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Bablu मुंडा
चाहत भी कितनी अजीब होती है मिल जाए तो जिंदगी संवर जाती है ना मिले तो जिंदगी बिखर जाती है। ©Bablu मुंडा #“जीवन”
Arjun karma
तू ने मुझे जीवन दिया, और मुझ पर करुणा की है; और तेरी चौकसी से मेरे प्राण की रक्षा हई है। अयूब 10:12 ©Arjun karma #“जीवन”
Meera kadam
स्वतःच्या ध्येयाची उंची वाढवा आणि स्वतःला घडवा. ©Meera kadam #धेय्य #“जीवन”
Swatika Kushwaha
सावल तो बहुत हैं मगर जावब कुछ भी नहीं, पुछु तो किससे साथ अब वो नहीं, लज्ब भी खामोश पड़ गए, ज्जबात सूखे से पडे है।। एक उसके आने के आश मे हम कब से खड़े हैं।। ©Swatika Kushwaha #लव #इश्क #जींदगी #“जीवन”
PARVEEN KUMAR
जीवन के हर पल को खुशियों के संग जियें हर हाल में खुश रहकर जीवन को जीवंत बनाएं हार कर भी कभी हिम्मत न हारे उम्मीद से ये जीवन को चमकाएं । © PARVEEN KUMAR #“जीवन” #SunSet
Atul Sharma
*📝“सुविचार"*📚 📖*22/6/2022*🖋️ 🖊️*“बुधवार”*📘 देखिए जब यह “लोभ” आपके “जीवन” में आता है तो जो कुछ भी आप प्राप्त करना चाहते है चाहे “धन” हो,“मान” हो, उसे प्राप्त करने के लिए “व्यक्ति” किसी भी “हद” तक जाने को “बेताब” हो जाता है यदि व्यक्ति “धन प्राप्त” करना चाहता है तो वह “अधर्म की रास्तें” पर भी चला जाता है और यदि “मान(सम्मान)” प्राप्त करना चाहता है तो वह “दूसरों को नीचा” भी दिखाने लग जाता है, अंत में आपको यह “एहसास” अवश्य होगा कि यदि मैं “कम प्राप्त” कर लेता तो “प्रेम” से प्राप्त कर लेता, तो मेरा यह “जीवन” और भी “सुखी” होता, देखिए यह “लोभ” आपके “जीवन” में कब “प्रवेश” कर जाए यह आपको भी पता नहीं रहता, इसलिए इस “लोभ” को पहचानिए और इसे तुरंत अपने “जीवन” से निकाल दीजिए, जो भी प्राप्त करना है उसे “प्रेम” से प्राप्त कीजिए “जीवन” “सुखमय” होगा... *“अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *📝“सुविचार"*📚 📖 *22/6/2022*🖋️ 🖊️ *“बुधवार”*📘 #“मनुष्य” #“लोभ”
Atul Sharma
*🖋️“सुविचार"🖋️* *📚“13/6/2022”📝* *📙“सोमवार”💫* देखिए इस “जीवन” में कुछ “प्राप्त करना” “अनुचित” नहीं है, किंतु “सबसे अधिक” मैं ही प्राप्त करूं, मुझे और चाहिए,मैं ही “अधिक” प्राप्त करूं ये “लोभ” है... और जब यह “लोभ” आपके “जीवन” में आता है तो जो कुछ भी आप प्राप्त करना चाहते है चाहे “धन” हो,“मान” हो, उसे प्राप्त करने के लिए “व्यक्ति” किसी भी “हद” तक जाने को “बेताब” हो जाता है यदि व्यक्ति “धन प्राप्त” करना चाहता है तो वह “अधर्म की रास्तें” पर भी चला जाता है और यदि “मान(सम्मान)” प्राप्त करना चाहता है तो वह “दूसरों को नीचा” भी दिखाने लग जाता है, अंत में आपको यह “एहसास” अवश्य होगा कि यदि मैं “कम प्राप्त” कर लेता तो “प्रेम” से प्राप्त कर लेता, तो मेरा यह “जीवन” और भी “सुखी” होता, देखिए यह “लोभ” आपके “जीवन” में कब “प्रवेश” कर जाए यह आपको भी पता नहीं रहता, इसलिए इस “लोभ” को पहचानिए और इसे तुरंत अपने “जीवन” से निकाल दीजिए, जो भी प्राप्त करना है उसे “प्रेम” से प्राप्त कीजिए “जीवन” “सुखमय” होगा... *“अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *🖋️“सुविचार"🖋️* *📚“13/6/2022”📝* *📙“सोमवार”💫* #“मनुष्य” #“लोभ”
