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Alok Verma "" Rajvansh "Rasik" ""
तुम हसीनों से भी हसीं हो गए, ख्वाब मेरे बनकर दिल नशी हो गए, देखता मैं रहा तुमको इस कदर, तुम असमा हम जमीं हो गए, तेरी मोहब्बत में हम यूं खो गए, तुम हसीनों से भी हसीं हो गए, तेरी नादानियां तेरी अटखेलियां, यूं शरारत भरी तेरी रंगरलियां, हैं सताती हमें तड़पती हमें, पास होकर भी ये दूरियां, मोहब्बत में हम जवां हो गए, तुम हसीनों से भी हसीं हो गए.......! तुम हसीनों से भी..........!
D.k Vats
हसीनों से मिलें नज़रें 😀😀अट्रैक्शन हो भी सकता है, चढ़े फीवर मोहब्बत का तो एक्शन हो 🤕🤕भी सकता है, हसीनों को मुसीबत😠😠 तुम समझ कर दूर ही रहना, ये अंग्रेजी दवाएं हैं रिएक्शन हो भी सकता है..!! 😛😛 ©D.k Vats हसीनों से मिलें नज़रें 😀😀अट्रैक्शन हो भी सकता है #Funny #treanding #story #No_1trending
Yash Mishra
Vipul Agrawal Bijnor
मत कर मेरे दोस्त हसीनों से मोहब्बत, वो तो आँखों से वार करती हैं, मैंने तेरी वाली की आँखों में देखा है, वो तो मुझसे भी प्यार करती है। ©Vipul Agrawal मत कर मेरे दोस्त हसीनों से मोहब्बत, वो तो आँखों से वार करती हैं, मैंने तेरी वाली की आँखों में देखा है, वो तो मुझसे भी प्यार करती है। #brothe
Amit Kumar jha
हसीनों से हमने मुलाकात देखी है, हर मुलाकात मे एक नयी बात देखी || यूं तो लड़कियाँ हज़ारो मिली, मगर तुम्हारी चाहत मे एक नयी बात देखी || Mamta Sa
Arvind
हसीनों से मिलें नज़रें अट्रैक्शन हो भी सकता है, चढ़े फीवर मोहब्बत का तो एक्शन हो भी सकता है, हसीनों को मुसीबत तुम समझ कर दूर ही रहना, ये अंग्र
Shambhu Bhai
Md. Mdkamil
Hum Mein Lagi Hai Joh Thokar, Tu Muskurata Hai .. Yeh Waqt Woh Hai, Ki Dushman Bhi Raham Khata Hai 😍😔😭😢 - via bobble.in/shayaris © दोस्ती नज़ारों से हो तो उसे कुदरत कहते हैं, 🌺 चाँद-सितारों से हो तो जन्नत कहते हैं, 🙌 हसीनों से हो तो मोहब्बत कहते हैं, 🙏 और आपसे हो तो उसे क
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
चाँद को छत पर टहलते देखा । फिर उसे नीचे उतरते देखा ।। इस तरह भाया दिल को मेरे । रात आँगन में चलते देखा ।। वो न आया अपने वादे पर । तो मुकद्दर को बदलते देखा ।। दर्द फिर ऐसा उभरा दिल में । रक्त आँखों से निकलते देखा ।। कुछ शिकायत करनी है उनकी । जिनको पल-पल बदलते देखा ।। जो वफ़ा का करते थे दावा । आज मौसम सा बदलते देखा । थी हसीनों से जिनको रंजिश । देख लो उनको मचलते देखा ।। थी सिया सी जोडी जिनकी भी । अब प्रखर उनको लड़ते देखा ।। १९/०५/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR 2122 1122 22 चाँद को छत पर टहलते देखा । फिर उसे नीचे उतरते देखा ।। इस तरह भाया दिल को मेरे । रात आँगन में चलते देखा ।। वो न आया अपने