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Praveen Jain "पल्लव"
World Cancer Day पल्लव की डायरी मानक खान पान के ,वैश्वीकरण ने बदल दिये है नेचुरलता का नाश कर केमिकल्स खाद्यय पदार्थो में भर दिये है दूध सोयाबीन,अन्न यूरिया के बनने लगे है केंसर भी दवाओं को बढ़ावा देने के लिये बाजार फलने फूलने लगे है जीडीपी के लिये कोरोना जैसे रोग विकसित होने लगे है स्वास्थ्य संगठन गुलाम है आकाओं का रोगों को नया नाम देकर पेटेंट का खेल करने लगे है जिंदा लाश है आज मानव रोगों से साजिशो का शिकार बनने लगे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #WorldCancerDay रोगों को नया नाम देकर पेटेंट का खेल खेलने लगे #nojotohindi
Kulbhushan Arora
Hello Bhagvan Uncle ji, भगवान अंकल जी, ये तो kiyara ने बोला आपको, वो क्या कल मैं आपके नाम आए letters पढ़ रहा था, kiyu मुझसे बार बार पूछ रही थी, नानू कितने पागल हो क
Kulbhushan Arora
मेरे जीवन में आई, एक सुख की कहानी... Dedicated to Neeti Jahan bhi ho ab khush raho शेष अनुशीर्षक में पढ़िए Belated Happy Birthday Tumhare yahan tou Aaj hi 22 hogi na आनंद अकेले ही डॉक्टर अशोक को मिलने जाना चाहता था, मगर नीती ने जिद्द पकड़ ली की उसे भी साथ जाना है, हार कर उसे नीती को साथ ले जाना पड़ा। सर्द
CM Chaitanyaa
गर आज तुम ख़ुद से हार गए हो, क्या साँझ है क्या सुबह, तुम तो बेवक्त़ सँवार गए हो... माफ़ कर देने से दूसरे व्यक्ति का न सिर्फ़ मन जीत लिया जाता है बल्कि हम ख़ुद हल्के हो जाते हैं, आगे बढ़ने का रास्ता खुल जाता है। इसी विचार पर- #
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी कैद जिंदगी अपनी ,चंद आकाओं के यहाँ हो गयी है बेहतरी अपनी हम कैसे लाये जाल में फँसाने की साजिशें हो गयी रहन सहन खान पान सब इनके अधीन तय उम्र भी इनके यहाँ पेटेंट हो ग़यी मरी पड़ी है मानवता इनके दाँबो से कई देशो की अखण्डता भंग हो ग़यी मानवता आयोग बना हथियार दादागिरी से संसाधन लूट कर जग में गरीबी फैलाने की आदत हो गयी वायरस बनाकर, गुलाम बनाने की शुरुआत हो गयी प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #humanrights तय उम्र भी अब पेटेंट हो ग़यी #nojotohindi
S. Bhaskar
कपकपाती ठंड में भविष्य निर्वस्त्र घूमता है, जिसको धरती ने भी बख्शा अपना साया नहीं, परवाह किसी की नहीं ना कोई उसे सुनता हैं, वो तन्हा खो भी जाए तो कोई बात नहीं। सर्द रात में खबरों से लिपटे अनजान लेटा था, पर उन खबरों पर उसका ध्यान आया ही नहीं, किसी के बस चोट लगने पर एक हूजूम सा लगता था, पर उसके हिस्से में गम है तो कोई बात नहीं। वो भूखा रोता बिलखता दरवाजे से भी दुत्कारित है, मासूम से जाने क्यूं नफ़रत करते है सभी, जाने किसे पता कहां मिलता उसका अपना हित है, वो आज अकेला है तो क्यों कोई बात नहीं। आखिर ये है कौन और किसकी ये खता है, ईश्वर ने अलग से इनको तो भेजा ही नहीं, इनकी मां तो शर्मसार करती अपनी ही ममता है, इनकी चोट तो दूर मृत्यु पर भी कोई बात नहीं। माफ़ कर देने से दूसरे व्यक्ति का न सिर्फ़ मन जीत लिया जाता है बल्कि हम ख़ुद हल्के हो जाते हैं, आगे बढ़ने का रास्ता खुल जाता है। इसी विचार पर- #
Gumnaam
बिना बातो के भी बाते होती है। बस समझने की बात है। माफ़ कर देने से दूसरे व्यक्ति का न सिर्फ़ मन जीत लिया जाता है बल्कि हम ख़ुद हल्के हो जाते हैं, आगे बढ़ने का रास्ता खुल जाता है। इसी विचार पर- #
Ravikant Shekhar
Koi bat nahi tujhe maf kr chuka hun mai Tere diye zakhmo ko jaise saf kr chuka hun mai Han mana ki thora akela tora tanha sa hun mai Tere sath me jeene marne ki jhuthi kasmo ko aaj talak bhula raha hun mai Per koi bat nahi ja tujhe maf kr chuka hun mai Teri jhuthi duniya se pare ek alag jahan men ja chuka hun mai Ab to yad bhi nahi kab aakhra dafa hansa tha Bas tere diye aansuno ko aaj bhi pee raha hun mai Fir bhi koi bat nahi tujhe maf kr chuka hun mai Teri zulfon ki chaon ko chor "Ravi" ki tarah jalna sikh chuka hun mai Teri bewafai k bawajud sirf tujhse wafa krta raha hun mai Aur har bar dil se duaa de kr bas yahi dohrata chala ja raha hun mai Ki koi bat nahi tujhe maf kr chuka hun mai Koi bat nahi tujhe maf kr chuka hun mai माफ़ कर देने से दूसरे व्यक्ति का न सिर्फ़ मन जीत लिया जाता है बल्कि हम ख़ुद हल्के हो जाते हैं, आगे बढ़ने का रास्ता खुल जाता है। इसी विचार पर- #
Darshan Blon
इंसान ही न हैं हम हो जाती है गलतियाँ जाने अनजाने में कभी कर बैठते हैं हम नादानियाँ, कौन होता है भला सर्वगुण संपन्न? कर बैठता है हर कोई करतूतें फिजूल, चाहते नचाहते हुए भी हमसे हो जाती है कभी कबार भूल, विफल हुए जो एक दफा तो क्या? ज़िन्दगी हुई है ख्तम तो नहीं, गिर पड़े जो तुम चलते चलते तो उठ खड़े हो फिर क्या चलोगे नहीं?? शिकायत मुझे नहीं है तुमसे दिल मेरा तुझसे खफा नहीं हो जाती हैं गलतियाँ इंसानोसे ज़्यादा ना सोचो तुम, कोई बात नहीं!! माफ़ कर देने से दूसरे व्यक्ति का न सिर्फ़ मन जीत लिया जाता है बल्कि हम ख़ुद हल्के हो जाते हैं, आगे बढ़ने का रास्ता खुल जाता है। इसी विचार पर- #
Axar pathak