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S K Sachin उर्फ sachit

ChildrensDay बचपन.. कविता

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बचपन 

कितना सुंदर था बचपन
जिसका अतीत.. 
आज भी वही.... 
मुस्कुराहट देता है ! 

कशिश भी है अजीब
जाने को जि चाहता है करीब
जैसे बचपन फिर से.. 
आने को आहट देता है !

बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
🌹🙏🌹

©S K Sachin उर्फ sachit #ChildrensDay #बचपन.. #कविता

Aanart Jha

बारिश वक्त बचपन कविता

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आज बहुत बारिश हुई 
मन फिर मचला है 
जमीन का सीना चीर कर 
एक अंकुरित फिर फूटा है  

वो बचपन की नादानी 
वो घर के सामने से बहता पानी 
सब याद आया है 

वो तंग गलियां वो कच्चे मकान 
वो घरों में बनते बारिश के पकवान 

घरों की छतों से बहता पानी 
वो दादी वो नानी की कहानी 

 #बारिश #वक्त #बचपन #कविता

Shilpi Maheshwari

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Choubey_Jii

मैं सोचता हूँ यह हकीकत स्वप्न हो मेरा
मैं जागूं निद्रा से पास बचपन हो मेरा
ऐसा हो कि #गुजरे_हुए_लम्हे में लौट जाऊँ
दौलत की न हो आरजू यही धन हो मेरा

हर बड़ी उलझन को चुटकी में सुलझाऊँ
दिल की बात सबको चिल्लाकर बतलाऊँ
सब मुझे दुलार करे थोड़ा सा लाड़ करे
शैतानियों के लिए खुला आंगन हो मेरा

पापा की डांट सुनुं झट से डर जाऊँ मैं
मम्मी के आंचल में जाकर छुप जाऊँ मैं
पापा तलाशने का इक झूठा प्रयास करें
बस इसी पल में कैद सारा जीवन हो मेरा

भैया से झगड़ा करूँ इक टाॅफी के लिए
बहना के बाल नोंचू महज़ माफी के लिए
फिर दोनों को मनाऊँ इक दूजे से लड़ाऊँ
इस ढिसूम ढिसूम की फिल्म से फन हो मेरा

दादा की सीख हो दादी की हों कहानियाँ
चाचा और बुआ की बढ़ाऊं परेशानियाँ
कूद फांदकर घर को अपने सिर पे उठा लूँ
परेशान करूँ सबको और मनोरंजन हो मेरा

#हया से न हो कोई #ताल्लुक घूमूं नंग-धुड़ंग
धमाचौकड़ी करता फिरूं अपने यारो के संग
दिलमें उनके बस जाऊँ और दिल में उन्हें बसा लूँ
बस इसी मौज मस्ती से भरा जीवन हो मेरा

#चौबेजी  #चौबेजी #नज़्म #बचपन #कविता #nojoto #nojotohindi #poem #childhood

MOHIT KUMAR BHATRA

#antichildlabourday #जूझ रहा बचपन#कविताअनुभवबातvicharwriter Mohit Bhatara ✍️✍️

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*बचपन*
*|| जूझ रहा हूं||*


मैं जूझ रहा हूं 
सभी को पूछ रहा हूं।

-मैं बचपन से दूर क्यों हो रहा हूं
थोड़ा मजबूर हो रहा हूं।

- क्या कसूर है मेरा,
   जो इतना वजन मैं,
अपने कंधों पे 
 धो रहा हूं, 

-सबसे पूछ रहा हूं
क्या मैं बचपन के करीब हो रहा हूं,

-बचपन की महफिल से भी दूर हो गया हूं
 क्या मेरा बचपन भी 
मजबूरियों ने छीन लिया है।

मेरा बचपन भी पूछ रहा ,
है जूझ रहा है...।
                                                   writer
                                                       Mohit Bhatara #antichildlabourday #जूझ रहा बचपन#कविता#अनुभव#बात#vichar#writer Mohit Bhatara ✍️✍️

