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Swechha S
तेरी ज़िन्दगी की कहानी का किरदार होना है तुझसे ऐसा जुड़ना है की ज़ार-ज़ार होना है तेरी ज़िन्दगी की कहानी का किरदार होना है तुझसे ऐसा जुड़ना है की ज़ार-ज़ार होना है 💌 #17Dec
Rushda Sadaf
निराले हैं.. कभी हंसना है तो कभी रोना है.. कभी रूठना है तो कभी मान जाना है.. कभी जीतना है तो कभी हारना है.. कभी टूटना है तो कभी जुड़ना है.. कभी गिरना है तो कभी संभालना है.. और, आखिर में.. मर जाना है.....! सब रूप ज़िन्दगी के... निराले हैं.. कभी हंसना है तो कभी रोना है.. कभी रूठना है तो कभी मान जाना है.. कभी जीतना है तो कभी हारना है.. कभी टूटना
Gufran Bahraichi
बज़्म ए गुलिस्तान ए सुखन ((वाॅट्सअप ग्रुप)) में कहे गए कलाम में से कुछ पसंदीदा अशआर आप सभी अहबाब को पेश ए ख़िदमत है उम्मीद करता हूँ आप स
Gufran Bahraichi
बज़्म ए गुलिस्तान ए सुखन ((वाॅट्सअप ग्रुप)) में कहे गए कलाम में से कुछ पसंदीदा अशआर आप सभी की समाअतों के ज़ेर ए नज़र पेश ए ख़िदमत है उम्मीद करता हूँ आप सबको सभी शोअरा हज़रात के अशआर पसंद आएंगे ((मिंजानिब गुरूप एडमिन गुफरान बहराईची)) अगर किसी को जुड़ना है तो बरा ए करम इस नम्बर पर मैसेज करें (9140420308) कोई खिड़की तो खुले पर्दा हटे तो पहले दिल के कमरे में तेरे सुबहे नमोदार,तो हो ((वसिक़ अंसारी बदायुनी साहब)) मुझकाे मन्ज़ूर है इस शौक़ में अन्धा हाेना चन्द पल के लिये लेकिन तिरा दीदार ताे हो ((चांद ककरालवी साहब)) कुछ तो अरबाबे सुखन में तिरा मेयार तो हो मीरो ग़ालिब की ज़ुबाँ में तेरी गुफ्तार तो हो ((फारूक़ मेहवर हरदोई साहब)) घर में दाख़िल न कभी होगी तशद्दुद की हवा जिसमें सूराख़ न हो कोई वो दीवार तो हो ((जमील सकलैनी साहब)) पारसा चारों तरफ़ मुझको नज़र आते हैं बज़्मे ज़ाहिद में कोई मुझसा गुनहगार तो हो ((शायर:- आलम फिरोज़ाबादी साहब)) ख़ार आ जायें हिमायत में अभी फूलों की बागबाँ तुझको गुलिस्ताँ से मगर प्यार तो हो ((शायरा:- अस्मा तारिक़ साहिबा (कुवैत))) जिसने पैगाम-ए-मुहब्बत ही दिया मर कर भी फिर से उन लोगों का इस देश में अवतार तो हो ((प्रीतम राठौर भिनगाई साहब)) लाख पत्थर का सही पर वो पिंघल सकता है उससे सुफ़यान कभी प्यार से गुफ़तार तो हो ((सुफियान बुटरानवी साहब)) सुर्खरू इतना किसी राेज़ मिरा प्यार ताे हो मेरी तसवीर कभी ज़ीनत ए अखबार ताे हो ((गुफरान बहराईची)) WhatsApp Group बज़्म ए गुलिस्तान ए सुखन ((वाॅट्सअप ग्रुप)) में कहे गए कलाम में से कुछ पसंदीदा अशआर आप सभी की समाअतों के ज़ेर ए नज़र पेश ए ख़िदमत है उम्मी
... मोलिका
सुनों, मुझे करनी है मोहब्बत तुमसे, ऐसी.. अनंत तक, अनंत के बाद भी..!! (Read in caption...) सुनों, मुझे करनी है मोहब्बत तुमसे, ऐसी, जैसी गौरी ने की थी, शिव से.., वैसे तो हलाहल धारी जग कहता है इन्हें, पर पिया था अकूत विष, सती ने भी,
Roohi Bhargava
मैं टूट गई हूँ तेरे शब्दों से, चाहा था साथ बस, पर तूने ठुकराया था। है कोशिश मेरी भी, टूट कर ना गिरने की, क्योंकि तोड़ना सब जानते है, टूट कर फिर जुड़ जाना फितरत है मेरी। टूट कर जुड़ना मुश्किल होता है...
Abhishek Pandey
Er.Mahesh
संगठन हमे आपस में जुड़ना सिखाता है तमाम विचार धाराओं को मिलाकर , एक विचार धारा का परिवार बनाता है शोषण यदि हो आपका तो , परिवार की भांति हमें बचाता है संगठन हमें आपस में जुड़ना सिखाता है आतें हैं दूर दूर से किसी कार्यालय में, पता नही कैसे इतना गहरा ,सबसे नाता जुड जाता है संगठन हमें आपस में मिलाता है संगठन हमें, अन्याय के खिलाप लड़ना सिखाता है संगठन हमें आपस में जुड़ना सिखाता है संगठन हमें शान से जीना सिखाता है बिना संगठन के व्यक्ति अकेला पड़ जाता है इस दुराचारी दुनिया में वह, अपने अधिकारों को भी, बचा नही पाता है संगठन हमें आपस में जुड़ना सिखाता है, जो संगठन को जोड़े रखे, जनता के दुख को अपना दुख बनाता है सच्चे मायने में वही नेता कहलाता है संगठन हमें आपस में जुड़ना सिखाता है ©Er.Mahesh #संगठन हमें आपस में जुड़ना सीखता है #vacation