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Preeti Karn
आम को खास बनाने की मुहिम जारी है मुझे मालूम है "बेशक़"ये शगल भारी है।। प्रीति #शगल(शौक़) #yqbhaijan
Preeti Karn
दोस्ती कोई शगल नहीं बेहद खूबसूरत अहसास जिंदगी जीने और जीतने का जरिया है यूहीं नहीं बड़ी शिद्दत से निभाई जाती है। तंगदिल राहों में टूटकर पल में बिखर जाती है। प्रीति #दोस्ती #शगल: hobby Yqdidi
Ravi Shankar Kumar Akela
दुख या प्रतिकूल परिस्थितियों के प्रति व्यक्ति का नजरिया शुरू से ही पलायनवादी होता है और वह उससे लड़ने की बजाय उससे बचने में अपनी शक्ति अधिक लगाता है। दुख के समय दूसरों को दोषी ठहराना व्यक्ति का प्रिय शगल होता है, जबकि जीवन की सच्चाई यही है कि दुख ही मनुष्य का सच्चा साथी ©Ravi Shankar Kumar Akela #Srk&Katrina दुख या प्रतिकूल परिस्थितियों के प्रति व्यक्ति का नजरिया शुरू से ही पलायनवादी होता है और वह उससे लड़ने की बजाय उससे बचने में अपन
Ravi Shankar Kumar Akela
दुख या प्रतिकूल परिस्थितियों के प्रति व्यक्ति का नजरिया शुरू से ही पलायनवादी होता है और वह उससे लड़ने की बजाय उससे बचने में अपनी शक्ति अधिक लगाता है। दुख के समय दूसरों को दोषी ठहराना व्यक्ति का प्रिय शगल होता है, जबकि जीवन की सच्चाई यही है कि दुख ही मनुष्य का सच्चा साथी ©Ravi Shankar Kumar Akela #Srk&Katrina दुख या प्रतिकूल परिस्थितियों के प्रति व्यक्ति का नजरिया शुरू से ही पलायनवादी होता है और वह उससे लड़ने की बजाय उससे बचने में अपन
Vivek
आरज़ू तेरी ©Vivek तेरी आरज़ू क्या कर ली मिली बस तन्हाई तेरी आरज़ू की थी पर कहने की ना थी हिम्मत तेरी आरज़ू क्या की नींद आंखो से गायब हुई तेरी आरज़ू क्या की
हरप्रीत कौर की ज़ुबानी कविता किस्से कहानी
Pramod Kumar
Ashay Choudhary
निंबोलियां (Read caption for write up) बचपन में मेरा एक पसंदीदा शगल था नानी के घर वाले बरामदे में नीम की निंबोलियां इकठ्ठा करना और साथ में बबूल के फल, फूल और भी पता नहीं कितनी जंग
Anita Saini
बचपन (Read in caption) कोई लोटा दे मेरा वो बचपन !! वो बारिश का आना और लबालब तालाब भरना और नदी जहां हम नंग धड़ंग नहाते और तैरना सीखते थे !!कितने अनमोल थे वो दिन लहल
भारतीय शाकाहार संघ अकोला
It was raining outside रमेश तोरावत जैन --- एक परिचय रमेश तोरावत जैन पशु रक्षा आंदोलन के मुख्य सूत्रधार है। अकोला में बीते पच्चीस वर्षो से उन्होंने शाकाहार के प्रचार प्रसार में जो अभूतपूर्व योगदान दिया है वो तारीफे ऐ काबिल है। उन्होंने कई अवैध कत्लखानो को बंद कराया है और अहिंसा धर्म को बुलंद करने में अपनी ऊर्जा व्यय की है। अकोला के 83 कत्तलखानों की बंदी की मांग को ले कर उन्होंने जो आवाज उठायी थी उस की चर्चा विधानसभा के गलियारों तक हुई थी। इस के अलावा उन के कई और आंदोलन शहर में चर्चा का विषय बने थे उन में से प्रमुख है सरकार को चुल्लू भर पानी भेजना, शाकाहारी बनो बनाओ अभियान, विकल्प अभियान के अंतर्गत कसाइयो को रोजगार उपलब्ध कराना। उन के कार्यो की महिमा इतनी बड़ी की विविध भारती ने उन्हें अपने रेडियो स्टेशन पर आमंत्रित कर उन से हुयी बातचीत को प्रसारित किया। पशु रक्षा आंदोलन के साथ साथ रमेश तोरावत जैन एक गुणी लेखक और कवि भी है।उन की रचनाये सोशल मिडिया पर खूब रूचि से पढ़ी जाती है। उन का लेखन इतना सिद्धहस्त है की पाठक अंत तक रुकता ही नही। वे इंसानी भावनाओ को बड़ी ही कुशलता से अपनी कलम से कागज पर उतारते है।उन की कविताये दिल के भीतर तक उतर जाती है।यद्यपि वे मंच से कवि सम्मेलनों में कविता पाठ नही करते तद्यपि उनकी कविताओ का श्रोताओ को इंतजार रहता है। जीवन के रंगो को बखूबी उकेरती उनकी अदभुत् कविताये किसी भी इंसान को भीतर तक आंदोलित कर देती है। रमेश तोरावत जैन के पूर्वज मूल रूप से राजस्थान के उदयपुर जिले के ( सलूंबर ) है।करीब 80 साल पहले राजस्थान से अकोला आये श्री बीसा नागेन्द्र ( नागदा ) दिंगबर जैन समाज से ताल्लुक रखने वाले इन के पूर्वजो ने अपने मधुर और स्नेहपूर्ण व्यवहार से एक अलग ही छवि निर्माण की है। रमेश तोरावत जैन को कई राजनैतिक दलो में शामिल होने का न्यौता मिलता रहता है मगर ये विनम्रता से इंकार कर देते है।ये परम् मुनि भक्त है और साधू संतो की सेवा इनका विशेष शगल है। सौ. नेहा अरुण शर्मा नागपुर रमेश तोरावत जैन --- एक परिचय रमेश तोरावत जैन पशु रक्षा आंदोलन के मुख्य सूत्रधार है। अकोला में बीते पच्चीस वर्षो से उन्होंने शा