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Best मेरे_शब्दांश Shayari, Status, Quotes, Stories

Find the Best मेरे_शब्दांश Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutकोई तो है मेरे दिल में, छोटी सी दुनिया मोहब्बत की है मेरे पास lyrics, मेरे दिल की यह दुआ है, कभी कभी मेरे दिल में खयाल आता है, जो मेरे दिल को दिल बनाती है,

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vishwas

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Author kunal

ईश्क को जिस्म लिखते हो 
जाओ जाओ मियां बड़े नापाक फितरत हो 

लम्हों के तहज़ीब को गुस्ताख़ी कहते हो 
मियां सैलाबों में तुम भी फसे लगते हो 

मसरूफ़ नहीं खुद में भी एक पल
मियां तुम तो अपने ही मुजरिम लगते हो

धो लो चेहरे कई बार पर
जमाल_ए_निगाह बताती है तुम रोए लगते हो

खून टपक रहे पानी बन बदन से तुम्हारे 
मियां तुम तो मरे लगते हो 

कितनी दफा खंजर चुभोया तुमने 
ज़र्रे ज़र्रे से घायल दिखते हों 

अब तो बता दो माजरा क्या है
मियां तुम कब्र से क्या कहते हो । #एक_कोशिश 
#पहला_गजल
#मेरे_जज्बात008 
#मेरे_शब्दांश 
#कामिल_कवि 
#yqdidi 
#yqbaba 
#kunu

Amar Anand

भीड़ में चलोगे... तो भेड़ ही बनोगे , 
यदि शेर बनना है तो अकेले चलना सीखो #मेरेएहसास  #मेरे_शब्दांश

Amar Anand

-परम सत्य योगपथ-
हे प्यारे मेरे व्यवहार पर... 
अधिक विचार ना करना
मैं इंसानों के लिए इंसान हूँ 
बाकि इन जानवरों के लिए तो किसान हूँ। #मेरेएहसास #मेरे_शब्दांश

Amar Anand

(-बेहद खास-)
तुम भी जमाने से जा मिली वरना
हम तुमको इस जमाने से मिलवाते
इनके रंग अनेकों हैं ढंग हैं बहुरंगे
अपनी सादगी से हम.. सबकुछ दिखलाते
एक पल को मुखौटों को भी शर्म आ गयी
पर ये पहनने वाले न शरमाए..
कभी अपना बनकर तो 
कभी आँसू पोछने के बहाने 
कैसे ये पल में ही पतित बन जाते हैं..
उस जमाने से तुम्हारा परिचय करवाते
तुमको वहम है कि तुम जमाने से अलग हो
उनकी चालाकियाँ तुम्हें समझ नहीं आती
इसलिए खामोश रहकर खुद की नजरों से
तुमको मैं दिखलाता खुद को गिरवाते
जिस जमाने को सृंगार समझ
तुम अब हर वक़्त रहती हो
जिसके चकाचौंध में तुमने पहले ही 
अपनी अस्तित्व को खो दी... वरना
हम उस जमाने की वास्तविक सादगी को
आज तुमको दर्पण में दिखलाते
इंसान का प्रेम करना कतई गलत नहीं
लेकिन ये प्रेमी नहीं व्यभिचारी भेड़िए हैं सबसे आगे
क्या देखे नहीं कभी तुमने उस अर्धनारी को ?
बात- बात पर मगरमच्छ की आसुँ बहाते..
ये सब फटे ढोल के.. बेसुरी आवाज हैं अठरंगे
सबको बेवकूफ बना.. ये खुद से सयाने हैं कहलाते
-Amar Bairagi

 #मेरेएहसास #मेरे_शब्दांश

Amar Anand

तुम बिन बताए कहां चली गई थी
आवाज देता रहा था मैं..
दूर दूर तक तुमको ढूंढा मगर
नहीं पा सका था मैं..
चाहता कितना तुमको
नहीं बता सका था मैं..
रांझा की तरह वन वन
भटक रहा था मै..
सपने सारे एक एक करके टूट से गए..
एकदम बिखर गया था.. मैं
गम के आंसू
पी रहा था मैं
जुदाई का गम
सह रहा था मैं
पल -पल प्रतिपल
जीते जी मर रहा था मैं
लौट आओ आकर रोक लो
शायद बहुत दूर जा चुका हूँ मैं
या कर दो कुछ ऐसा करम जो
ये भावनाओं की सांस थम जाए
बढ़ जाऊँ अपने योगपथ की राह
पल में ही इस -अज्ञात का अस्तित्व मिट जाए
मिलेंगे हम अगले जनम
तब तक तपस्या और त्याग ही दिखलायें..
क्योंकि कुछ इस कदर ही इंतजार किया हूँ मैं
-अज्ञात #मेरेएहसास #मेरे_शब्दांश        #paidstory1
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