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Ashutosh Mishra
++तितली++ एक नन्ही तितली का स्पर्श,,हृदय में प्रेम संदेश दे गया। हृदय को कर स्पंदित विद्युत चुम्बकीय शक्ति की भांति, साथ अपने ले चला। रस चैतन्य चेतना का संचार होने लगा, ये आत्मा परमात्मा में अंतरंग होने लगा। अल्फ़ाज़ मेरे ✍️🙏🏻🙏🏻 ©Ashutosh Mishra #TiTLi एक नन्ही तितली का स्पर्श, हृदय में प्रेम संदेश दे गया। हृदय को कर स्पंदित, विद्युत चुम्बकीय शक्ति की भांति अपने संग ले चला।
GRHC~TECH~TRICKS
पुरुषार्थ और नारी शक्ति ***************************** इनको समझना सीखिएं हे नारी शक्ति। एक चुंबकीय शक्ति के बारे में सुना है आपको। इसी प्रकार अध्यात्म में कहा गया है यह एक गुण भी है । की नारी शक्ति में भी अनेक प्रकार के , पुरुषार्थ के चुम्बकीय शक्ति गुण भी होते हैं। जिसके बारे में खुद नारी को भी महसूस नहीं होता । इनके बारे में अर्थात नारी शक्ति भी सही प्रकार से, आज तक पुरुषार्थ को सही से खोज ही नहीं पायी है। इस पृथ्वी पर ये क्या होता है ?................. और संसार में नारी शक्ति इन्हीं को केवल ही केवल एक पुरुषार्थ को एकमात्र ऐसा मानती है । ये कोई एक प्रकार शरीर का बल ही होगा। इस प्रकार समझकर ही एक खुद समस्त पृथ्वी की। नारी शक्ति अपने पवित्र गुणों से भी दुर जा रही है। हे नारी शक्ति ऐसा होता तो खुद भगवान भी, आदर भाव इसको ग्रहण नहीं करते हे नारी शक्ति। पुरुषार्थ को ही हृदय में स्थित भगवान भी एक रति प्रतिदिन आदर भाव से इसे ग्रहण करते हैं। और इसी को इन्सान अज्ञान होने से नारी शक्ति पर , आकर्षित होकर पुरुषार्थ नष्ट करता रहता है निरंतर। दोनों के स्वरूप में से लेने वाला एक ही है - एक नष्ट करवाने का प्रतीक माना जाता हैं। और दुसरे में भाव से खुद ग्रहण करने का प्रतीक हैं । इसमें एक पुरूषार्थ को एक वृद्धि प्रतीक माना जाता है। ©GRHC~TECH~TRICKS #grhctechtricks #New #Trending #viral #rush पुरुषार्थ और नारी शक्ति *****************************
Neena Jha
नज़र आती है, सुबह की उजली किरण आज कुछ, कम उजली लगती है; मानो जैसे सूरज की किरणें, बिजली के तार सी एक एक कट रही हों; मग़र, फ़िर भी धूप थोड़ी ताज़ी नज़र आती है, जैसे किसी ने सूरज को, सर्द में नहलाया हो; जो दिन गहराता जाए तो, दिल तुम्हारी ओर खिंच जाता है; मानो साँझ के चाँद का चुंबकीय बल, इन यादों पर असर कर रहा है; जो साँझ ढलने का वक़्त आया, मुआयना छत का किया गया; रात अनोखी, काली ऐसी, गहरे सन्नाटे में घने जंगल जैसी; तारों की बारात, यूँ तो दिखनी मुश्किल है बिना दूरबीन के; मग़र जो दिखे दो चार, मानो टिमटिमाना भूल गयें हैं, जैसे किरणों के बिस्तर पर अलसाने में, रात की सुध लेना ही भूल गए हैं; चांद तो हंसिये सा नज़र आता है यूँ, मानो इसका हार बना, तुम्हारे लिए ख़ुद को संवार लूँ; कुछ ग्रह नज़र आए तो लगता है जैसे, दूसरी दुनिया से मेल जोल हो रहा है; कभी लगता है मानो, हम सौरमंडल में पकड़म पकड़ाई खेल रहे हों; अद्भुत हो वो नज़ारा जो हम नज़र भर, इस नए अंदाज़ में ब्रह्मांड को देख लें! Without नीना झा #संजोगिनी ©Neena Jha #sparsh #Neverendingoverthinking #नीना_झा #जय_श्री_नारायण #संजोगिनी जय माँ शारदे 🙏 नज़र आती है,
Simpy Aggarwal
"नवदुर्गा नारी" सुन मेरी देवी ऊँचे पर्वत वासिनी, ज्योतिर्मय मुखमयी,मंद-मंद सुहासिनी, अद्भुत छवि अलौकिक रूप, नारी के सम्पूर्ण जीवन चक्र को, दर्शाती तेरे अवतारों की धूप! जन्म ले कन्या का माता, शैलपुत्री रूप धर पृथ्वी पर आई, प्रथम दिवस शैलपुत्री मैया, कन्या रूप में देवी कहलायी! कौमार्य अवस्था नारी की, ब्रह्मचारिणी का रूप कहलायी, ब्रह्म आचरण का माँ तेरा द्वितीय रूप, आत्म-परीक्षा देती नारी बनी तेरा ही स्वरुप! विवाह पूर्व स्त्री की पवित्रता, चन्द्रमा समान निर्मल शीतलता, माँ का तृतीय रूप चंद्रघंटा, दर्शाये नारी जीवन की सतर्कता! करने को नए जीव को उत्पन्न, प्रत्येक स्त्री करती गर्भ धारण, दर्शाने को रचनात्मक अवस्था नारी की, चतुर्थ दिवस में माँ कूष्मांडा का होता अवतरण! नवीन स्कन्द को देकर जीवन, नारी में पुनः देवी दर्शायी, मोक्षदायिनी कुसुमधारी माता, पंचम दिवस स्कंदमाता रूप में आई! संयम साधना और प्रेम का संगम, नारी संजोती अनेकों बंधन, कात्यायनी है षष्ठ रूप माता का, दर्शाये देवी रुपी नारी का जीवन! आत्म सम्मान पर जब लगती चोट, भयावह रूप में करती विस्फोट, गतिशीलता संग विद्युत रुपी नारी, है कालरात्रि माता के सप्तम रूप की जोत! बुद्धिमता से परिवार का संचालन, परिवार ही जिसका संसार व जीवन, अन्नपूर्णा नारी के इस भाव का वर्णन, है अष्टम दिवस में महागौरी का आगमन! पूर्णता और विवेक की जोत जलाये, सुख-सिद्धि के आशीष का प्रकाश फैलाये, संतान को देने ज्ञान का सागर, नवम दिवस सिद्धिदात्री माँ के रूप में आये! दुर्गा माँ के नौ अवतार, सम्पूर्ण सृष्टि का करते उद्धार, प्रत्येक नारी के आचार-विचार, नवदुर्गा के रूपों का ही है आकार!! ©Simpy Aggarwal "नवदुर्गा नारी" सुन मेरी देवी ऊँचे पर्वत वासिनी, ज्योतिर्मय मुखमयी,मंद-मंद सुहासिनी, अद्भुत छवि अलौकिक रूप, नारी के सम्पूर्ण जीवन चक्र को,
kaushik Garg
"प्यार मानव तंत्रिका सर्किट में बस एक विद्युत बग है।" ©kaushik Garg "प्यार मानव तंत्रिका सर्किट में बस एक विद्युत बग है।" #Shayar #Shayari #Love #love❤ #qoutes
Mahesh Bunde