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Writer1
हम मुरली नहीं तुम्हें अपने अधरों से सजाते हैं 'कान्हा' प्रेम दीवानी प्रेमरस में डूबी प्रेम धुन बजाती है 'कान्हा' धरना को आम बोलचाल की भाषा रखना भी कहते है अब ज्यादा पढ़े लिखे महानुभावों से नम्र निवेदन है कि व्याकरण पर रिसर्च ना करें सिर्फ भावों पे ध्या
Krish Vj
सुध-बुध ना रहीं तन-मन की मुझे अब सुनी जब से मुरली तेरी "कान्हा" तेरे विरह में बजी मुरली, नैन व्याकुल दर्शन को, निहारती पलकें "राधा" धरना को आम बोलचाल की भाषा रखना भी कहते है अब ज्यादा पढ़े लिखे महानुभावों से नम्र निवेदन है कि व्याकरण पर रिसर्च ना करें सिर्फ भावों पे ध्या
Neha Pathak
चिड़चिड़ा सा रहता मन जैसे लगी हो तन में आग! चूर-चूर है दर्द से बदन हर अंगों पर जैसे पड़ी हो आँच! सहते सहते पीड़ा, रो जाती हूँ, फ़िर भी करती हर एक काम! कष्ट है तन में बताऊँ कैसे, एकपल को भी नहीं मिलता आराम! इतना सहती स्त्रियां फ़िर भी कमज़ोर कहलाती है! जीवनदान देने वाली,पुरूषों के आगे झुक जाती है! कैसा है ये समाज, औरतों का उड़ाता है मज़ाक! उस पर लगाता है ना जाने कितने घटिया इल्ज़ाम! वाह रे दुनियाँ, जिसे कभी देखा नहीं उसके आगे शीश झुकाता है.. मंदिर मस्जिद जाकर अपने पापों का हिसाब चुकाता है! जन्मदात्री है जो उसी पर हाँथ उठा मर्दानगी दिखाता है! एक औरत के लिए सजाकर सेज, खुदको पति बताता है! औरत तो गर्व की बात है, पिता बनाकर समाज में दिलाती सम्मान है हर साल आज़ादी का जश्न मनाते सोच आज भी क़ैद है समझने की कोशिश करे हर इंसान माहवारी.. अभिशाप नहीं अभिमान है! Open for Collab 🔓 विषय👉 माहवारी..अभिशाप नहीं स्त्री होने का अभिमान है.. कृपया पोस्ट को हाईलाइट जरूर करें।😊😊 🌸Collab करने से पहले कृपया पिन
Divyanshu Pathak
विवेकवान व्यक्ति अपने स्वरूप एवं क्षमताओं को समझता है। उसकी आंख सामने वाले व्यक्ति पर नहीं होती। अपने मन के दर्पण पर होती है। मन कहेगा कि ‘प्रारब्धजन्य इस परिस्थिति को मौन रहकर टाल जाओ। अभी तक तुमने भी कुछ ऎसा नहीं किया कि उसका क्रोध जाग्रत हो। वह भी तो प्रारब्ध के कारण ही आपके सामने आया है। 🌹🤓#good morning🤓🌹#Ramroop ji आपका बहुत बहुत आभार आपकी मंदिर वाली पोस्ट पर आपको मेरी प्रतिक्रिया की कुछ ज़्यादा ही उम्मीद लगी यह जानकर मुझे बह
आयुष पंचोली
कलयुग का अन्त और कल्की अवतार। जो काल , जो चीज घटित हो गई उसकी बातें करना, उस पर शोध करना, और उससे सम्बंधित निष्कर्ष पर पहुचना तो बहुत आसान हैं। मगर जो हुआ ही नही उसके बार
Abhir Sharma
जवाब उसका बंद है ,मेरा सवाल बंद है.. कई दिनो से ज़िंदगी से बोल-चाल बंद है..!! 🎭 ©Abhir Sharma बोलचाल..
NEERAJ SIINGH
यहाँ हर कोई लिख रहा हैं पर एक दूसरे को कहाँ पहचान रहा हैं हैं तेरा दिल भी मेरी ही तरह पर बस कहाँ कोई पढ़ रहा हैं हाँ , जितने दर्द तुमनें झेले कुछ कम शायद मेरे हिस्से जितनी खुशियाँ तुमनें देखीं कुछ एक आद ज्यादा मेरी हों लीं ...तुम और मैं हम एक हैं ..बस दिखते रोज पढ़ते रोज ..सोचते एक दूसरे के बारे में रोज ...पर बस जिरह से परहेज हैं Yq की दुनियाँ के लेखक जिनका दिलों दिमाग एक हैं पर जिस्म अलग पर जगह फिर भी लिखने की एक हैं जिरह - बोलचाल की पहल #neerajwrites #yqbaba #yqdada
Lyricist Gopal Boyal
#AzaadKalakaar हिन्द के हम निवासी हिंदी लगती हमें मधुभाषी भाषा तो हम जानते है अनेक पर हिंदी से हमें सदा है प्रेम प्यार की भाषा, रस की भाषा शिष्टाचार और सत्कार की भाषा हमारे खून के हर एक कतरे में है तभी तो दुनियाँ से सब आते हमारे क्षेत्र में है मिलता सबको सम्मान यहाँ आदर सबका होता है मुँह से शब्दों की जगह शहद यहाँ बरसता है हर भाषा को सम्मान यहाँ मित्र स्वरूप दिया जाता है हिन्द भाषी तभी तो हर देश में परचम लहराता है ©Lyricist Gopal Boyal प्यार की भाषा हिन्द की भाषा #AzaadKalakaar
Devendra Dubey
"SPEAK" in such a way that others love to listen to you. "LISTEN" In such way that, others love to speak to you. #Perfect_day #speak #बोलचाल