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DrRavikirti Didwania
Sound Similar but Meaning Different Challenge People Become Too "Sel-fish" Sailing Somewhere else and Phishing Someone else... #ravikirtikikalamse #selfishworld #yqdidi #yqbaba #nazariya_badlo_janab #phishing #paraya #waqthitujebatayega द्विअर्थी समानार्थी शब्द प्रय
brijesh mehta
तेरे और उनके प्रेम में जमीन आसमान का फर्क है तेरे प्यार में शक है, वहम है, भरोसा नहीं है। तेरा प्यार तुझे बहुत रुलाएगा, बहुत तड़पाएगा। — % & प्यार, प्रेम, विश्वास, भरोसा सब समानार्थी शब्द है। 💞💞 #मंमाधन #brijeshmehta #manmadhan #lovequotes #lifequotes #lovestory
Bantu Bamniya
💌तुम्हारा हर मैसेज मेरे रोम रोम में गुदगुदी पैदा करता है; 👩❤️💋👩 जब भी मैं पढता हूं, मेरा दिल जोर से धड़कता है; 💝💝 लेकिन क्या करें, कसूर तुम्हारा नहीं है; 😂 यह मोबाइल ही 'वाईबरेशन मोड' पर चलता है! 😂😂😂😂 ©Bantu Bamniya चंचल
प्रेरक नीर जैन
मैं ठहरे सागर सा था तुम उसमें चंचल पत्थर से आप पड़े ।। कर कर जीवन मेरा अस्थिर । तुम तेज़ रफ़्तार से निकल गए ।। #चंचल
Nishith Sinha
मन चंचल .. सोचता है इधर उधर की बातें ; अपनी ही सोच से खुद को डराता है , आज़ में रहकर कल की यादें दिलाता है , आज़ को भूलकर, कल के सुनहरे सपने दिखाता है !! मन चंचल .. एक पल खुद से ख़ुद को परिचय कराता है , दूसरे पल ही बेगाना हो जाता है, काल्पनिक विचारों को गाहे बेगाहे ले आता है , और कभी जीवन की प्रमाणिक सच्चाइयाँ बताता है ।। मन चंचल .. मन में चलती विविधताएँ जहाँ जीवन का रूप है , मन की सुंदरता वहीं मानवता का अद्भुत स्वरूप है , मन की चंचलता जहाँ मानवीय भाव का स्तंभ है , मन का नियंत्रण वहीं अद्भुत जीवन का आरम्भ है ।। चंचल मन
Riddhi Shukla
चंचल मन.... चंचल मन के अतिरिक्त चंचल विचार मन में आते है बोहोत से विचलित विचार ना गौर कर पाते है हम किसी एक चीज़ पे सैकड़ों उठते है इस मन में सवाल कदम कदम पे देते एक चुनौती नई सरल फैसले को बनाता ये कठिन बड़ा टिक नहीं पाते किसी एक चीज़ पे भटका देता है हमे अपनी राह से लगने लगता है कि नहीं जानते हम अपने आप को करता है ये मन शेतानीया हमारे साथ जितना तटोरे हम इस मन को उतने ही ज़्यादा उलजेंगे बार बार चंचल मन
Parasram Arora
कितना गहरा है जीवन सागर थाह नहीं मिलती जीवन की सपनो के जाल बुनती रहती चंचल सी ये मछली मेरे मन की क्यों छूटती नहीं पकड़? क्यों व्यर्थताये आती नहीं नज़र चाहो की यथार्थ की हवाएं बह रही सागर की सतह पर किन्तु अतल मे धंसी है असंख्य चाहे नहीं ढूंढ पा रही राह सतह और तट की चंचल मछली........