Shrena

Bachpan Poetry मेराबचपन बचपन कविता hindipoetry poem hindipoem bachpan nojotoaudio nojotovoice voice voiceover आवाज़ shrena

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drsharmaofficial

ओ रे गोरैया..... हमेशा से गोरैया हमारे जीवन और हमारी दिनचर्या के बेहद क़रीब रही पर आज ना जानें वो कहाँ खो गयी.... #गोरैया #परिन्दे #शब्द प् #बचपन #कविता #प्रवासी #घरपहुँचते #चिड़ियाउड़गई

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गावँ गाँव उड़ती वो चिड़िया
सुबह-सवेरे आती वो गुड़िया

बैठ मुंडेर पर चहचहाती वो बिटियां
पीपल के पेड़ों पर अपना घर बसाती वो चिड़िया
हर आँगन को अपना बनाती वो चिड़िया
हर बचपन की मुस्कान बन जाती वो गुड़िया

पर....😟

गयी अब दूर तलक तक 
ना आयी अब वो फुदक कर
सुने पड़े हैं सबके घर आँगन
डाल डाल पात पात सब है खाली

लौटा दे सबका वो बचपन
लौट कर आजा तू फ़िर हम संग😢
लौट आ चिरैया..... ओ रे गोरैया.....
हमेशा से गोरैया हमारे जीवन और हमारी दिनचर्या के बेहद क़रीब रही पर आज ना जानें वो कहाँ खो गयी....
#गोरैया #परिन्दे #शब्द #प्

Vinita pahadi uttrakhand vinitawritter

मेरा आपका बचपन कविता ✍️❤️😊 udass Afzal Khan pramodini mohapatra Lalit Musiya Vikram Raj bhojpuri official mahakal Ek Lamba safer with Ad

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Pnkj Dixit

🌷 बचपन का बटोही🌷 ओ बचपन के बटोही ! जरा ठहर ; मुझे भी साथ ले ले । आगे दौड़ता बचपन पीछा करती जवानी ।

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#Pehlealfaaz 🌷 बचपन का बटोही🌷

ओ बचपन के बटोही !
जरा ठहर ; 
मुझे भी साथ ले ले ।

आगे दौड़ता बचपन 
पीछा करती जवानी ।
हँसता खिलखिलाता
कभी जोर से चिल्लाता है ;
आगे निकल जाने की खुशी पर ।
बचपन के स्नेहिल जीत भाव पर 
जवानी खुश होकर मुस्कुराती है।
मुख पर फ़ैल जाती है चमक ,
ज्यों मलयगिरि पर्वत पर सूर्योदय की रश्मियाँ ।

दस कदम आगे 
साईकिल पर सवार 
बचपन का बटोही ।
वह प्रतिस्पर्धा के लिए 
ललकारता है ।
जवानी 
शिराओं में फुफकारती  है ;
प्रतिद्वंद्वी तैयार ।

बचपन और जवानी दौड़ते हैं।
एक हराने की उमंग लिए  ।
दूसरा हारने की खुशी के लिए।
पहली गली से दूसरी - तीसरी और 
फिर चौथी गली को पार करता हुआ 
हरे रंग की साईकिल पर सवार
बचपन का बटोही । 

वह हरा लेता है  जवानी को ।
वह अपरिभाषित खुशी पर नाचने लगता है।
अपने बचपन को फिर से सामने देखकर 
जवानी का तन-मन आनन्द से भर गया ।

जीत के जश्न में डूबा हुआ
बचपन का बटोही
दूध पीता है ।
१३/१०/२०१९
🌷👰💓💝
...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' 🌷 बचपन का बटोही🌷

ओ बचपन के बटोही !
जरा ठहर ; 
मुझे भी साथ ले ले ।

आगे दौड़ता बचपन 
पीछा करती जवानी ।

Ravi Kant

बचपन बचपन Childhood कविता

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