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Vivek Gautam
कभी जब तुम्हारे घर आऊं तो दरवाजे पर तुम्हीं मिलना ©Vivek Gautam # मैं आ रहा हूं।
# मैं आ रहा हूं। #लव
read moreHaq_se_sayari
#5LinePoetry छूटी उम्मीदों से कह दो, मै आ रहा हूं । रूठी आशाओं से कह दो , मै आ रहा हूं । और पतवारों से हक दो की अपनी कस्टी बांध ले , समुद्र में शेलाब लेकर मै आ रहा हूं।। ©x_man_mj_only मैं आ रहा हूं #5LinePoetry
मैं आ रहा हूं #5LinePoetry #कविता
read moreSubham Shiv
Me :- सुन, आज तेरे घर आ रहा हूं तेरा हाथ मांगने, तैयार हो जा। She :- पागल है क्या? Me :- तैयार रह मैं आ रहा हूं.... #vishi775 #love #memer_bhaiya #meme_wala_bhaiya #MBT551 #memetime #yqmeme #YourQuoteAndMine Collaborating with
तैयार रह मैं आ रहा हूं.... #vishi775 love #memer_bhaiya #meme_wala_bhaiya #MBT551 #memetime #YQMeme #YourQuoteAndMine Collaborating with
read moreGudiya Gupta (kavyatri).....
तेरे होने के अहसास से .....जगमगा रहा हूं जो नहीं था ....खुद में आज पा रहा हूं रुक जिंदगी ....अब न होना उदास तुझे जीने महबूब के संग आ रहा हूं..। ©Gudiya Gupta (kavyatri)..... #ruk zindgi... मैं आ रहा हूं अब्र The Imperfect J.K.Ricson ( ved) ज़ख़्मी हर्फ़ (Pramod) साद रूदौलवी Saad Rudaulvi अं_से_अंशुमान
Himmat Singh
मेरी इल्तिजा इतनी है खुदा से ,पता नहीं किस ओर जा रहा हूं रास्ता तू बन जाना मुसाफिर बनकर मैं आ रहा हूं। इल्तिजा -फरियाद, हिम्मत सिंह writing #thinking# Punjabi poetry# Hindi poetry# Urdu poetry# मेरी इल्तिजा इतनी है खुदा से ,पता नहीं किस और जा रहा हूं रास्ता तू बन जाना मु
writing #Thinking# Punjabi poetry# Hindi poetry# Urdu poetry# मेरी इल्तिजा इतनी है खुदा से ,पता नहीं किस और जा रहा हूं रास्ता तू बन जाना मु
read moreMustak khan Rahuma
मेरे दुश्मन समझ रहे थे कि मैं अब कभी लौट के नहीं आऊंगा गुमनामी का समुंदर है उसी में जाकर डूब जाऊंगा मेरी कहानी है सारी दुनिया को सुनानी है म
read moreAn_se_Anshuman
सुख दुख पसंद ना पसंद यह सब भाई भाईऊपर की वीडियो वाली बात अगर आपको अच्छी लगी हो तो बताएं अच्छी ना लगी हो तो बताएं आज शाम को 7:00 बजे मैं आ रह #LikesAndDislikes
read moreConsciously Unconscious
मैं आ रहा हूं मुझे खुद में मिला लो हे पिता, बहुत कुछ कह जाती है जलती हुई चिता। यहां तेरा मेरा कुछ नहीं, मालिक यहां पर कौन है, तेरा भी हर्ष यही होगा बचता आखिर कौन है? यहां अपना भी नहीं संग जाता है, पराए कहां फिर जायेंगे, शमशान तक होंगे साथ में फिर बिछड़ जायेंगे। ना बताएगी फिर बची राख धर्म मजहब तेरा, कोई नहीं तब आकर पूछेगा हाल उस पल तेरा। जी ले जीभर कर तू यहां कल का कुछ पता नहीं, ईमानदार रह ऐ बंदे जीवन से कोई खता नहीं। जब राख मिलेगी माटी से आपस में बतलाएगी, अपनों ने मुझको छोड़ दिया क्या तू संग रह जायेगी? ना वक्त मिलेगा माफी मांगने का ना हसने का अपनों के संग दो पल, जलती अग्नि तेरे जिस्म को धीरे धीरे सुलगायेगी। नाते बंधन सारे तब जिस्म संग जल जायेंगे, लेकिन रूह से रूह के नाते कैसे आखिर छूट जायेंगे? क्या मांगा जग से तूने क्या तूने इसको दिया, धुआं उठता चिता से तेरी कहता तूने कितना जिया? माना अग्नि ये तेरे शरीर को झुलसाएगी, मगर तेरी यादें तेरा इतिहास छीन ना पाएंगी। अपने जीवन को अमृत्व तक पहुंचने में तूने कितना प्रयास किया, कई सवालात करती है ये जलती हुई चिता। ©Consciously Unconscious जलती चिता मैं आ रहा हूं मुझे खुद में मिला लो हे पिता, बहुत कुछ कह जाती है जलती हुई चिता। यहां तेरा मेरा कुछ नहीं, मालिक यहां पर कौन है,
जलती चिता मैं आ रहा हूं मुझे खुद में मिला लो हे पिता, बहुत कुछ कह जाती है जलती हुई चिता। यहां तेरा मेरा कुछ नहीं, मालिक यहां पर कौन है, #कविता
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