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Soul Divine
इस आशिक की किताब का हर पन्ना मोहब्बत का था किरदार बदलते गए पर हम वहीं के वहीं रह गए। #ज़िन्दगीकीकिताब #मोहब्बत_का_सफ़र #मोहब्बतकापन्ना #YourQuoteAndMine Collaborating with SUNIL MUDGAL Collaborating with Priyanka Sharma
Pushkar Sahu
ये जो जिंदगी की किताब हैं उड़ते ख़्वाबों के लिए खुला आसमान हैं ज़िन्दगी की किताब है या कोई ख़्वाब है... #ज़िन्दगीकीकिताब #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
Mahima Jain
है या कोई ख़्वाब, जब भी देखो एक नई कहानी मिलती है। ज़िन्दगी की किताब है या कोई ख़्वाब है... #ज़िन्दगीकीकिताब #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #yqquotes #yqhindi #aestheticthoughts #restzone
Ritesh shukla
जिसका हर पन्ना सुनहरा होता हैं, बस हम उसे जीते कैसे हैं।... सकारात्मक कदम एक ख़ूबसूरत #collab Rest Zone की ओर से। #ज़िन्दगीकीकिताब #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
Ashok Mangal
जिंदगी को समझ गया । समझो भवसागर से तर गया ।। एक ख़ूबसूरत #collab Rest Zone की ओर से। #ज़िन्दगीकीकिताब #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi Collaborating with Ajay Tripathi
Suchita Pandey
// ज़िन्दगी की पहेली // हम ज़िन्दगी की तरफ वापस लौट रहे थे , ऐसा लग रहा था जैसे बरसो की पड़ी ज़मीन पर बर्फ पिघल रही हो। वो सारे एहसास, वो सारे आरज़ू ,जो इस सब के नीचे कहीं दब गई थी , वो सारे के सारे फ़िर से सर उठाने लगी थीं । तभी ज़िन्दगी जीने के लिए सब था मेरे पास , और ज़िन्दगी गुजारने के लिए , मेरे लिए ये उम्मीद काफ़ी थी..। - सुचिता पाण्डेय✍ // ज़िन्दगी की पहेली // हम ज़िन्दगी की तरफ वापस लौट रहे थे , ऐसा लग रहा था जैसे बरसो की पड़ी ज़मीन पर बर्फ पिघल रही हो।
Suchita Pandey
"वज़ह कुछ भी नहीं थी, फिर भी दिल उदास था ! सीखा न सकी जो उम्र भर, तमाम किताबे भी मुझे ! कऱीब से कुछ चेहरे पढ़े, और न जाने कितने सबक सीख लिए...!!"✒ #ज़िन्दगीकीकिताब "वज़ह कुछ भी नहीं थी, फिर भी दिल उदास था ! सीखा न सकी जो उम्र भर, तमाम किताबे भी मुझे ! कऱीब से कुछ चेहरे पढ़े, और न जाने कितने
Suchita Pandey
// 🍁 फिर भी दर्द छलक जाता है..🍁 // हँसता है आँखों की नमी छुपाने को, नकली हँसी के पिटारे संभाले हुए ! डरता है बयान न हो जाए कही , इसलिए अश्रु पीकर भी मुस्कुराता है, फ़िर भी दर्द छलक जाता है...! कहता है ख़ुश तो हुँ बेशक़, बेबाक़ सा किसी ग़म के सहारे , लौटा देता शायद यही देखकर, मर्ज़ी नहीं एक आरज़ू समझ कर ! सुनता भी है, सहता भी है, रिश्तों की भीड़ में सिमट कर रह जाता है , फ़िर भी छुपाता है बहोत मग़र आखिर में दर्द छलक जाता है..! नम आँखों के सहारे, हर बार किसी न किसी बहाने से, कभी काजल बहा जाता है, कभी आँचल भीगा जाता है ! छुपाता है बहोत मग़र फ़िर भी आखिर में बस दर्द छलक ही जाता है...!! ~सुचिता पाण्डेय ✒ #ज़िन्दगी #ज़िन्दगीकीकिताब // 🍁 फिर भी दर्द छलक जाता है..🍁 // हँसता है आँखों की नमी छुपाने को, नकली हँसी के पिटारे संभाले हुए ! डरता है बयान न हो जाए कही , इसलिए अश्रु पीकर भी मुस्कुराता है,
sk
में, बहुत से ऐसे रहस्य छिपे हैं... जिसे समझने के लिए ज़ी कर ज़िन्दगी उसे पढ़ना पड़ता है। ज़िन्दगी की किताब है या कोई ख़्वाब है... #ज़िन्दगीकीकिताब #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #writingresolution Collaborating with YourQuote Didi
Gita Khanna
जिसके आधे सफ़े पर पहले से लिखा आता है आधे सफ़े पर हम ख़ुद लिखते हैं.. एक ख़ूबसूरत #collab Rest Zone की ओर से। #ज़िन्दगीकीकिताब #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi