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ÅJÎT KÙMÅR
वो रोटियों के लिए गए थे. वो रोटियों के लिए जीते थे. वो रोटियां के लिए आ रहे थे. अफसोस रोटियां बिखरी रह गई और वो दुनिया से चले गए. औरंगाबाद पटरियों पर मृतक मजदूरों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि... आज के औरंगाबाद रेल हादसे ने स्तब्ध कर दिया है। प्रार्थना करते हैं कि ईश्वर सभी मृतकजनों की आत्मा को शांति प्रदान करे और परिवारजनों को दुख सहने की शक्ति दे। #yostowrimo में प्रवासी मज़दूरों को केंद्र में रखते हुए एक कहानी लिखें। कहानी दो प्रवासी मज़दूरों के बीच वार्तालाप के रूप में हो सकती है अथवा आपके प्रत्यक्ष अनुभव पर आधारित हो सकती है। #मज़दूरीएककहानी #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
आज के औरंगाबाद रेल हादसे ने स्तब्ध कर दिया है। प्रार्थना करते हैं कि ईश्वर सभी मृतकजनों की आत्मा को शांति प्रदान करे और परिवारजनों को दुख सहने की शक्ति दे। #yostowrimo में प्रवासी मज़दूरों को केंद्र में रखते हुए एक कहानी लिखें। कहानी दो प्रवासी मज़दूरों के बीच वार्तालाप के रूप में हो सकती है अथवा आपके प्रत्यक्ष अनुभव पर आधारित हो सकती है। #मज़दूरीएककहानी #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
read moreRashmi Hule
True Story... Read in caption 👇 मजदूर.... एक दिन पैदल कही जा रहीं थीं। रास्ते का काम शुरू था। फुटपाथ सें गुजर रही थी, तो सामने ही एक बच्चा, जो होगा एक, डेढ़ साल का .. रो रहा था। आँसुओं के साथ नाक भी बह रही थी। नजदीक पहूँच के देखा तो बेचारे के पाँव में दोरी कि एक छोर और दुसरी वहा के बंद दुकान के शटर के हॅंडेल में बंधी थी। अनजाने में पाँव रुक गये, सच कहूँ तो आचरज, गुस्सा और रोना इसमें क्या ज्यादा था पता नहीं। मैंने यहा-वहा देखा, और पर्स से पहले रुमाल निकाला। उस बच्चे के आँसू और नाक पोंछना चाह रही थी। तब तक रस्ते के उस तरफ सें उस
मजदूर.... एक दिन पैदल कही जा रहीं थीं। रास्ते का काम शुरू था। फुटपाथ सें गुजर रही थी, तो सामने ही एक बच्चा, जो होगा एक, डेढ़ साल का .. रो रहा था। आँसुओं के साथ नाक भी बह रही थी। नजदीक पहूँच के देखा तो बेचारे के पाँव में दोरी कि एक छोर और दुसरी वहा के बंद दुकान के शटर के हॅंडेल में बंधी थी। अनजाने में पाँव रुक गये, सच कहूँ तो आचरज, गुस्सा और रोना इसमें क्या ज्यादा था पता नहीं। मैंने यहा-वहा देखा, और पर्स से पहले रुमाल निकाला। उस बच्चे के आँसू और नाक पोंछना चाह रही थी। तब तक रस्ते के उस तरफ सें उस
read moreAtul Waghade
मैं एक मज़दूर क्या करु जन्म से हू घर से निकलता हू रोज कमाने के लिऐ राह देखते हैं मेरे घर वाले वो आयेगा तब मिलेगा हमे खाने के लिये अब इस मोड़ से गुज़रा हू भगवान नही चॉंहता होगा मैं घर पे पोहचू समजाना मेरे घर वालो को मै अब घर नहीं आ रहा हू. आज के औरंगाबाद रेल हादसे ने स्तब्ध कर दिया है। प्रार्थना करते हैं कि ईश्वर सभी मृतकजनों की आत्मा को शांति प्रदान करे और परिवारजनों को दुख सहने की शक्ति दे। #yostowrimo में प्रवासी मज़दूरों को केंद्र में रखते हुए एक कहानी लिखें। कहानी दो प्रवासी मज़दूरों के बीच वार्तालाप के रूप में हो सकती है अथवा आपके प्रत्यक्ष अनुभव पर आधारित हो सकती है। #मज़दूरीएककहानी #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
