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शिवम ओझा रिनिया
मुझको तन्हा छोड़कर ,खाब अपने सजा रही हो। ए जो हाथो में लगाई मेहंदी तुमने उसमे रंग मेरे लहू का है #NojotoQuote ए जो मेहंदी का रंग है लहू का रंग
अदनासा-
सोशियल मिडिया के ज्यादातर प्लेटफॉर्म पर एक बात जितनी आम है उतनी ही ख़ास भी है, वो यह कि आपके अनुयायी (Follower) चाहे जितने भी हो, परंतु आपके हर पोस्ट पर सब से ज़्यादा वे लोग लाईक करते है जो आपके अनुयायी (Follower) होते ही नही, क्योंकि आपके अनुयायियों को किसी और को भी लाईक करना होता है, वैसे भी एक ख़ूबसूरत शायर उस्ताद "सरशार सैलानी साहब जी" की यह ख़ूबसूरत ग़ज़ल पेश-ए-ख़िदमत है वो यह कि.. चमन में इख़्तिलात-ए-रंग-ओ-बू से बात बनती है हम ही हम हैं तो क्या हम हैं तुम ही तुम हो तो क्या तुम हो अँधेरी रात तूफ़ानी हवा टूटी हुई कश्ती यही अस्बाब क्या कम थे कि इस पर नाख़ुदा तुम हो ज़माना देखता हूं क्या करेगा मुद्दई होकर नहीं भी हो तो बिस्मिल्लाह मेरे मुद्दआ तुम हो हमारा प्यार रुस्वा-ए-ज़माना हो नहीं सकता न इतने बावफ़ हम है न इतने बावफ़ा तुम हो -- सरशार सैलानी ©अदनासा- ग़ज़ल सौजन्य एवं हार्दिक आभार🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳 चमन में इख़्तिलात-ए-रंग-ओ-बू से बात बनती है सरशार सैलानी https://rek.ht/a/1aac/2#सरशारसैलानीजी #हिंदी
Sooraj Garg
तेरे इंतजार में नित बरसे ये अंखियां तेरी बोली सुनने को तरसे ये कनिया जल्दी आजा जल्दी आजा अब तू ओ मेरे मन बसिया मेरे रंग रसिया ©Sooraj Garg ओ मेरे मन बसिया ओ रंग रसिया
Vijay Tyagi
ये इख़्तिलात-ए-रंग-ओ-बू कहाँ से आ रही है क्या रूह जिस्म से निकलकर जहाँ से जा रही है कर रहा था ग़म-ए-जहाँ का हिसाब आज तुम याद बे-हिसाब आए "फ़ैज़-अहमद-फ़ैज़" "इख़्तिलात-ए-रंग-ओ-बू"- रंग और ख़ुश्बू का मिलाजुला रूप Thanx Anjali Jai
writer abhay
दरिंचे पर रक़्स-ए-सबा देखने मिलती है. जब पलकों पे रंग-ए-फ़िज़ा देखने मिलती है. कशमकश है की और कुछ देखा ही नहीं. जब तेरी आँखों में दुनिया देखने मिलती है. उसके चूमते ही मेरे ज़ख़्म भर से गए. देखा लब पर उसके दवा देखने मिलती है. #NojotoQuote एक मतला दो शेर. अर्थ :- दरिंचे - खिड़की रक़्स-ए-सबा - नाचते हुए सुबह की हवा रंग-ए-फ़िज़ा - रंग भरे माहौल
Tara Chandra
Love Shayari in Hindi रंग दे मुझे....,ओ पिया, तू जिस, रंग चाहे, मुझको सभी, रंग पसन्द, जो तुमको भाये।। यदि मैं तेरे मन का दर्पण, रंग दे मुझको धानी, हरा रंग दे, यदि मनमोहिनी, मैं ही तेरी कहानी, इन नयनों में प्रेम समुन्दर, इनमें ही दुःख पानी, जो हमें भिगाये।। रंग दे मुझे....,ओ पिया, पीला रंग दे, यदि जीवन सुख, नारंगी रंग .. यदि मैं रंगत, नया उजाला, भरता जीवन, गीत हृदय गुनगुनाए...रंग दे मुझे....,ओ पिया, लाल रंग दे, शक्ति तेरी यदि, नीला जो, बल तेरा, प्रेमज्ञान का, श्वेत रंग है, सब रंगों को समेटे, जो पूरण चन्दा...रंग दे मुझे....,ओ पिया, ©Tara Chandra Kandpal रंग दे मुझे....,ओ पिया
Prerit Modi सफ़र
अपने रंग दरिया में रंग दे मुझ को ओ रंगरेज़ पहनू हर रंग की चुनरिया जिसमे रंग हो मेरे प्यार का रंग दे मुझ को पिया के रंग में ओ रंगरेज़... हरा लाल गुलाबी रंग दे मुझे रंग दे, सारे रंग में ओ रंगरेज़ अपने रंग दरिया में रंग दे मुझ को ओ रंगरेज़ पहनू हर रंग की चुनरिया जिसमे रंग हो मेरे प्यार का रंग दे मुझ को पिया के रंग में ओ रंगरेज़... हरा ला
HP
बेचैनियां रातभर लिखता रहा मैं लिफाफे में पैक करने के लिए वो बेचैनियां दिन भर बढ़ाते रहे बातों में उनकी गुलामी की बू आती थी! बू
Bilal aamir
लो खत्म हुई रंग ए गुलाल की खुशियां चलो अब बेरंग दुनिया में लोट चले ©Bilal Aamir रंग ए गुलाल
PRIYA SINHA
🤗😊"मामला-ए-सूरत-ओ-सीरत"😊🤗 भले हीं मामला-ए-सूरत में बहुत अच्छों से मैं बहुत अच्छी नहीं ; पर मामला-ओ-सीरत में बहुत अच्छी हूँ मैं बहुत अच्छों से कहीं ! प्रिया सिन्हा 𝟐𝟔. अगस्त 𝟐𝟎𝟐𝟐. (शुक्रवार) [नोट :- सूरत - चेहरा ; सीरत - स्वभाव] ©PRIYA SINHA मामला-ए- सूरत-ओ-सीरत