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महाराष्ट्राची साहित्यगाथा समूह

आंतरराष्ट्रीय सर्व मराठी भाषिक साहित्यिकांचे ‘ महाराष्ट्राची साहित्यगाथा समूहात ’ सहर्ष स्वागत आहे . ‘ महाराष्ट्राची साहित्यगाथा समूह ’ या #शिक्षण

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महाराष्ट्राची साहित्यगाथा समूह

आंतरराष्ट्रीय सर्व मराठी भाषिक साहित्यिकांचे ‘ महाराष्ट्राची साहित्यगाथा समूहात ’ सहर्ष स्वागत आहे . ‘ महाराष्ट्राची साहित्यगाथा समूह ’ या #शिक्षण

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ANIL KUMAR

सहभागी #Shayari

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Ravendra

जल ज्ञान यात्रा’’ का जिलाधिकारी ने किया शुभारम्भ बहराइच । राज्य सरकार की अभिनव पहल पर देश की भावी पीढ़ी को जल जीवन मिशन की परियोजनाओं का सहभ #न्यूज़

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एक अजनबी

#एक_स्त्री_और_पुरुष #कृपया_पूरी_पढ़े 🙏🏻 *एक पुरुष और स्त्री के आपसी संबंधों की परिणति, सिर्फ देह ही तो नहीं हो सकती। क्या एक स्त्री और पुर #Society

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एक पुरुष और स्त्री के आपसी संबंधों की परिणति,
सिर्फ देह ही तो नहीं हो सकती।
क्या एक स्त्री और पुरुष किसी और तरह नहीं बँध सकते आपस में ?
और बँधें ही क्यों ?
उन्मुक्त भी तो रह सकते हैं, समाज के बने बनाए एक ही
तरह के खाके से जिसमें सदियों पुरानी एक सड़ांध सी है।

एक स्त्री और पुरुष
बौध्दिकता के स्तर पर भी एक हो सकते हैं
उपन्यास, कविताएँ, कहानियों, ग़ज़लों पर विमर्श करना
कहानियों की पौध रोपना क्या दैहिक सम्बन्धों की परिभाषाएँ लाँघता है ?

एक स्त्री और पुरुष-घण्टों बातें कर सकते हैं
 फूल के रंगों के बारे में, तितलियों के पंखों के बारे में,
समुद्र के दूधिया किनारों के बारे में,  और
ढलती शाम के सतरंगी आसमानों के बारे में, 
पत्तों पर थिरकती, बारिश की सुरलहरियों के बारे में;
इनमें तो कहीं भी देह की महक नहीं, दूर - दूर तक नहीं।
फिर दायरे, वही दायरे बाँध देते हैं दोनों को।

एक स्त्री और पुरुष- आपस में बाँट सकते हैं - 
एक दूसरे का दुःख, ठोकरों से मिला अनुभव,
कितनी ही गाँठें सुलझा सकते हैं, साथ में मन की।
मगर, नहीं कर पाते, ......क्योंकि
दोनों को कहीं न कहीं रोक देता है, उनका स्त्री और पुरुष होना।

एक स्त्री और पुरुष - के आपसी सानिध्य की उत्कंठा - की दूसरी धुरी..
आवश्यक तो नहीं कि दैहिक खोज ही हो;
मन के खाली कोठरों को सुन्दर विचारों से भरने में भी
सहभागी हो सकते हैं - स्त्री और पुरुष।
यूँ भी तो हो सकता है कि - उनके बीच कुछ ऐसा पनपने को
उद्वेलित हो, जो देह से परे हो,
प्रेम की पूर्व गढ़ित परिभाषाओं से भी अछूता हो,
 क्यों न दें इस नई परिभाषा को?
स्त्री और पुरुष के बीच।

©एक अजनबी #एक_स्त्री_और_पुरुष #कृपया_पूरी_पढ़े 🙏🏻


*एक पुरुष और स्त्री के आपसी संबंधों की परिणति,
सिर्फ देह ही तो नहीं हो सकती।
क्या एक स्त्री और पुर

