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Pratyush PSP
Happy New Year यह साल भी गुज़र गया फिर भी तुमको देखने का ख्वाब बाकी हैं फिर भी तुमसे बात करने का ख्वाब बाकी हैं फिर भी तुमसे दो पल मिलने का ख्वाब बाकी है फिर भी तुम्हारी मुस्कान देखने का ख्वाब बाकी है फिर भी तुमको देखने की बेताबी बाकी हैं यह साल भी गुज़र गया फिर भी तुम इस साल भी नही आए बस इसी बात का मलाल बाकी हैं इस वर्ष की अंतिम कविता
Harshit Singh ( @mercer_rex )
अंग्रेज़ी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ, रहे समर्पित वर्ष जो बीता खुशियाँ अगला लायेगा, रहा जो बीत अभी तुमको वह रंग तेरा बतलायेगा, कभी निराश ना होना होना सतत परिश्रम को आतुर, हुई जो भूल भूल मत उसको वह तुमको ही सुलझायेगा। नववर्ष वर्ष भारत में ये भले मनाते रहना, तीन माह पश्चात याद अपना भी जताते रहना, कहीं दबी ना रह जाये अपनी संस्कृति व सभ्यता, तीन माह पश्चात प्रकृति का है नव वर्ष जनाते रहना। हर्षित सिंह 'विभोर ' #NojotoQuote अंग्रेज़ी नव वर्ष 2019 #नववर्ष #कविता #हिन्दी #nojoto
Santosh Malviya(kavi prerak)
Deepak Mubarakpuri
शीर्षक -: आंसू खुशियां दुख दर्द भरे फिर ये पुराने वर्ष के जाने का गम कौन सुनाएगा ? की किस तरह से निकाला दिल का गम और आंखे रोई फूट फूट की शमशान में भी जगह ना रही और माएं बहने रोई टूट टूट कैसे भीषण कोरोना ने घर घर कहर मचाया था मौत का तांडव दुनिया भर में सन इक्कीस में जो आया था एक दिवाला था जिस घर का यह उसको भी मार गिराया था कई सरकारी नौकरी वाले शिक्षक तो कई डाक्टरों ने भी प्राण गंवाया था बचे नहीं बच्चे बूढ़े ना युवा गरीब दुखिया निर्धन कुटिया ने भी प्राण लुटाया था कोरोना सा काल जिसका भय घर घर समाया था चलो गया ओ दौर और अब वक्त ने करवट बदली है नई नई उम्मीदें कायम और मन ने भी हिम्मत रख ली है अब नया वर्ष आशीष हमे दे मंगल कामना चाहे हम यस मिले और हो गौरव वासी नई नई उम्मीदों वाला नव प्रभात का उदय नया हो दुनिया में ओ हर दीप बुझे नहीं जिनसे सम्मानित नाम बयां हो गया वर्ष ओ जाने वाला कई ऐतिहासिक कदम बढ़ाने वाला जिसने कोरोना काल में भी एक नया परिवर्तन दिखलाने वाला दीपक कुमार विश्वकर्मा फतेहपुर उत्तर प्रदेश Thought Writer dk sayar ✍️ ©D.K. Sayar Multiple articles पुराना वर्षा vs नया वर्ष #new_poetry #New_Year #कविता #Poetry #kavita #dk_sayar_multiple_articles #Luminance
Thakur Bhawani Pratap Singh
गोरक्ष अशोक उंबरकर
सुख दुःखाच्या सहवासात हे वर्ष ही संपून गेलं... काही जुनी काही नवी माणसं 2023 वर्ष देऊन गेलं... जीवनाच्या प्रवासात आयुष्य सार वाहून गेलं.. दिवसा मागून दिवसांचे हे वर्ष ही संपून गेलं.. दिवसांच्या प्रत्येक वर्षात आपण बरच काही केलं.. कटू गोड आठवणींना जपून आपलंसं केलं.. नववर्षाला पुन्हा नव्याने आता सजवायचं आहे.. सुकलेल्या स्वप्नांना नव्याने पुन्हा फुलवायच आहे .. सुकलेल्या स्वप्नांना नव्याने पुन्हा फुलवायचं आहे .. ©गोरक्ष अशोक उंबरकर जून वर्ष