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Jagsir Singh
Motivational indar jeet group
जीवन दर्शन 🌹 नित्य स्वाध्याय की नियमित व्यवस्था रखनी चाहिए - आत्मनिरीक्षण एवं आत्मपरिशोधन का मार्गदर्शन जो , पुस्तकें इस प्रयोजन को पूरा करती है !.i.j ©motivationl indar jeet guru #जीवन दर्शन 🌹 नित्य स्वाध्याय की नियमित व्यवस्था रखनी चाहिए - आत्मनिरीक्षण एवं आत्मपरिशोधन का मार्गदर्शन जो , पुस्तकें इस प्रयोजन को पूरा कर
md mujammil
Neena Jha
भारत... एक माता पढ़ी कई पुस्तकें विद्यालय में, मग़र कहीं वो जवाब मिला नहीं, अच्छों के साथ बुरा और बुरे के साथ होता अच्छा क्यों? विश्विद्यालय में भी उच्च स्तर की पुस्तकें रटी, मग़र एक वो बात नहीं अब तक कहीं लिखी देखी, नर और नारी एक ही प्रजाति हैं, तो ऊँच-नीच का मुद्दा उठा ही क्यों? जब बराबर हैं दोनों, तो समानता का अधिकार पाने का संघर्ष नारी के हिस्से क्यों? कई किताबों में दिलचस्पी जगी, पढ़ा कुछ इतिहास फ़्राँसिस भी, मग़र दुर्दशा हर सम्त नारी की हुई, फ़िर भला कैसे मिले उन्नति किसी देश को! और आज भी एक यही बात समझ नहीं आयी, जननी के पल पल चीरहरण के बावजूद, 'भारत', एक माता कहलाई!कैसे और क्यों? नीना झा #संजोगिनी ©Neena Jha #Currency #neverendingoverthinking #नीना_झा #जय_श्री_नारायण #संजोगिनी जय माँ शारदे 🙏 सादर प्रणाम मंच 🙏 विषय... भारत... एक माता पढ़ी कई पु
HintsOfHeart.
"इतने ऊँचे उठो कि जितना उठा गगन है इतने मौलिक बनो कि जितना स्वयं सृजन है" ©HintsOfHeart. #द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी -हिन्दी के साहित्यकार जिन्होंने बाल साहित्य पर 26 पुस्तकें लिखीं, जिससे वे 'बच्चों के गांधी' भी कहलाते हैं।
Neena Jha
पढ़ी कई पुस्तकें विद्यालय में, मग़र कहीं वो जवाब मिला नहीं, अच्छों के साथ बुरा और बुरे के साथ होता अच्छा क्यों? विश्विद्यालय में भी उच्च स्तर की पुस्तकें रटी, मग़र एक वो बात नहीं अब तक कहीं लिखी देखी, नर और नारी एक ही प्रजाति हैं, तो ऊँच-नीच का मुद्दा उठा ही क्यों? जब बराबर हैं दोनों, तो समानता का अधिकार पाने का संघर्ष नारी के हिस्से क्यों? कई किताबों में दिलचस्पी जगी, पढ़ा कुछ इतिहास फ़्राँसिस भी, मग़र दुर्दशा हर सम्त नारी की हुई, फ़िर भला कैसे किसी देश को मिले उन्नति ! और आज भी एक यही बात समझ नहीं आयी, जननी के पल पल चीरहरण के बावजूद, कैसे और क्यों? 'भारत', एक माता कहलाई! नीना झा #संजोगिनी ©Neena Jha #uskebina #Neverendingoverthinking #नीना_झा #जय_श्री_नारायण #संजोगिनी जय माँ ज्ञानदात्री 🙏 विषय... पुस्तकें पढ़ी कई पुस्तकें विद्यालय में,
somnath gawade
वसा संघर्षाचा असला तरी प्रश्न मस्तकाच्या मशागतीचा आहे. सुपीक मस्तकेच उद्याची हिरवी स्वप्नं घेऊन येतील. संघर्षाच्या लाल रंगा पेक्षा माझ्यासाठी शाश्वत हिरवी स्वप्नं महत्वाची आहेत. #पुस्तकें
J P Lodhi.
किताबें किताबों कुछ कहना चाहती है हम से,। प्रारम्भ से अंत और भूत से लेकर भविष्य के बारे में। सत्य के बारे में,झूठ के बारे में,भलाई और बुराई के बारे दया,धर्म,धैर्य के बारे में,धोखे और फरेब के बारे में। प्रथ्वी,आकाश , पाताल और सूर्य,चन्द्र, तारो के बारे में। गणित,विज्ञान,साहित्य,भूगोल और इतिहास के बारे में। सागर,नदियां,पर्वत ,घाटी और झीलों के बारे में। मर्यादा,सभ्यता,संस्कृति और चरित्र के बारे में। पशु पक्षी,जीव जंतु,और प्रकृति के बारे में। प्यार,मोहब्बत और नफरत घृणा के बारे में। इंसानियत,अहिंसा,उपकार के बारे में। हमारे पास रहकर, सब कुछ सीखाना चाहती है। हमारे पास रहना चाहती है। पुस्तकें ।।
Nand lal suthar
पुस्तकें थकावट में राहत का खजाना होती है पुस्तकें अज्ञान में ज्ञान का प्रकाश होती है पुस्तकें ग्रीष्म में शीतल हवा सा अहसास होती है पुस्तकें शीत में सुहाना सा ताप होती है पुस्तकें और जो दिल को सुकून दे, निराशा में जुनून दे ऐसी ही कुछ वरदान होती है पुस्तकें।। नन्दलाल सुथार ©Nand lal suthar पुस्तकें #Rose
Ganesh Din Pal
🌹😢😢😢😢😢🌹 जब किताबें खुली सड़कों पर बिकने लगे और जूते चप्पल शीशे के अंदर तो इससे दुर्भाग्य की बात और क्या होगी? मैं इलाहाबाद गया और वहां रास्ते में जाते समय मैंने देखा कि तमाम झंझावातों को झेलते हुए ,दुनिया भर के निशान अपने शरीर पर धारण किए हुए जीर्ण-शीर्ण पुस्तकें मुंह खोलें आने जाने वालों की तरफ बड़ी मासूमियत और व्याकुलता से निहार रही थी। ऐसा लग रहा था, जैसे वह कह रही हो क्या अब मैं इसी लायक रह गई हूं। सच बताऊं उनका इस तरह से निहारना दिल को झकझोरने वाला था। मेरे भी आंखों से आंसुओं की एक लड़ी निकल पड़ी। मैंने कुछ पुस्तकें देखी उनमें क्या जज्बात लिखे हुए थे। मैंने सीने से लगा लिया और सोचने लगा इस कौम का क्या होगा जो इस तरह से पुस्तकों की इज्जत की धज्जियां उड़ा रहा है। यही पुस्तकें हमें जीवन की उन ऊंचाइयों को पहुंचाती हैं, जहां से जब हम नीचे देखते हैं तब हम अपने को पहचानने में भी भूल कर जाते हैं। 🌹😢😢😢🌹 जी डी पाल 🌹🌹🌹 ©Ganesh Din Pal पुस्तकें #MereKhayaal