Vedantika

मैंने अपनी सहभागी KRK🥰 Khushbu Rawal Khushi दी की एक छोटी सी कविता में से चार शब्द चुनकर एक अर्थहीन कविता की रचना की है। हिन्दी_प्रभात_खिच

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समंदर किनारे अँधेरा हुआ, मुमकिन नहीं था चलना और।
न ही कोई साथी मिला मुझे जो ले चलता मुझे अपने ठौर
डूब जाऊँ मैं जो एक बार इस समंदर की इन निगाहों में,
गुजर जाए ताउम्र एक गहरी नदिया बनने का एक दौर। मैंने अपनी सहभागी KRK🥰 Khushbu Rawal Khushi दी की एक छोटी सी कविता में से चार शब्द चुनकर एक अर्थहीन कविता की रचना की है।

#हिन्दी_प्रभात_खिच

Vedantika

मैंने जो चार शब्द अपनी सहभागी KRK🥰 Khushbu Rawal Khushi दी की इस कविता में से चुने है, वे इस प्रकार हैं कश्मकश- असमंजस हैवान- दुष्ट शख्सियत

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कश्मकश में ज़िंदगी हर लम्हा यूँ गुजर गया।
मेरे अंदर के इंसान पर हैवान जब चढ़ गया।
मिट गई ये शख़्सियत और राख में बन गया।
रिश्ते में जो यकीन था जो पल में बिखर गया।

वफादार रहा न मैं और तिजारत कर गया।
जब मेरे दिल मे इंसान घुट-घुटकर मर गया।
अब नहीं मैं ईश्वर का रूप उससे बिछड़ गया।
मैं उसके सामने उससे ही सब मुकर गया। मैंने जो चार शब्द अपनी सहभागी KRK🥰 Khushbu Rawal Khushi दी की इस कविता में से चुने है, वे इस प्रकार हैं

कश्मकश- असमंजस
हैवान- दुष्ट
शख्सियत

દિ.લ. આહીર

सुप्रभात। चिड़िया जो स्वतंत्रता का प्रतीक है, प्रकृति की सहभागी है, हमसे कुछ कहती है... चिड़िया collab YourQuoteAndMine Collaborating wit

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कोनसा प्रतिक दिया जाये आजादी का? क्या मिशाल दी जाये आजादी की? यहाँ हर कोई केद हैं अपनी ही व्यथा में । सुप्रभात।
चिड़िया जो स्वतंत्रता का प्रतीक है,
प्रकृति की सहभागी है, 
हमसे कुछ कहती है...
#चिड़िया #collab  #YourQuoteAndMine
Collaborating wit

Divyani Choudhary

सुप्रभात। चिड़िया जो स्वतंत्रता का प्रतीक है, प्रकृति की सहभागी है, हमसे कुछ कहती है... #चिड़िया #Collab #YourQuoteAndMine Collaborating wit

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कि मुझे पिंजड़ाे से निकाल कर 
खुली आसमानों मे छोड़ दो, 
मैं भी उड़ना चाहती हूँ 
और स्वतंत्र होना चाहती हूँ... सुप्रभात।
चिड़िया जो स्वतंत्रता का प्रतीक है,
प्रकृति की सहभागी है, 
हमसे कुछ कहती है...
#चिड़िया #collab  #YourQuoteAndMine
Collaborating wit

Seema Sharma

सुप्रभात। चिड़िया जो स्वतंत्रता का प्रतीक है, प्रकृति की सहभागी है, हमसे कुछ कहती है... #चिड़िया #Collab #YourQuoteAndMine Collaborating wit

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हौसला है तो रुके क्यों 
क्यों हार गए खुद से तुम 
झुके क्यों
रोना था तो रो लेते 
गम था तो उदास भी हो लेते 
मंजिल दूर थी पता है मुझे
तुम पहुंचने से पहले ही रुके क्यों
हौसला था तो रुके क्यों..... सुप्रभात।
चिड़िया जो स्वतंत्रता का प्रतीक है,
प्रकृति की सहभागी है, 
हमसे कुछ कहती है...
#चिड़िया #collab  #YourQuoteAndMine
Collaborating wit
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