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Dr Upama Singh

सुप्रभात। इंसान की ज़रूरतें और उसकी चाहतें ज़रूरी नहीं अथाह हों... #इंसानकीज़रूरतें #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi

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इंसान की ज़रूरतें जीने के लिए बस रोटी, कपड़ा और मकान
लेकिन इनके ज़रूरतें का कोई नहीं अंत होता
इनकी इच्छाएं कभी नहीं मरती उनको मन में अपने पालता 
इन बुनियादी ज़रूरतों को छोड़ अनगिनत
सांसारिक और तामसिक सुख की चाह में
जीवन को अपने उनको पाने के खातिर ख़ुद को झोंक पाता 
अपने जीवन में सिर्फ़ पाता मानसिक तनाव और थकान

 सुप्रभात।
इंसान की ज़रूरतें
और उसकी चाहतें 
ज़रूरी नहीं अथाह हों...
#इंसानकीज़रूरतें #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi

Madhav Jha

तो बताइए फिर भी में गलत हूँ सबके लिए ख़ासकर के अपने ही परिवार के लिए जिन्होंने मुझे कभी आंतरिक स्पष्टता से समझा ही नहीं और न ही आंतरिक तौर पे शायद मैं ही नहीं समझ पाया क्योंकि इतनी लोकव्यवहारिता का ज्ञान तो बोहोत था मगर उसे निजी और बाह्य ज़िंदगी में कभी उपयोग नहीं हुआ क्योंकि हर कोई एक जैसा नहीं होता और न ही पांच उंगलियां बराबर होती हैं तो फिर क्या माना जाए कि ज़िन्दगी में इच्छाओं की अथाहता की कमी नहीं या जिंगदी सीधी थी और उसे खुलकर नहीं जिया गया शुरू से कुल में या जीने नही दिया गया क्योंकि एक इंसा

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हाँ मगर ये भी है कि अथाह हों भी तो केवल इतनी की जिसमें केवल धर्मानुसार ज़िन्दगी जी जीने की मांग हो उस ऊपरवाले से क्योंकि यदि जन्म मिला है, वो भी ऐसी पृष्टभूमि लिखकर की बाद में कौन अपना है कौन नहीं ये ज्ञात हो एवं हर क्षण ये लगे के मेरी क्या ग़लती की जन्म मिला और ये बतलाया गया कि तुम तो अकारण ही आ गए, हमें तो एक कन्या चाहिए थी तो इसमें एक की ज़िन्दगी और भाग्य को कुंठित करते हुए माना कि भगवान को क्यों दोष भाग्यशाली नहीं हुए तो भाग्य को क्यों दोष देना, क्योंकि हर पल झेला ही तो है, माता पिता सेज संबंधियों में प्यार और अपनेपन को सिर्फ ऊपरी सतह पे ही तो देखा है और ख़ुद महसूस करते हुए पिता के द्वारा या मां की ममता से परिपूर्ण उस लाड़ और प्यार को भले महसूस किया मगर यहां ये प्रश्न नहीं यहां ये प्रश्न है कि जब समूचे कुल का भाग्य ही भंग है तो हमारी पीढ़ी का क्या दोष, जो नियति है वो सब हो रहा है और होता रहेगा, इसलिए मैं किसी एक मज़हब समुदाय या कुल में मर्यादा और उससे उससे उपजित सिर्फ एकाकी धर्म और आचार विचार को न मानते हुए यदि अपनी जीवनशैली का मापदंड रखते हुए अगर सर्व विश्व का हुआ और मन मेरा किसी एकाकी धर्म य्या जात य्या पात से लगाव न रखते हुए सर्वधर्मसभाव का भाव रखूं और बाह्य दुनिया को समझता हूं और अपने आपको ढालता हूँ और इसमें यदि मेरा अपना समाज या अपने ख़ून के रिश्ते के लोग ही मुझे समझाते हैं..... तो बताइए फिर भी में गलत हूँ सबके लिए ख़ासकर के अपने ही परिवार के लिए जिन्होंने मुझे कभी आंतरिक स्पष्टता से समझा ही नहीं और न ही आंतरिक तौर पे शायद मैं ही नहीं समझ पाया क्योंकि इतनी लोकव्यवहारिता का ज्ञान तो बोहोत था मगर उसे निजी और बाह्य ज़िंदगी में कभी उपयोग नहीं हुआ क्योंकि हर कोई एक जैसा नहीं होता और न ही पांच उंगलियां बराबर होती हैं तो फिर क्या माना जाए कि ज़िन्दगी में इच्छाओं की अथाहता की कमी नहीं या जिंगदी सीधी थी और उसे खुलकर नहीं जिया गया शुरू से कुल में या जीने नही दिया गया क्योंकि एक इंसा

Shravan Goud

सुप्रभात। इंसान की ज़रूरतें और उसकी चाहतें ज़रूरी नहीं अथाह हों... #इंसानकीज़रूरतें #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi

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हो तो अविष्कार होते हैं,
इतिहास गवाह है। सुप्रभात।
इंसान की ज़रूरतें
और उसकी चाहतें 
ज़रूरी नहीं अथाह हों...
#इंसानकीज़रूरतें #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi

Jai Singh

सुप्रभात। इंसान की ज़रूरतें और उसकी चाहतें ज़रूरी नहीं अथाह हों... #इंसानकीज़रूरतें #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi

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ज़रूरतें इंसान की
उसके मन मे हों खुद जो उपजी
सरल मधुर सुर ताल मे होती हैं
पूरा करने में देती उनका साथ
पूरी शिद्दत से सारी कायनात

दूसरों की प्रतिस्पर्धा से, लालच से
जो मिथ्या सी ज़रूरतें उग आती हैं
उन्हीं के बोझ से इंसानियत, प्रकृति
और कायनात शर्म से झुक जाती हैं सुप्रभात।
इंसान की ज़रूरतें
और उसकी चाहतें 
ज़रूरी नहीं अथाह हों...
#इंसानकीज़रूरतें #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi

arrey.oh.chachu

सुप्रभात। इंसान की ज़रूरतें और उसकी चाहतें ज़रूरी नहीं अथाह हों... #इंसानकीज़रूरतें #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi

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Ussey #kamzor bana dethi hai सुप्रभात।
इंसान की ज़रूरतें
और उसकी चाहतें 
ज़रूरी नहीं अथाह हों...
#इंसानकीज़रूरतें #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi

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