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Poonam Nishad
फिर बीती बातें आँख नम कर गई, यादें सता रहीं हैं गुज़रें हुए दिनों की । फिर से छा रही है उदासी चेहरे पर, खुशियां दूर कर रही है बातें यादों की । ख़ामोश कर गई एक बार फिर लबों को, रह रह कर सता रही हैं बातें यादों की। न सुकून कही अब मिलता न हँस पाते हैं दर्द दे रही है ज़िंदगी छिन गई नींद रातों की। सवालों में उलझी है क्यों ज़िंदगी की राहें, क्यों सता रही हैं यादें पुरानी बातों की। ©Poonam Nishad #WriterPoonamNishad #gazal #Hindi #nojotohindi
साहित्य संजीवनी
White हर शख्स यहाँ दे रहा है, मशवरे मुझे, कोई ये पूछता नहीं.. क्या चाहिए मुझे !! -विक्रम बैरागी ©साहित्य संजीवनी #Night #Shayari #gazal #Nojoto #Hindi
साहित्य संजीवनी
White वो मेरी फ़िक्र तो करता है मगर प्यार नहीं यानी पाज़ेब में घुँघरू तो है झनकार नहीं -हरमन दिनेश ©साहित्य संजीवनी #Couple #Poetry #Shayari #gazal #Nojoto #Hindi
साहित्य संजीवनी
हमे विरासत में अपना लहज़ा मिला हुआ है कलाम कर ले जिसे भी कोई मुग़ालता* है ©साहित्य संजीवनी #retro #Poetry #Shayar #gazal #Hindi #urdu
साहित्य संजीवनी
खुद से मायूस हो के बैठा हूँ, आज हर शख़्स मर गया होगा। -जॉन एलिया ©साहित्य संजीवनी #retro #Poetry #Shayari #gazal #Hindi
Sandeep
सब कुछ बयां करते अल्फाजों को बेआवाज करना, बहुत अच्छा जान गए हो, आंखों में आंखें डालकर नजरअंदाज करना..! ©Sandeep #hunarbaaz #shayri #Hindi #Kahaanikaar #gazal
साहित्य संजीवनी
Life Like अगर तुम्हारी उत्कंठा उत्कर्ष प्रहर्ष चुनिंदा है। तब निष्कर्ष विमर्श बने संघर्ष अभी यदि जिंदा है।। Ashok Aviral ©साहित्य संजीवनी #Lifelike #Poetry #Shayari #gazal #Hindi #urdu
साहित्य संजीवनी
Village Life दख़लअंदाज़ी-ए-ग़म इश्क़ में हुस्न-ए-मुहब्बत है अगर ये नेमत-ए-अल्लाह दिल से मुड़ गई तो क्या - दीप ©साहित्य संजीवनी #villagelife #Poetry #Shayari #gazal #Hindi #urdu
साहित्य संजीवनी
गीत जैसा मन लिए मैं ही फकीरी कर रहा हूँ, जब मेरा डमरू बजेगा तब अमीरी मन से होगी। -नवल सुधांशु ©साहित्य संजीवनी #SunSet #Poetry #Shayari #gazal #Hindi #urdu
Poonam Nishad
फिर बीती बातें आँख नम कर गई, यादें सता रहीं हैं गुज़रें हुए दिनों की । फिर से छा रही है उदासी चेहरे पर, खुशियां दूर कर रही है बातें यादों की । ख़ामोश कर गई एक बार फिर लबों को, रह रह कर सता रही हैं बातें यादों की। न सुकून कही अब मिलता हँस पाते हैं दर्द दे रही है ज़िंदगी छिन गई नींद रातों की। सवालों में उलझी है क्यों ज़िंदगी की राहें, क्यों सता रही हैं यादें पुरानी बातों की। ©Poonam Nishad #WriterPoonamNishad #gazal #Hindi #nojotohindi