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️*“20/5/2022”*📚 📘*“शुक्रवार”*💫 इस “जीवन” के हमारे दो “साथी” है एक “अंधकार” है और एक है “प्रकाश” अब यदि “अंधकार” में यदि हम “दीपक” प्रज्वलित करते है “प्रकाश” के लिए, तो “अंधकार” हमसे “रूष्ट” होकर चला जाता है अब यदि “अंधकार” को मनाने जाओ तो “प्रकाश” रूष्ट होकर हमसे दूर चला जाता है, ये वैसी “परिस्थिति” है कि जैसे हमारे दो “मित्र” है जिनकी आपस नहीं बनती, क्योंकि एक को “मनाने” या “प्रसन्न” करने जाओ तो दूसरा “रूष्ट” हो ही जाता है, ऐसे में आपको “समझदारी” दिखानी है कि कब किसका “साथ देना” है,कि कब किसके “साथ चलना” है, हो सके तो सबको साथ लेकर ही चलिए यदि किसी की “आपस” में नहीं बनती,तो उनमें “सामंजस्य” बिठा के “संसार की रीति निती” का “शस्त्र” चलाना है, यहीं तो “मनुष्य” जीवन है अब भला ये कैसे किया जाता है केवल “प्रेम” से,तो इसी प्रकार “प्रेमपूर्ण व्यवहार” से सभी को जोड़कर रखेंगे तो सभी “खुश” भी अवश्य रहेंगे... *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️ *“20/5/2022”*📚 📘 *“शुक्रवार”*✨ #“जीवन” #“दो साथी”
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️*“15/5/2022”*📚 📘*“रविवार”*💫 “मनुष्य” अपनी “संतान” को अपने से ही “बांध” के रखता है सदैव उसके “लालन-पालन” का प्रबंध करके रखता है, और ये सोचता है कि मैं तो इसका “पालक” हूं,इसका ध्यान रखना तो मेरा “कर्तव्य” है पर नहीं... यहीं “कार्य” करते करते वो धीरे-धीरे अपनी ही “संतान” का “शत्रु” बन जाता है, उसके “विकास” का “शत्रु” बन जाता है, इसलिए जब “संतान” बड़ी हो तो “प्रेम” अवश्य रखिए किन्तु “पक्षी” की भांति “कठोर” भी होना होगा, तभी उनका “विकास” होगा उन्हें अपनी “पीड़ा” स्वयं सहने दिजिए और “सीखने” दिजिए “जीवन” के “अनुभव” क्या होते है तभी उनका “विकास” होगा अन्यथा वो “संतान” आप पर “जीवनभर” “भोझ” बनकर रहेगी,और आप उसके विकास पर जीवनभर “बाधा” बनकर रहेंगे और मुझे नहीं लगता कि आप ये चाहते होंगे... *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️ *“15/5/2022”*📚 📘 *“रविवार”*💫 #“मनुष्य” #“संतान”
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️*“14/5/2022”*📚 📘*“शनिवार”*💫 “जीवन” में सबसे “महत्वपूर्ण वस्तु” कौनसी है ? “घर”,“वाहन”,“स्वर्ण”,“धन”... यदि मैं आपको “सत्य” बताऊं तो “जीवन” में सबसे “महत्वपूर्ण वस्तु” कोई है ही नहीं, यदि कुछ “महत्वपूर्ण” है तो वो है “भाव”...जैसे “करूणा”,“मित्रता”,“मातृत्व”,“वात्सल्य”, और “अधिक महत्वपूर्ण” “प्रेम” अपने इस “जीवन” में यदि आप अपने इस समस्त “जीवन” को “वस्तुओं का खेल” बनाकर रख देंगे तो “जीवन” में “आनंद” नहीं रहेगा, अपने इस जीवन को “भावनाओं का घर” बनाइए, और महत्वपूर्ण बात यह भी है की “भावनाओं की कदर” भी कीजिए और एक दूसरे का “सम्मान” भी कीजिए, ये सदैव “प्रसन्न” एवं “आनंदित” रहेगा... *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️ *“14/5/2022”*📚 📘 *“शनिवार”*💫 #“जीवन” #“महत्वपूर्ण वस्तु”