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Aparna Sachan
White wishing you all a very happy बसंत पंचमी माँ सरस्वती की कृपा आप सभी पर बनी रहे🙏🏻🙏🏻 ©Aparna Sachan #GoodMorning #बसंत #बसंतपंचमी #SaraswatiPuja #aparnasachan Ravi vibhute
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read moreबेजुबान शायर shivkumar
मेरे लिए मेरे मन का पुष्प भी तुम मेरे लिए मेरे जीवन का हर त्यौहार भी तुम नवंबर की सी शाम भी तुम दिसंबर की सौंधी धूप भी तुम बारिश की बूंद भी तुम बसंत की महक भी तुम पतझड़ में नारंगी पड़ता बाग भी तुम बरसात में हरियाली से भरता कोई चारागाह भी तुम पहाड़ों की सुबह भी तुम समंदर किनारे की हवा भी तुम कहीं सुकून से बैठे हुए मेरा कोई विचार भी तुम रात को आसमान में गिनता हुआ तारा भी तुम मेरी आधी किस्मत को पूरा करने का सहारा भी तुम मेरे बालों को सहलाने वाले हाथ भी तुम मुझे पुकारने वाली आवाज भी तुम तुम शायद सब हो मेरे जीवन में मुझे मिल के पूरा कर जाने वाले ख्वाब भी तुम .. ©बेजुबान शायर shivkumar मेरे लिए मेरे मन का #पुष्प भी तुम मेरे लिए मेरे #जीवन का हर #त्यौहार भी तुम नवंबर की सी #शाम भी तुम दिसंबर की सौंधी #धूप भी तुम #बारिश की बूंद भी तुम #बसंत की महक भी तुम
Mukesh Poonia
Life Like जिन पेड़ों ने पतझड़ सहे है बसंत भी उन्ही पेड़ों पर लौटता है . ©Mukesh Poonia #Lifelike जिन #पेड़ों ने #पतझड़ सहे है #बसंत भी उन्ही #पेड़ों पर #लौटता है
Mohan Sardarshahari
लाख कोशिश करूं उसे भूलाने की आज तक ऐसा कोई रंग नहीं मिला जो सलाहियत रखता हो आंखों से तस्वीर उसकी मिटाने की।। ©Mohan Sardarshahari #बसंत
Rajni Sardana
सुनो, मैं जब जब जिंदगी के पतझड़ से गुज़रू, तुम बसंत बने रहना, मैं बिखरने लगूं टूट कर तो, मुझे अपने प्रेम की फुंवार से फिर पोषित कर देना, मैं खिल जाऊँगी और महकूंगी बसंत में खिले फूलों की तरह..... तुम बनोगे ना मेरे बसंत.... ©Rajni Sardana #Sukha #पतझड़ #बसंत
Kamlesh Kandpal
वन, उपवन पुष्प हुए पल्लवित, सुगंध से भरा वातावरण धरा ने मानो किया श्रृंगार किया प्रकृति ने उसका वरण नव कुसुम पर भौरे बैठे प्रफ्फुलित हुआ दिग दिगंत ऋतुराज तभी कहलाये नवजीवन देने वाला बसंत ©Kamlesh Kandpal #बसंत
Ashutosh Mishra
गई शरद रितु,,,,आया बसंत,,,,, खिले हैं फूल डाली-डाली। वन-उपवन सब महक रहें हैं, पंछी चहकें डाली-डाली। गई शरद रितु,,, आया बसंत,,,, कली-कली पर भंवरे गुनगुनयें, नव किशोर-किशोरियों के मन को लुभाये। चढा प्रकति पर यौवन का रंग, धरती ने ओढ़ी पीली चूनर। गई शरद रितु,,,,आया बसंत,,,,, मै बिरहिनि,बिरहा में पिया की,,,, दिन-रात ही राह निहारुं। कह गए,,आयन को अजहूं ना आए, यह मन चैना ना पाऐ। गई शरद रितु,,आया बसंत,,,, बिन बदरा बरसें ये नयना,,, अल्फ़ाज़ मेरे ✍️🙏🏻🙏🏻 ©Ashutosh Mishra बिनु बदरा के बरसे नैना, बिना दरश नहींअब चैना, अब कहुं आस, छोड़ ना दे सांस, जिया मोरा भरमाऐ।#बसंत NojotoHindi NojotoEnglish NojotoNews Nojotopoetry Nojotothought Yogendra Nath Yogi R K Mishra " सूर्य " Rama Goswami Radhey Ray Pooja Udeshi Sm@rt Divi रविन्द्र 'गुल' ek shayar R K Mishra " सूर्य " narendra bhakuni Jagrati Nagle अब्र The Imperfect Anshu writer Surjit \"Sabir\" Dear Zindagi H tannu
बिनु बदरा के बरसे नैना, बिना दरश नहींअब चैना, अब कहुं आस, छोड़ ना दे सांस, जिया मोरा भरमाऐ।#बसंत NojotoHindi NojotoEnglish NojotoNews Nojotopoetry Nojotothought Yogendra Nath Yogi R K Mishra " सूर्य " Rama Goswami Radhey Ray Pooja Udeshi Sm@rt Divi रविन्द्र &039;गुल&039; ek shayar R K Mishra " सूर्य " narendra bhakuni Jagrati Nagle अब्र The Imperfect Anshu writer Surjit \"Sabir\" Dear Zindagi H tannu
read moreVishal Dixit
चंचल हृदय अति उत्साह से बन बैठा है सन्त नीरस चित्र को भूल भालकर कर बैठा है अंत।। भोर हुआ खग विहग कर रहे शनै शनै अब द्वंद अंतर मन है जाग उठा इति पंचम है यह बसंत।। #बसंत #पंचमी #yqbaba #yqdidi #igwriters #instawriters #igwritersclub #स्वलिखित आप सभी को बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं 👍
#बसंत #पंचमी #yqbaba #yqdidi #igwriters #instawriters #igwritersclub #स्वलिखित आप सभी को बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं 👍
read moreJai Singh
तुम जब भी हंस देती हो मेरा बसंत आ जाता है धूप मे तपा हुआ, लथपथ पसीने से वजन अपने वज़ूद का उठाए सौ काम के बोझ से चिड़चिड़ाया सैकड़ों नियमों की खीझ मे भी कहीं मिल जाती हो, हंस देती हो और मेरा बसंत आ जाता है भीगा बदन सब कपड़े भीगे जूते बटुआ भीगे भीगा मेरे रोम रोम उमस से उखड़ी साँसें, बिजबिजाते नाले और नालियां फिर मिल जाती हो हंस देती हो मेरा बसंत आ जाता है सर्द हवायें, रूह को कंपकंपी आए एक और लिहाफ हो एक और आग किटकिटाते दांतों और कांपती देह को एक आग मिले कुछ ताप मिले पर तुम मिल जाती हो हंस देती हो और मेरा बसंत आ जाता है सिर्फ ऋतु की बात नहीं हर बात पर, हर हाल मे जीवन संघर्ष के हर काल मे गिरते पड़ते लड़ते भिड़ते क्रोध मे नाराजगी मे बेबसी मे जब जहां कभी भी कहीं भी मिल जाती हो मुस्का देती हो बसंत आ ही जाता है #तुम #बसंत #ऋतुएं