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Shivkumar
जो पत्थर से बना होता है , वह मकान होता है । और जो आवासीय रहने वाले इंसानों के भावों से बना होता है , उसे सुन्दर घर कहते हैं ।। ©Shivkumar #beautifulhouse #Nojoto #House #Life जो #पत्थर से बना होता है वह #मकान होता है ।। और जो #आवासीय रहने वाले #इंसानों के #भावों से बना होता है उसे सुंदर #घर कहते हैं ।।
R K Mishra " सूर्य "
भावों में मेरे आओ, मैं राज़ बता दूंगा चाहत में समा जाओ जज़्बात बना लूंगा भावों में मेरे..... वैसे तो हजारों हैं ख्वाहिश ये मेरे दिल की ज़ख्मी हूं भले लेकिन उस पार लगा दूंगा भावों में मेरे..... जैसा भी हूं तेरा हूं जब चाहो परख लेना जो अपना बना लोगे मैं साथ निभा दूंगा भावों में मेरे..... तुमसे न छुपा कुछ भी क्या प्यास हमारी है दिल उमड़ रहा कबसे हर अश्क चढ़ा दूंगा भावों में मेरे..... कभी याद हमारी भी आती है तुम्हें बोलो मैं "सूर्य" गुनाहों की अब कितनी सजा दूंगा भावों में मेरे..... ©R K Mishra " सूर्य " #भावों#में Ashutosh Mishra Sethi Ji Neel Rama Goswami Babli Gurjar
Vivek Mayur
हिंदी दिवस हिन्दी भाषा नहीं , भावों की अभिव्यक्ति है । यह मातृभूमि पर , मर मिटने की भक्ति है । हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ ©Vivek Mayur #हिन्दी #भाषा नहीं , #भावों की #अभिव्यक्ति है । यह #मातृभूमि पर , #मर मिटने की #भक्ति है ।। #हिंदी #दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ #Hindidiwas
Vedha Singh
#भावों में मोती जरूँ, हँसती हूँ दिन-रात। बातें मस्तानी करूँ, रहे नहीं कुछ ज्ञात।२।
Vedha Singh
#भावों में मोती जरूँ, हँसती हूँ दिन-रात। बातें मस्तानी करूँ, रहे नहीं कुछ ज्ञात।२।
मीनाक्षी मनहर
लोकप्रिय लेखिका मीनाक्षी मनहर का नया कहानी संग्रह ‘ मन के मोती’ प्रकाशित हुआ. पुस्तक का मूल्य 150 रू डाक खर्च 20 रू क्या कहते है मन ये धरती के सितारें ‘‘मन के मोती पढ़ने का सौभाग्य मिला। मीनाक्षी का कथा संकलन वेदनामयी होकर दिल की गहराईयों को छूकर एक विरहन सी उत्पन्न करता है। चाहे वो बेटी के लिए हो या माॅं के लिए या फिर किसी भी मन पर गहराये रिश्ते के लिए।’’ सरोज चावला/कवित्री, एक दोस्त ‘‘मीनाक्षी की कहानियाॅं ,मन की पीड़ भरे प
SHIVENDRA KUMAR MAURYA
आज का ज्ञान भावों को समझिए, शब्दों में क्या रखा है आकर्षण तो सुगंध में है, पुष्पों में क्या रखा है 'प्रत्येक जन' प्रत्येक जन से प्रेम परस्पर रखिए वरना इन जीर्णवान ज़िश्मों में और क्या रखा है...! #भावों को समझिए
Rohit Thapliyal (Badhai Ho Chutti Ki प्यारी मुक्की 👊😇की 🙏)
आज का ज्ञान जैसा इंक का रंग होगा, वैसा ही रंग कलम की नोक से निकलेगा! ठीक इसी तरह जैसा भी हमारे मन रूपी इंक का रंग रूपी भाव होगा, ठीक वैसा ही हमारे शरीर रूपी कलम से जाने-अनजाने बड़े ताव से निकलेगा! उदहारण के लिये- जैसा कि सभी महान लोग कहते हैं कि- "किसी भी बच्चे के मन में प्रेम और क्रोध का भाव होता है! जोकि उसे प्रकृति द्वारा वरदान के रूप में मिलता है! लेकिन परिवार, समाज, शिक्षा और धर्म की शाखाएँ मनुष्य का भला करने के चक्कर में जाने-अनजाने में इन दोनों भावों को बुरा समझ कर दबाने में अपना योगदान देती हैं! फिर जब उन दबे भावों का समाज में ज्वालामुखी बनकर विस्फोट होने लगता है, तो फिर यही शाखाएँ एक-दूसरे की परवरिश में आरोप लगाने लग जाती हैं! यानी कि हम लोग जाने-अनजाने में खुद ही समाज में फैली गुत्थियों (समस्याओं) का बीज बो रहे हैं, और फिर इन गुत्थियों से छुट्टी पाने के लिये किसी चमत्कार की झूठी आशा कर रहे हैं!" _बधाई हो छुट्टी की by रोहित थपलियाल जैसा इंक का रंग होगा, वैसा ही रंग कलम की नोक से निकलेगा! ठीक इसी तरह जैसा भी हमारे मन रूपी इंक का रंग रूपी भाव होगा, ठीक वैसा ही हमारे शरीर रूपी कलम से जाने-अनजाने बड़े ताव से निकलेगा! उदहारण के लिये- जैसा कि
Jahnvee
मन मोह के धागों से बंधा मन कभी शांत कभी बढ़ा ये चंचल मन कभी कमल के जैसे खिल जाता कभी धीर-गंभीर हो जाता मन भावों से भरा हुआ भावों का ही भूखा मन न जाने कितने मोह के धागों से है बंधा ये मन..... #मन #nojotohindi #nojoto #nojotolove
रजनीश "स्वच्छंद"
शब्दों का सौदागर बनकर क्या पाया, बनना है तो भावों का भवसागर बन। शब्दजाल में ही तो उलझी ये दुनिया, प्रेमभाव का उमड़ता तू सागर बन।। महादेवी की रचना शब्दों की माला नही, अनगिन भाव भरे हर लय और छंदों में। उर्दू का वजन बढ़ाये क्यूँ, है ये तो सरल, ढूंढ निकाले इश्क मुहब्बत हम बंदों में। शब्दों की चतुराई को वाहवाही समझे बैठे, शब्द बहुत मिलते है, ढूंढों बस तुम गूगल में। तेरी लेखनी हो ऐसी जो भावों से सजी हो, दर्द बहुत मिलते हैं, ढूंढो बस तुम भूतल में। दर्द उजागर करता है, मरहम भी बतलाये ये, औरों का दर्द जिया नही, कविदम्भ ये कैसा। बिन जिये ही औरों के दर्द जो लिख जाए यहाँ, सार्थक है कवि वही, वरना कविकर्म ये कैसा। निजमन को खँगालो जरा, बसते भाव वहीं हैं, देना बड़ा आसां है, जो उपदेश चुराए हमने हैं। उसने लिखा, सबने लिखा, भाव भरे उसके थे, अपनी बातें लिखो तो, जो क्लेश छुपाये हमने हैं। रजनीश "स्वच्छंद" #NojotoQuote सही कवि।।।सार्थक कवि।।।