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Best भावों Shayari, Status, Quotes, Stories

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बेजुबान शायर shivkumar

#beautifulhouse #House Life जो #पत्थर से बना होता है वह #मकान होता है ।। और जो #आवासीय रहने वाले #इंसानों के #भावों से बना होता है उसे सुंदर #घर कहते हैं ।।

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R K Mishra " सूर्य "

#भावों#में Ashutosh Mishra Sethi Ji Neel Rama Goswami Babli Gurjar

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RAAJ

सभी रचनाकारों को समर्पित🙏 * #मैंसौभाग्यशालिनीहूँ #Nojoto hindi #Quotes #kavita

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मैं सौभाग्यशालिनी हूँ
क्योंकि मैं भावों को शब्दों के पर देती हूँ
नभ में उड़ा उन्हें नये अर्थों के घर देती हूँ
वो खिलखिलाते जब दूर तलक उड़ जाते
मैं मन ही मन स्वच्छंदता में विचर लेती हूँ
वो ले आते जब नये भावों को मित्र बना
मैं वात्सल्य से उन्हें अङ्गीकार कर लेती हूँ
अक्षि पटल पर चलते नवचित्रों के नीचे
मैं लिखकर अपना नाम अमर कर लेती हूँ

✍-राजकुमारी सभी रचनाकारों को समर्पित🙏
*
#मैंसौभाग्यशालिनीहूँ
#nojoto
#Nojotohindi
#quotes
#kavita

KUNDAN KUNJ

##संगीत##

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संगीत
संगीत हमदम साथी है
Frustration को दूर भगाती है। 
यह राग है विराग है 
सभी के मन का चिराग है। 
कभी हँसती है, कभी रूलाती है, 
मन के भावों को जुवां पर लाती है। 
दिल के अरमानो को शब्दों में सजाती है,
शब्दों के माध्यम से दूसरों तक पहुँचाती है।। 
कभी देश प्रेम जगाती है 
कभी मन को हर्षाती है। 
अपनी भावों की गंगा में 
सभी को रंगाती है।। 
संगीत हमदम साथी है, 
.... दूर भगाती है। ##संगीत##

Ramesh Singh

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आत्मबोध और आत्मज्ञान ने सब कुछ विस्मित कर डाला।
जीवन भर जो पीते थे वो अमृत था विष का प्याला।।
निरुद्देश्य  ही  भावों  की  उत्पत्ति  ने  संतप्त किया।
अंततोगत्वा ज्ञान के दीपक ने ही मार्ग प्रशस्त किया।।
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कण कण में जो सार छिपे थे सारहीन थे ज्ञान बिना।
यह शरीर भटक था वर्षों जब शरीर था प्राण बिना।।
सौंदर्य  रूप  का  दृष्टि  से  है सृष्टि में बस दृष्टि तक।
सौंदर्य आत्म का मार्गद्वार है निर्विवाद ही कीर्ति तक।।
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किस प्रकार मानव जीवन ये संशय करता रहता है।
मोह पाश में बंधकर के वो स्वयं से डरता रहता है।।
सरल नहीं यह परिभाषा न व्याख्यायित हो पाएगी।
मुझ अबोध के शब्दों से क्या परिभाषित हो पाएगी।।
,
यह रचना है छ्द्म अगर तो सत्य नहीं क्या इस जग में।
या प्रभाव है काल खंड जो चलता है अपने मद में।।
शब्द शब्द ही शब्द शब्द के आशय को गढ़ सकतें है।
शब्द स्वतंत्र हो मानव के क्या भावों को पढ़ सकते है।।
,
आश्चर्यजनक है प्रश्न मगर,यह प्रश्न रहेगा जीवन भर।
जीवन दर्शन चिंतन है या चिंतन है बस चिंतन भर।।

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