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कवि राहुल पाल 🔵
Pyare ji
Jiyalal Meena ( Official )
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
हैं कायम जिसके दम से ये सब गुलशने हस्ती ,वही दो जहां का*माबूद है रहा//१ के जिन्होंने बरपा रखी है, वतन में नफरतें परस्ती दौरे जहां में उनका,ये घटिया *तासूब है रहा//२* है जिनका काम इंसानियत में रंगो धर्मो को तकसीम करना ,ऐसा जहन तो सदा बनामे*मंसूब है रहा//३ बावजूद,फितनांगेजी के, जो कायम है रहा "शमा"हम गंगा जमुनी वालों का मेलझोल ही*बाखूब है रहा//४ shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #भाईचारा#Ramadaan हैं कायम जिसके दम से ये सब गुलशने हस्ती,वही दो जहां का*माबूद है रहा//१ *ईश्वर,खुदा,अल्लाह के जिन्होंने बरपा रखी है,वतन मे
Nikhil Kumar
वो अपनो की खुशियों के लिए खुद की खुशियों से समझौता कर लेती है वो औरत है ना हर गम मुस्कुरा कर सह लेती है उसका जीवन ख़ुद का जीवन कहां है कभी मां बाप, कभी पति, कभी बच्चों को समर्पित रहा है इतना सब करके भी उसने क्या पाया किसी ने दाग़ लगाया, किसी ने जलाया कहीं बेटी बोझ बनी है कहीं बहु जली है कभी ममता ठुकराई गई गई है read in caption ©Nikhil Kumar पता है एक औरत में सबसे ज्यादा क्या होता है पुरुषों की तुलना में सब्र, अगर औरत सब्र खो दे अपने खिलाफ़ हो रहे अत्याचार पर बोलना शुरू करे लड़े
"सीमा"अमन सिंह
ज़हर
ज़हर कहाँ पर बोलना है और कहाँ पर बोल जाते हैं। जहाँ खामोश रहना है वहाँ मुँह खोल जाते हैं। कटा जब शीश सैनिक का तो हम खामोश रहते हैं। कटा एक सीन पिक्चर का तो सारे बोल जाते हैं। नयी नस्लों के ये बच्चे जमाने भर की सुनते हैं। मगर माँ बाप कुछ बोले तो बच्चे बोल जाते हैं। बहुत ऊँची दुकानों में कटाते जेब सब अपनी। मगर मज़दूर माँगेगा तो सिक्के बोल जाते हैं। अगर मखमल करे गलती तो कोई कुछ नहीँ कहता। फटी चादर की गलती हो तो सारे बोल जाते हैं। हवाओं की तबाही को सभी चुपचाप सहते हैं। च़रागों से हुई गलती तो सारे बोल जाते हैं। बनाते फिरते हैं रिश्ते जमाने भर से अक्सर। मगर जब घर में हो जरूरत तो रिश्ते भूल जाते हैं। कहाँ पर बोलना है और कहाँ पर बोल जाते हैं। जहाँ खामोश रहना है वहाँ मुँह खोल जाते हैं। ©ज़हर ज़हर कहाँ पर बोलना है और कहाँ पर बोल जाते हैं। जहाँ खामोश रहना है वहाँ मुँह खोल जाते हैं। कटा जब शीश सैनिक का तो हम खामोश रहते हैं। कटा ए