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अनुषी का पिटारा "अंग प्रदेश "

Vicky Tiwari

Vandana

नारी की उपलब्धियाँ पिछली सदी के आखिरी दशक से परवान चढ़ी हैं। इस सदी के पहले पायदान पर वह मजबूती से खड़ी है उसने ठान लिया है...मान लिया है...चट्टानों से टकराना जान लिया है.. वर्तमान को भरपूर जीना उसने सीख लिया है और भविष्य को अपने हाथों से सँवारने का संकल्प ले लिया है।' पुरुष को रिझाना सुंदर बनना देह मात्र ना होकर खुद के अंदर बहुमुखी प्रतिभा को विकसित करना,,,, #सशक्तिकरण #स्त्रीअस्तित्व

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स्त्री पहचानो अपनी क्षमताओं को
तुम हो श्रेष्ठतम
पहुंच सकती हो उच्चतम शिखर में
देह मात्र नहीं सौंदर्य ही परम गुण नहीं
मात्र पुरुष को रिझाना कोमल ना होकर 
बहुमुखी गुणों से परिपूर्ण बनो
शक्तिमान शौर्यवान अपनी एक पहचान बनाओ नारी की उपलब्धियाँ पिछली सदी के आखिरी दशक से परवान चढ़ी हैं। इस सदी के पहले पायदान पर वह मजबूती से खड़ी है
उसने ठान लिया है...मान लिया है...चट्टानों से टकराना जान लिया है..

वर्तमान को भरपूर जीना उसने सीख लिया है
और भविष्य को अपने हाथों से सँवारने का संकल्प
ले लिया है।'

पुरुष को रिझाना सुंदर बनना देह मात्र ना होकर खुद के अंदर बहुमुखी प्रतिभा को विकसित करना,,,,

usFAUJI

#WomenMarriage #usfauji #महिला #सशक्तिकरण nojotovideo #Govt #Rules सत्य Adhury Hayat Jyoti Duklan Rakhee ki kalam se SumitGaurav2005 Vishalkumar "Vishal" Praveen Storyteller MM Mumtaz #Thoughts

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puja kashyap

#सशक्तिकरण की नौबत आई ही क्यों #कविता

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ankahe_alphaaj

एक स्त्री की सोच मैं अकेले ही अच्छी थी। ना कोई बंदिश था , ना समाज का कोई बंदिश था। मैं अकेले ही अच्छी थी। वो घरों में चहचहाना, मस्त आजाद पँछी बने रहना। #विचार #सशक्तिकरण #स्त्रीशक्ति #स्त्रीएकवरदान

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एक स्त्री की सोच

मैं अकेले ही अच्छी थी।
ना कोई बंदिश था ,
ना समाज का कोई बंदिश था।
मैं अकेले ही अच्छी थी।
वो घरों में चहचहाना,
मस्त आजाद पँछी बने रहना।
ना पैरों में बेड़िया थी,
ना सर पर शर्म की घूंघट थी।
मैं अकेले ही अच्छी थी। एक स्त्री की सोच

मैं अकेले ही अच्छी थी।
ना कोई बंदिश था ,
ना समाज का कोई बंदिश था।
मैं अकेले ही अच्छी थी।
वो घरों में चहचहाना,
मस्त आजाद पँछी बने रहना।


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