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बिमल तिवारी “आत्मबोध”
White ऋतुओं में जब शिशिर का ठौर आने लगे आम्रकुंज में आम्र वृक्ष पर बौर आने लगे चुप हो गया जंगल का बादशाह जब से तब गीदड़ों के बोल भी और आने लगे पुरखे जिनके सोते आ रहे हैं जमीं पे उनके नवासों के भी अब दौर आने लगे छुप गया चांद जब बदली की ओंट में आसमान में फिर तारों संग सौर आने लगे मुनासिब ना समझा मिलना मै जिनसे हुज़ूर उनके चेहरे अब ग़ौर आने लगे ©बिमल तिवारी “आत्मबोध” #Thinking #gazal
Shreyansh Gaurav
कोई ख़्वाव आँखो में नहीं,मेरी नींद भी गुम है कहीं क्या हुआ, कुछ तो हुआ है, पता करों वो कहाँ गये..! सफ़र साथ में शुरू किये थे, हम दोनों ने मिलकर आज मैं अकेला हीं चल रहा, देखो वो किधर गये..! मुहब्बत का तमाशा देखने में देखो कौन शामिल है बहुत मासूम है महबूब मेरा, कहीं वो राह भटक गये..! यें किस्सा ए दिल,उसके शिवाय कोई नहीं जानता उसमें जां बसती है मेरी,देखो कहाँ लापता हो गये..! उसे पता है मेरे बारे में,उसके बगैर जी नहीं पाऊँगा लगता है मेरी मुहब्बत का ज़ाईज़ा लें रहें, कहाँ गये..! मेरे सफ़र का साथी था, हमसफ़र बनाना था उसे ही बीच राह में बिछड़ गया है, पता करों वो कहाँ गये..!! ©Shreyansh Gaurav #gazal #Thinking
Shreyansh Gaurav
मेरे माथे पे तिरा दिया बोसा, बहुत सुकून था उसमें तुम अब नहीं हो एहसास है मुझे, तुम्हें याद नहीं है..! मिरे मुफलिसी में भी, अमीरी का एहसास जैसे रहा दिले बेज़ार मरहम था,मुझे ख़बर है तुम्हें याद नहीं है.! मेरे मुस्तक़बिल में इतना ही लिखा था साथ तिरा भी गुरबत में अमीरी का एहसास रहा,तुम्हें याद नहीं है.! मिरे सपनों,ख़्वाहिशों की उड़ान थीं तुमसे,जानती हो सुकून अब नहीं साथ याद है मुझे, तुम्हें याद नहीं है.! ©Shreyansh Gaurav #gazal #बोसा
Shreyansh Gaurav
White यें ज़िन्दगी का सफ़र है चलता रहेगा, रुकेगा नहीं किसी से अहद ए वफ़ा करते हो, तो पूरा करों तुम..! शौक ए नज़र के लिये हमराह न बनो,इत्मीनान से नज़र ए सफ़र पर रखों,हमसफ़र के साथ रहो तुम.! आज का वक़्त है बस चंद पल साथ रहते है लोग भीड़ में क्यूँ शरीक होते है,अब ज़ाहिल न बनो तुम.! मुहब्बत का सफ़र लगता है आँसा, होता नहीं है बढ़ाओ कदम राह ए सफ़र में जब, पूरा करों तुम..! किताब का पाठ नहीं है, ज़िन्दगी का सफ़र है यें नकल की गुज़ाईश नहीं,इसका एहसास करों तुम.! मैंने भी देखा,तूने भी देखा है, दिखावे से दूर रहो इत्मीनान से बढ़ो आगे,किसी की किस्मत हो तुम.!! ©Shreyansh Gaurav #gazal love_shayari
#gazal love_shayari
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याद नहीं हूँ मुझे कब का पूरी नींद सोया हूँ रात भर जागता हूँ,न जाने क्यूँ कहाँ खोया हूँ.! उससे बिछड़ कर लाइलाज़ हो गया हूँ मैं अब हकीम बेअसर है, मैं आज भी नहीं सोया हूँ.! क़िससे कहूँ,क्या कहूँ,क्या हुआ है,पता नहीं चाहता हूँ इक़ बार रूबरू,उसकी ख़ातिर रोया हूँ.! बहुत ढूढ़ता हूँ ख़ुद में कमियाँ, क्या हुआ है कोई बताये ठीक करलूँ,मैं उसी का गोया हूँ.! बहुत बेचैन हूँ,बेसब्र हूँ आजकल मैं क्या करूँ इक़ अरसा गुज़र गया,याद नहीं कब सोया हूँ.! अब थक गया हूँ,इंतज़ार की इंतेहा हो गयीं उसे मेरी कर या मौत देंदें मुझे,लगे की सोया हूँ.!! ©Shreyansh Gaurav #gazal #Dream
SZUBAIR KHAN KHAN
White 221 212 2 221 2122 थी आरज़ू कभी कू -ए- यार के निदा की इस शहर जादे के सर-खुश यार के मक़ा की अब जो है वो नहीं अब तो तर्क रहते होंगे बा -खूब जानते हैं वो यार के समा की ख्वाहिश कभी नहीं कि मंसूब की अता हो कुछ तो खबर रही होगी यार के वफ़ा की पूछा बहाल -ए- खिल का हाले नालां का भी मारोज़ -ए- बयां क्या है यार के नज़ा की निस्बत उन्हें ना थी जो हम शौक़ रखते उनका वो ख्वाब नज़रो में ना थे यार के निहा की क्या है "जुबैर"दो पल का शौक़-ए-नज़ारा ये बात उनको कहना ये यार के सज़ा की लेखक - ज़ुबैर खान.......✍️ ©SZUBAIR KHAN KHAN gazal
gazal
read moreprashant farrukhabadi
कुछ रिश्ते शिकस्त ए फ़रोश निकले वो जाने क्यों मेरी सोच से परे निकले । ऐसा क्या गुनाह किया मैने तेरे साथ वादियों के हसीन पल गैरों के निकले । ©prashant farrukhabadi #shayari#gazal hindi shayari
Souvik
Unsplash amk dur thaka dakho ami koto ta kharap hota pari ©Souvik #leafbook # bangla #Attitude