आज के औरंगाबाद रेल हादसे ने स्तब्ध कर दिया है। प्रार्थना करते हैं कि ईश्वर सभी मृतकजनों की आत्मा को शांति प्रदान करे और परिवारजनों को दुख सहने की शक्ति दे। #yostowrimo में प्रवासी मज़दूरों को केंद्र में रखते हुए एक कहानी लिखें। कहानी दो प्रवासी मज़दूरों के बीच वार्तालाप के रूप में हो सकती है अथवा आपके प्रत्यक्ष अनुभव पर आधारित हो सकती है। #मज़दूरीएककहानी #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
read moreAnkit Kumar
वो था तो पूर्णिमा का चांद उन मजदूरों के लिए पर ना जाने क्यों अमावस्य की काली रात निकली आज के औरंगाबाद रेल हादसे ने स्तब्ध कर दिया है। प्रार्थना करते हैं कि ईश्वर सभी मृतकजनों की आत्मा को शांति प्रदान करे और परिवारजनों को दुख सहने की शक्ति दे। #yostowrimo में प्रवासी मज़दूरों को केंद्र में रखते हुए एक कहानी लिखें। कहानी दो प्रवासी मज़दूरों के बीच वार्तालाप के रूप में हो सकती है अथवा आपके प्रत्यक्ष अनुभव पर आधारित हो सकती है। #मज़दूरीएककहानी #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
आज के औरंगाबाद रेल हादसे ने स्तब्ध कर दिया है। प्रार्थना करते हैं कि ईश्वर सभी मृतकजनों की आत्मा को शांति प्रदान करे और परिवारजनों को दुख सहने की शक्ति दे। #yostowrimo में प्रवासी मज़दूरों को केंद्र में रखते हुए एक कहानी लिखें। कहानी दो प्रवासी मज़दूरों के बीच वार्तालाप के रूप में हो सकती है अथवा आपके प्रत्यक्ष अनुभव पर आधारित हो सकती है। #मज़दूरीएककहानी #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
read morearrey.oh.chachu
Mazdoor Ki Mazdoori Us Ka Paseena Khushk Honay Se Pehlay De Deni Chahiye #Coolie आज के औरंगाबाद रेल हादसे ने स्तब्ध कर दिया है। प्रार्थना करते हैं कि ईश्वर सभी मृतकजनों की आत्मा को शांति प्रदान करे और परिवारजनों को दुख सहने की शक्ति दे। #yostowrimo में प्रवासी मज़दूरों को केंद्र में रखते हुए एक कहानी लिखें। कहानी दो प्रवासी मज़दूरों के बीच वार्तालाप के रूप में हो सकती है अथवा आपके प्रत्यक्ष अनुभव पर आधारित हो सकती है। #मज़दूरीएककहानी #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
आज के औरंगाबाद रेल हादसे ने स्तब्ध कर दिया है। प्रार्थना करते हैं कि ईश्वर सभी मृतकजनों की आत्मा को शांति प्रदान करे और परिवारजनों को दुख सहने की शक्ति दे। #yostowrimo में प्रवासी मज़दूरों को केंद्र में रखते हुए एक कहानी लिखें। कहानी दो प्रवासी मज़दूरों के बीच वार्तालाप के रूप में हो सकती है अथवा आपके प्रत्यक्ष अनुभव पर आधारित हो सकती है। #मज़दूरीएककहानी #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
read morevishnu prabhakar singh
प्रवास समाज का अभिन्न व्यवहारिक अंग बन चुका है।इसका विकास मजदूर ढूंढ रहा है।अकुशल मजदूर की विशेष मांग है। अर्थात, अकुशल मजदूर का स्वर्ण युग! सुदूर गांव से मजदूर पैसे के आशा में प्रवास करते हुए जब निकट राजधानी पहुंचता है, तब वो थोड़ा ठहर के अपने ग्रामीण मजदूर भाई से पूछता है, अपना गांव राजधानी कब बनेगा? उत्तर पाता है, जब विकास होगा। एकाकी अवस्था में विश्वस्त हो वो फिर इतना ही बोल पाता है कि, फिर तो बहुत देर लगेगा? उत्तर पाता है, हाँ!हमलोग नहीं देख पाएंगे। उत्तर पा कर मजदूर का दर्शन शीघ्र दैनिक हो जाता है। वो कहता है, मेरी बला से! कुछ पैसे का दरकार हैं।इस बार कमा कर जायेंगे तो वापस नहीं आयेंगे।वहीं पर कुछ करेंगे। पुनःउत्तर ही पाता है, हाँ! मेरा भी मन अब यहां नहीं लगता, इतनी दूर अब नहीं आयेंगे।पर क्या करें, लाचारी में हमलोग अकुशल रह गये। प्रवास समाज का अभिन्न व्यवहारिक अंग बन चुका है।इसका विकास मजदूर ढूंढ रहा है।अकुशल मजदूर की विशेष मांग है। अर्थात, अकुशल मजदूर का स्वर्ण युग! सुदूर गांव से मजदूर पैसे के आशा में प्रवास करते हुए जब निकट राजधानी पहुंचता है, तब वो थोड़ा ठहर के अपने ग्रामीण मजदूर भाई से पूछता है, अपना गांव राजधानी कब बनेगा? उत्तर पाता है, जब विकास होगा।
प्रवास समाज का अभिन्न व्यवहारिक अंग बन चुका है।इसका विकास मजदूर ढूंढ रहा है।अकुशल मजदूर की विशेष मांग है। अर्थात, अकुशल मजदूर का स्वर्ण युग! सुदूर गांव से मजदूर पैसे के आशा में प्रवास करते हुए जब निकट राजधानी पहुंचता है, तब वो थोड़ा ठहर के अपने ग्रामीण मजदूर भाई से पूछता है, अपना गांव राजधानी कब बनेगा? उत्तर पाता है, जब विकास होगा।
read moreAamir Qais AnZar
ये भी एक जमात है, गरीबी इसकी जात है। राजनीति के दौर में, इंसानियत को मात है। Theme: #Plight of labourers Since the beginning of lockdown the plight of labourers in the country is becoming worse day by day. Keeping in mind their alarming situation collab with Democrats & Dissenters and pen down a 2linestory #dndlabourersstory #labourers #socialissues #MurderStory #मज़दूरीएककहानी #MigrantWorkers #जमात Collaborating with Democrats & Dissenters Collaborating with Urdu_Hindi Poetry
Theme: #Plight of labourers Since the beginning of lockdown the plight of labourers in the country is becoming worse day by day. Keeping in mind their alarming situation collab with Democrats & Dissenters and pen down a 2linestory #dndlabourersstory #labourers #socialissues #MurderStory #मज़दूरीएककहानी #migrantworkers #जमात Collaborating with Democrats & Dissenters Collaborating with Urdu_Hindi Poetry
read moreAamir Qais AnZar
निवाले-निवाले को तरसते मुहाजिरों के हाथ! एे खुदा, ऐसा कभी न हो किसी के भी साथ!! निवाला : खाने का कौर; ग्रास मुहाजिर : migrant, refugee #Hunger #Poverty #PostCovid19 #मजदूर #रोटी #भूख #मज़दूरीएककहानी #MigrantWorkers migrant workers longing for home and facing turmoil during the ongoing nation wide lock-down
निवाला : खाने का कौर; ग्रास मुहाजिर : migrant, refugee #hunger #poverty #postcovid19 #मजदूर #रोटी #भूख #मज़दूरीएककहानी #migrantworkers migrant workers longing for home and facing turmoil during the ongoing nation wide lock-down
read moreAamir Qais AnZar
मज़दूर और मजबूर में फर्क करता रह गया! इस दुनिया के दस्तूर को जो सहता रह गया!! Na Hindu hoon na Mussalman, na Sikh na Isai. Main Garib Mazdoor Berozgaar Bhooka hoon... May Day : Labour Day #InterNationalLabourDay OPEN FOR COLLAB ✨ #ATlabourdaybg • A Challenge Aesthetic Thoughts! ♥️ May 1st is known as International Labour Day or May Day. The day celebrates labourers and the working class. We respect the work of labourers. So, here's a "Labour Day" special BG by us.✨
Na Hindu hoon na Mussalman, na Sikh na Isai. Main Garib Mazdoor Berozgaar Bhooka hoon... May Day : Labour Day #internationallabourday OPEN FOR COLLAB ✨ #ATlabourdaybg • A Challenge Aesthetic Thoughts! ♥️ May 1st is known as International Labour Day or May Day. The day celebrates labourers and the working class. We respect the work of labourers. So, here's a "Labour Day" special BG by us.✨
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