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N S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} प्रत्येक आत्मा स्वयं में सर्वज्ञ और आनंदमय है. आनंद बाहर से नहीं आता, आनन्द ही भगवान श्री कृष्ण जी का पर्यायवाची नाम है।। ©N S Yadav GoldMine #SAD {Bolo Ji Radhey Radhey} प्रत्येक आत्मा स्वयं में सर्वज्ञ और आनंदमय है. आनंद बाहर से नहीं आता, आनन्द ही भगवान श्री कृष्ण जी का पर्य
निशब्द
Sangeeta Kalbhor
जब खुद से सामना हुआ.. जब खुद से सामना हुआ मुद्दतों बाद मेरा कई अनचाही यादों का लगा हुआ था ड़ेरा सोचा जान लूँ मैं करीब से अपने आपको दूर ना कर पाई क्षणभर के लिए भी अपने अंदर के ताप को बहुत मलिनता है मुझमें आज भी भरी हुई शायद इसलिए ही हूँ अंदर से ड़री हुई नकाब अच्छाई का पहने हुए रखती हूँ अंदर ही अंदर बूराइयों को चखती हूँ सिमटकर मुझमें ही मैं अलगाव करना चाहती हूँ है जो अमानुषता जरासी मुझमें पूरा मनुष्यता में बदलना चाहती हूँ..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor #sparsh जब खुद से सामना हुआ मुद्दतों बाद मेरा कई अनचाही यादों का लगा हुआ था ड़ेरा सोचा जान लूँ मैं करीब से अपने आपको दूर ना कर पाई क्षणभर के
दिनेश कुशभुवनपुरी
श्रृंगार छंद: मलिनता मलिनता मन में फैली खूब। कहीं फिर धर्म न जाये डूब। बिखरता यहाँ आज संस्कार। सभी कर रहे खोट व्यापार॥ Dinesh Pandey ©दिनेश कुशभुवनपुरी #श्रृंगार_छंद #मलिनता एक अजनबी {[PREET]} advocate SURAJ PAL SINGH RJ राहुल द्विवेदी 'स्मित' Mysterious Girl Suhana parvin Manisha Keshav ~
Ravi Shankar Kumar Akela
दुनिया की क्या परिभाषा है? दुनिया यदपि अरबी शब्द है परन्तु हिन्दी में धड्ल्ले से प्रयोग होता है। यह एक संज्ञा शब्द है तथा स्त्रीलिंग में प्रयुक्त होता है। इसके समानार्थक शब्द हैं जगत ; संसार ; आलम, जीव समष्टि, पृथ्वी तथा ब्रह्माण्ड आदि के लिये प्रयुक्त होता है। वस्तुत: दुनिया: इस पृथ्वी पर रहने वाले सभी प्राणियों; जिनमें मनुष्य भी शामिल है को मिलाकर इस ग्रह की कुल प्राकृति दुनिया कहलाती है। दुनिया शब्द संसार का पर्यायवाची है। दुनिया का अर्थ संसार से ही है तथापि दोनों में भिन्नता है। संसरति इति संसार: 'संसरति इति संसारः'—अर्थात जो लगातार गतिशील है, वही संसार है। भारतीय चिंतनधारा में जीव, जगत और ब्रहम पर पर्याप्त विचार किया गया है। संसार का सामान्य अर्थ विश्व, इहलोक, जीवन का जंजाल, गृहस्थी, घर-संसार, दृश्य जगत आदि है। वस्तुत: संसार के अर्थ में कर्म व पुनर्जन्म की अवधारणा है। किन्तु दुनिया शब्द मे ऐसा नहीं है क्योंकि वे लोग अरबी लोग कर्म व पुनर्जन्म मेम विश्वस नहीं करते हैं। यहूदी और उनसे निकले धर्म पुनर्जन्म की धारणा को नहीं मानते। मरने के बाद सभी कयामत के दिन जगाए जाएंगे अर्थात तब उनके अच्छे और बुरे कर्मों पर न्याय होगा। ©Ravi Shankar Kumar Akela #chandrayaan3 दुनिया की क्या परिभाषा है? दुनिया यदपि अरबी शब्द है परन्तु हिन्दी में धड्ल्ले से प्रयोग होता है। यह एक संज्ञा शब्द है तथा स्त
Ravi Shankar Kumar Akela
इसके समानार्थक शब्द हैं जगत ; संसार ; आलम, जीव समष्टि, पृथ्वी तथा ब्रह्माण्ड आदि के लिये प्रयुक्त होता है। वस्तुत: दुनिया: इस पृथ्वी पर रहने वाले सभी प्राणियों; जिनमें मनुष्य भी शामिल है को मिलाकर इस ग्रह की कुल प्राकृति दुनिया कहलाती है। दुनिया शब्द संसार का पर्यायवाची है। ©Ravi Shankar Kumar Akela #chandrayaan3 इसके समानार्थक शब्द हैं जगत ; संसार ; आलम, जीव समष्टि, पृथ्वी तथा ब्रह्माण्ड आदि के लिये प्रयुक्त होता है। वस्तुत: दुनिया: इस
Ravi Shankar Kumar Akela
देशभक्ति, किसी देश, राष्ट्र या राजनीतिक समुदाय के प्रति लगाव और प्रतिबद्धता की भावना । देशभक्ति (देश के प्रति प्रेम) और राष्ट्रवाद (किसी के राष्ट्र के प्रति वफादारी) को अक्सर पर्यायवाची माना जाता है, फिर भी देशभक्ति की उत्पत्ति 19वीं शताब्दी में राष्ट्रवाद के उदय से लगभग 2,000 साल पहले हुई थी। फ्रेंको-जर्मन युद्ध ©Ravi Shankar Kumar Akela #Yaari देशभक्ति, किसी देश, राष्ट्र या राजनीतिक समुदाय के प्रति लगाव और प्रतिबद्धता की भावना । देशभक्ति (देश के प्रति प्रेम) और राष्ट्रवाद (क
Vedantika
जेहन की कसाफ़त में खोने लगी है रूह की पाकीज़गी क़यामत से पेशतर ही क़यामत आई है इस दुनिया में ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "कसाफ़त" "kasaafat" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है अशुद्धता, गंदगी, मलिनता एवं अंग्
Vedantika
माधव की मैं प्रेम दीवानी हुई दुनिया में बदनाम केशव ने जो थाम लिया तो भय का क्या काम गिरधर ने मेरे हर गम को अमृत बना दिया मोहन की बांसुरी की धुन ने मरहम लगा दिया गोपाल के चितवन से पराजित हुआ है चित्त वसुदेव की मुस्कान पर विश्व हुआ मदमस्त नमस्कार मित्रों 🙏 (शुरू करो चौथा पड़ाव लेकर प्रभु का नाम) काव्य संग्रह प्रस्तुत करता है "मेरी व्याकरण यात्रा" *चौथा पड़ाव* इस पड़ाव के न
Kulbhushan Arora
स्नेह की रौशनी ,*सु*मन...स्नेह पर्यायवाची हैं, सुमन स्नेह के दिए की बाती है, हर बुझे मन में स्नेह दीप जलाती, दुख में भी सबको मुस्करान सिखाती, मन में किसी क