गए तो बाहर ना आना चाहोगे प्यारे अल्फ़ाज़ो के जल में जो घुल जायेंगें ऐसे की बस समाते जाओगे उस चासनी में, उस मीठे से प्यार में समेट लेगी कशिश तुमको ऐसे की बस लगन लगेगी मोहब्बत की ऐसी ना कभी दूर हो पाओगे सोचोगे तब भी अपना दिल समझा ना पाओगे ©Dr Supreet Singh #मोहिनी