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{**श्री राधा **}
कभी वक्त मिले तो पलट कर देखना मेरी जिंदगी के किताब को जिसके हर पने पर सिर्फ तुम ही तुम नजर आओगे ©{**श्री.. राधा ..**} #तेरा #साथ #तेरा #इंतजार sushil. S.K ᴍʀ.x AARPANN JAIIN Kaushal sharma
हिमांशु Kulshreshtha
घने कोहरे में भी दिखाई देता है मुझे अक्स तेरा तेरी यादों ने इस क़दर भिगोया है मुझे ©हिमांशु Kulshreshtha अक्स तेरा...
अक्स तेरा...
read moreआधुनिक कवयित्री
White दिल से कोई रिश्ता नहीं तुमसे, पर मेरी हर कविता का किस्सा हो। निभा न पाऊं इस जन्म में मैं, ऐसा ही तुम एक रिश्ता हो। हर बार जिंदगी में आ जाते हो, जैसे कोई जिंदगी का हिस्सा हो। मेरे हर गम में साथ खड़े हो जाते, जैसे कोई फरिश्ता हो। मेरे जीवन का संगीत नहीं हो तुम, पर हर संगीत जैसे तुझ पर लिखा हो। धड़कने भी थम सी जाती हैं देखकर तुम्हें, मानो हर सुकुन तुमसे मिलता हो। कलियां भी छिप गई तेरे जानें से, मानो हर फूल तेरे आने से ही खिलता हो। समझ जाते हर खामोशी, मानो मेरी हर सांस का तुम्हें पता हो। ©आधुनिक कवयित्री तेरा किस्सा......
तेरा किस्सा......
read moreAdv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
चल पड़ा हूँ वफ़ा की राहों में उम्र गुजरे तुम्हारी बाहों में..! ना कोई आरजू जमाने की बस यही आस है दिवाने की तुम नज़र आओ इन निगाहों में उम्र गुजरे तुम्हारी बाहों में...! कभी खुद से भी हार जाना तुम रूठ जाओ तो मान जाना तुम वक्त जाया ना हो बहानों में उम्र गुजरे तुम्हारी बाहों में.. बिन तेरे जिन्दगी अधूरी है एक तेरा साथ बस जरूरी है दम निकलता है तन्हा राहों में उम्र गुजरे तुम्हारी बांहों में.. क्या भरोसा है कब गुजर जाऊँ आखिरी साँस तक तुम्हें पाऊँ जब तलक हूँ रहूँ पनाहों में उम्र गुजरे तुम्हारी बांहों में.. ©अज्ञात #तेरा साथ
#तेरा साथ
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White इश्क की राहों में मिलते हैं, सपनों के रंग, हकीकत की परछाइयाँ, हर आँसू में तेरा अक्स है, हर खुशी में समाया तेरा ही साया ©हिमांशु Kulshreshtha तेरा ही..
तेरा ही..
