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Arora PR
White मैंने पूछा था एक बार उस नन्हें परिंदे से आखिर तुम क्या हासिल करना चाहते हो इतनी ऊँची उड़ाने भर कर? परिंदे ने कहा.... ऊँची उडानो मे पँख फड़फड़ाने क़ा मज़ा बिलकुल अलग हैं लेकिन तुम इंसान लोग ये बात नहीं समझ सकते वास्तविक बात तो ये हैं कि उन ऊंचाइयों पर हमें मुक्ति बोध का अहसास होता हैं जो जीवन का सबसे बड़ा आनंद हैं..... ©Arora PR मुक्ति बोध
Mahadev Son
White जीवन की परिभाषा चार लक्ष्यों को प्राप्त करना धर्म, काम, अर्थ और मोक्ष धर्म - सदाचार, उचित, नैतिक जीवन काम - चारों लक्ष्यों को पूर्ण करना है अर्थ - भौतिक समृद्धि, आय सुरक्षा, जीवन के साधन इन तीनों के लिये सभी निरंतर प्रयास करते... मोक्ष के लिये सोचते भी नहीं क्योंकि मुश्किल या मालूम ही नहीं.... मोक्ष - मुक्ति, आत्म-साक्षात्कार। जीवन की अंतिम परिणति है। मोक्ष आत्मा को भौतिक संसार के संघर्षों और पीड़ा से मुक्त करता है! आत्मा को जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म के अंतहीन चक्र से मुक्त करता है! ©Mahadev Son जीवन की परिभाषा चार लक्ष्यों को प्राप्त करना धर्म, काम, अर्थ और मोक्ष धर्म - सदाचार, उचित, नैतिक जीवन काम - चारों लक्ष्यों को पूर्ण करना ह
Rashmi Vats
ख्वाबो में पंख हैं अपने फैला रहे। वहीं यथार्थ के धरातल पर, मुक्ति पाने को है फड़फड़ा रहे। पर है अफ़सोस यही कि, उड़ान भरने से पहले ही, पंख हैं उनके कटवा रहे। रश्मि वत्स। ©Rashmi Vats #नारी #उड़ान #मुक्ति #ख्वाब
N S Yadav GoldMine
अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर सुबह जल चढ़ाना चाहिए आइये विस्तार से जानिए !!🍋🍋 {Bolo Ji Radhey Radhey} वैशाख अमावस्या :- 🌿वैशाख का महीना हिन्दू वर्ष का दूसरा माह होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी माह से त्रेता युग का आरंभ हुआ था। इस वजह से वैशाख अमावस्या का धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है। दक्षिण भारत में वैशाख अमावस्या पर शनि जयंती मनाई जाती है। धर्म-कर्म, स्नान-दान और पितरों के तर्पण के लिये अमावस्या का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिये भी अमावस्या तिथि पर ज्योतिषीय उपाय किये जाते हैं. वैशाख अमावस्या व्रत और धार्मिक कर्म :- 🌿प्रत्येक अमावस्या पर पितरों की मोक्ष प्राप्ति के लिए व्रत अवश्य रखना चाहिए। वैशाख अमावस्या पर किये जाने वाले धार्मिक कर्म इस प्रकार हैं. 🌿इस दिन नदी, जलाशय या कुंड आदि में स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य देकर बहते हुए जल में तिल प्रवाहित करें। 🌿पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण एवं उपवास करें और किसी गरीब व्यक्ति को दान-दक्षिणा दें। 🌿वैशाख अमावस्या पर शनि जयंती भी मनाई जाती है, इसलिए शनि देव तिल, तेल और पुष्प आदि चढ़ाकर पूजन करनी चाहिए। 🌿अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर सुबह जल चढ़ाना चाहिए और संध्या के समय दीपक जलाना चाहिए। 🌿निर्धन व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन और यथाशक्ति वस्त्र और अन्न का दान करना चाहिए। पौराणिक कथा :- 🌿वैशाख अमावस्या के महत्व से जुड़ी एक कथा पौराणिक ग्रंथों में मिलती है। प्राचीन काल में धर्मवर्ण नाम के एक ब्राह्मण हुआ करते थे। वे बहुत ही धार्मिक और ऋषि-मुनियों का आदर करने वाले व्यक्ति थे। एक बार उन्होंने किसी महात्मा के मुख से सुना कि कलियुग में भगवान विष्णु के नाम स्मरण से ज्यादा पुण्य किसी भी कार्य में नहीं है। धर्मवर्ण ने इस बात को आत्मसात कर लिया और सांसारिक जीवन छोड़कर संन्यास लेकर भ्रमण करने लगा। एक दिन घूमते हुए वह पितृलोक पहुंचा। वहां धर्मवर्ण के पितर बहुत कष्ट में थे। पितरों ने उसे बताया कि उनकी ऐसी हालत तुम्हारे संन्यास के कारण हुई है। क्योंकि अब उनके लिये पिंडदान करने वाला कोई शेष नहीं है। यदि तुम वापस जाकर गृहस्थ जीवन की शुरुआत करो, संतान उत्पन्न करो तो हमें राहत मिल सकती है। साथ ही वैशाख अमावस्या के दिन विधि-विधान से पिंडदान करो। धर्मवर्ण ने उन्हें वचन दिया कि वह उनकी अपेक्षाओं को अवश्य पूर्ण करेगा। इसके बाद धर्मवर्ण ने संन्यासी जीवन छोड़कर पुनः सांसारिक जीवन को अपनाया और वैशाख अमावस्या पर विधि विधान से पिंडदान कर अपने पितरों को मुक्ति दिलाई। ©N S Yadav GoldMine #wholegrain अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर सुबह जल चढ़ाना चाहिए आइये विस्तार से जानिए !!🍋🍋 {Bolo Ji Radhey Radhey} वैशाख अमावस्या :- 🌿वैशा
Vikrant Rajliwal
Arora PR
जैसे कोई नटखट शिशु अपने खिलोनो को लुड़का कर फेंक देता हैँ वैसे ही आज मैंने भी अपनी उपलब्धीया अपने प्रमाण पत्र ताम्र पत्र और सुख सुविधासो का परित्याग कर दिया हैँ अब मुझे मुक्ति का संतुष्टि का अहसास होने लगा हैँ ©Arora PR मुक्ति का अहसास
Arora PR
मै कौन हूँ ? शायद एक "हकीकत " जो रूह के रूप मे मेरे जिस्म के पिंजरे मे कैद हैँ ज़ब से ये जिस्म इस धरती पर अवतरित हुआ हैँ लेकिन अब वो रूह काफ़ी समय मेरे अंदर रहते हुए उबने लगी हैँ और जिस्म से बाहर आकर ताज़ा हवा का आनंद लेना चाहती हैँ शायद यही ख्वाहिश उसे. "मुक्ति " पथ पर अग्रसर करेंगी ©Arora PR मुक्ति पथ
Yogi Sonu
good evening ©Sonu Gami यह प्रकृति धर्मी है धर्म इसका स्वभाव है । प्रकृति के कानून के अंतर्गत सभी कुछ अनुशासित है बिना अनुशासन के कुछ भी नही कब कौन सा संस्कार उदय ह