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Stories related to अरमां आंसुओं में बह गए

Praveen Jain "पल्लव"

#mothers_day नारी का अपनापन,लालच की भवनाओं में बह गया

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White पल्लव की डायरी
तेवर नारी के देखो घर घर मे
संस्कारो का दायरा सिमट गया
कामकाजी ग्रहस्थी का बोझ
औरतो को नॉकरानी सा लगने लगा
अपनी निजी जिंदगी जीने का 
भूत उन पर चढ़ गया
बन्धन सारे पीछे छूते 
ममता का आँचल  सिकुड़ गया
एक डोर से बाँधने का जिम्मा था जिस पर
उसका संयम आधुनिकता के सामने डोल गया
बुनियाद परिवार की धूमिल होती
नारी का अपनापन, बदले की भावना में बह गया
                                                   प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #mothers_day नारी का अपनापन,लालच की भवनाओं में बह गया

dilkibaatwithamit

हाल-ए-दिल हम ने सुनाया तो बुरा मान गए अश्क आँखों में जो आया तो बुरा मान गए वा'दा करके जो न आए तो कोई बात नहीं बेवफ़ा कह के बुलाया तो बुर

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White हाल-ए-दिल हम ने सुनाया तो बुरा मान गए 
अश्क आँखों में जो आया तो बुरा मान गए 

वा'दा करके जो न आए तो कोई बात नहीं 
बेवफ़ा कह के बुलाया तो बुरा मान गए 

जिस के हर लफ़्ज़ में हर बंद में नाम उन का था 
हम ने वो गीत सुनाया तो बुरा मान गए 

वो जो ग़ैरों से हम-आग़ोश हुआ करते हैं 
उन को पहलू में बिठाया तो बुरा मान गए 

आप ने जश्न चराग़ों का मनाया लेकिन 
इक दिया हम ने जलाया तो बुरा मान गए 

जाम पे जाम उठाते रहे पीने वाले 
हम ने जो हाथ बढ़ाया तो बुरा मान गए 

नाज़ पे नाज़ उठाया तो बड़े अच्छे थे 
नींद से उन को जगाया तो बुरा मान गए 

ऐब हर शख़्स में जो ढूँड रहे थे '
आइना उन को दिखाया तो बुरा मान गए....

©dilkibaatwithamit हाल-ए-दिल हम ने सुनाया तो बुरा मान गए 
अश्क आँखों में जो आया तो बुरा मान गए 

वा'दा करके जो न आए तो कोई बात नहीं 
बेवफ़ा कह के बुलाया तो बुर

Nurul Shabd

White आंसुओं का दर्द
आंसू गिरते रहे हर रात,  
दर्द बन गया मेरी पहचान।

©Nurul Shabd #International_Day_Of_Peace 
#आंसुओं #का #दर्द  शायरी दर्द

Mahesh Patel

सहेली... आंसुओं... लाला...

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सहेली......
मुझे गले लगा कर
 इतना फूट फूट कर रोई थी वो..
मैं आज भी आंसुओं को 
बटोर रहा हूं..
लाला.....

©Mahesh Patel सहेली... आंसुओं... लाला...

Sarfraj Alam Shayri

#Sad_Status गरीबी से मर गए गरीब, और अखबार में खबर छपी है .. गरीबी कम हुई.!

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White गरीबी से मर गए गरीब, और अखबार में खबर छपी है .. गरीबी कम हुई.!

©Sarfraj Alam Shayri #Sad_Status गरीबी से मर गए गरीब, और अखबार में खबर छपी है .. गरीबी कम हुई.!

Sheera Singh

#love_shayari भूल गए हैं

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White उसको समझाना भूल गए हैं 
नजरें मिलाना भूल गए हैं 
नहीं भूले करनी मोहब्बत उनसे 
हां मोहब्बत जताना भूल गए हैं

©Sheera Singh #love_shayari भूल गए हैं

Sheera Singh

#love_shayari भूल गए हैं

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White उसको समझाना भूल गए हैं 
नजरें मिलाना भूल गए हैं 
नहीं भूले करनी मोहब्बत उनसे 
हां मोहब्बत जताना भूल गए हैं

©Sheera Singh official #love_shayari भूल गए हैं

F M POETRY

#मेरी आँखों से दरिया बह रहा है....

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a-person-standing-on-a-beach-at-sunset हर इक झोंका हवा का कह रहा है..
कोई तो है जो दिल में रह रहा है..

जो दिल में है वही दिल तोड़ता है..
मेरी आँखों से दरिया बह रहा है..


यूसुफ़ आर खान....

©F M POETRY #मेरी आँखों से दरिया बह रहा है....

Anjali Singhal

"क्या मिला उनसे दिल कि उनका ही होकर रह गया! क़तरा-क़तरा एहसास का दिल में जो प्यार बनकर बह गया!!" ❤️ #AnjaliSinghal #Shayari nojoto

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"क्या मिला उनसे दिल कि उनका ही होकर रह गया!
क़तरा-क़तरा एहसास का दिल में जो प्यार बनकर बह गया!!"

❤️

©Anjali Singhal "क्या मिला उनसे दिल कि उनका ही होकर रह गया!
क़तरा-क़तरा एहसास का दिल में जो प्यार बनकर बह गया!!"

❤️

#AnjaliSinghal #shayari #nojoto

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर सौ बरस की आरज़ू, पल में ढह गई, ज़िंदगी की ये कश्ती, लहरों में बह गई। ख्वाब जो संजोए थे, वो पल में बिखर गए, सफ़र का हिसाब करने स

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सौ बरस की आरज़ू, पल में ढह गई,
ज़िंदगी की ये कश्ती, लहरों में बह गई।

ख्वाब जो संजोए थे, वो पल में बिखर गए,
सफ़र का हिसाब करने से पहले ही गुज़र गए।

बरसों बरस का सामान किस काम आएगा,
जब मौत का फरिश्ता पल में बुलाएगा।

जिंदगी को समझने में उम्र गुजर गई,
और मौत ने आते ही कहानी बदल गई।

साजो-सामान क्या, ये तख़्तो-ताज क्या,
पल भर की है जिंदगी, फिर ये आज क्या।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
सौ बरस की आरज़ू, पल में ढह गई,
ज़िंदगी की ये कश्ती, लहरों में बह गई।
ख्वाब जो संजोए थे, वो पल में बिखर गए,
सफ़र का हिसाब करने स
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