read moreAdv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
हादसा(एक परिकल्पना) उन दिनों हमारे प्रेम की शुरुआत ही हुई थी.. हालांकि हम बहुत जल्द परिणय सूत्र में बंधने वाले थे, इसलिये पारिवारिक मर्यादाओं ने हमें मिलने ना दिया.. और उस दिन वो इत्तेफाक हुआ जब सड़क के एक किनारे तुम और दूसरे किनारे पर मैं गुजर रहा था सहसा तुमने मुझे देखा और मेरे तरफ़ ऐसे दौड़े जैसे कितने जन्म से मेरा इंतजार कर रहे थे तुम.. मैंने तुम्हें वहीं रुकने को कहा पर तुम ख़ुद को रोक ना पाये और.. तभी दो घड़ी में ही हमारी खुशियों को काल बनकर आते ट्रक ने तुम्हें मौत की आग़ोश में सुला दिया. वो तुम्हारी कराहती आखिरी चीख. और मेरा सब कुछ उसी चीख में समा गया.. आज पूरे तीन साल होने को आये.. रोज मैं घंटों इसी मोड़ पर आकर बैठ जाता हूँ..तुम्हारी एक-एक बात मेरे जहन में चलती है,तुमने कहा था-"कुछ दिनों की बात है फिर हम तुम जन्म -जन्मातंर के लिये एक दूसरे के हो जायेंगे फिर मेरे असीम प्यार को देखकर तुम सहम गये और कहा इतना प्यार मत करो मुझसे, कहीं मुझे कुछ हो गया तो तुम कैसे जी पाओगे"..! देखो ना..! अगर तुम्हारी दूसरी बात सच साबित हुई तो पहली क्यूँ नहीं होगी..! जाने क्यूं पर आज भी मुझे ऐसा लगता है मानो तुम अभी सड़क के उस पार से दौड़कर मेरे सीने से लिपट जाओगे... इस सड़क से गुजरने वाले हर राहगीर ने मुझे पागल समझ लिया होगा.. तो समझने दो.. पर मेरी पहली और आखिरी ख्वाहिश ही तुम थे.मुझे सुकून तो आज भी यहीं ये सोचकर ही मिलता है कि काश तुम एक बार आकर मुझे सीने से लगा लो.. और तुम्हें तुम्हें आना होगा मेरे लिये मेरे प्रेम की खातिर ...जो मुझे पागल कहते हैं उन्हें दिखाने को कि मैं पागल नहीं..मैं तुम्हें वक़्त के साथ कैसे भूल जाऊं तब तो मैंने तुमसे प्यार ही नहीं किया.. बस मेरे प्रेम को जिताने के लिये तुम्हें आना होगा उस जहाँ से इस जहाँ में .. ! और मैं इंतजार करूँगा यहीं इसी राह पर उम्र भर.. मुझे विश्वास है तुम पर तुम्हारी कही बातों पर..तुम एक दिन जरूर आओगे लौटकर मेरे लिये..वक़्त ने तुम्हें मौत की आग़ोश में सुला दिया. वो तुम्हारी कराहती आखिरी चीख. और मेरा सब कुछ उसी चीख में समा गया.. आज पूरे तीन साल होने को आये.. रोज मैं घंटों इसी मोड़ पर आकर बैठ जाता हूँ..तुम्हारी एक एक बात मेरे जहन में चलती है,तुमने कहा था-"कुछ दिनों की बात है फिर हम तुम जन्म जन्मातंर के लिये एक दूसरे के हो जायेंगे फिर मेरे असीम प्यार को देखकर तुम सहम गये और कहा इतना प्यार मत करो मुझसे, कहीं मुझे कुछ हो गया तो तुम कैसे जी पाओगे". तुम्हारी दूसरी बात सच साबित हुई तो पहली क्यूँ नहीं.. जाने क्यूं पर आज भी मुझे ऐसा लगता है मानो तुम अभी सड़क के उस पार से दौड़कर मेरे सीने से लिपट जाओगे... इस सड़क से गुजरने वाले हर राहगीर ने मुझे पागल समझ लिया होगा.. तो समझने दो.. पर मेरी पहली और आखिरी ख्वाहिश ही तुम थे.मुझे सुकून तो आज भी यहीं ये सोचकर ही मिलता है कि काश तुम एक बार आकर मुझे सीने से लगा लो.. और तुम्हें तुम्हें आना होगा मेरे लिये मेरे प्रेम की खातिर ...जो मुझे पागल कहते हैं उन्हें दिखाने को कि मैं पागल नहीं..मैं तुम्हें वक़्त के साथ कैसे भूल जाऊं तब तो मैंने तुमसे प्यार ही नहीं किया.. बस मेरे प्रेम को जिताने के लिये तुम्हें आना होगा उस जहाँ से इस जहाँ में .. ! और मैं इंतजार करूँगा यहीं इसी राह पर उम्र भर.. मुझे विश्वास है तुम पर तुम्हारी कही उन बातों पर.. तुम एक दिन जरूर आओगे लौटकर मेरे लिये.. ©अज्ञात #हादसा