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Krish Vj
स्वार्थ की दुनिया निराली है यारो प्रेम ने ओढ ली स्वार्थ की चादर यारो छिप गए हर रिश्ते स्वार्थ की चादर में और खड़ी हो गई दीवार रिश्तों में ना तहज़ीब रही ना तमीज़ रही ना सुंदर प्यारी सोच रही मैं, ने हम का स्थान लिया यूँ अपनों को हमने पराया किया 🎀 Challenge-208 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।
Sweta
खट्टी - मीठी टकरार से सारा जीवन महक जाऐं यूँ ही प्रेम की धूप - छाँव में दिन गुजर जाऐं क्यों अपनों के बीच कड़वाहटे लाऐं छोटे-बड़े रिश्तों को प्यार की माला में पिरोयें घर आँगन को रिश्तों से सजाऐं तो चलों ,,रिश्तों में जो आई दीवार उसे गिराऐं दिल में माँफी एक नई उम्मीद जगाऐं रिश्तों को खुशनुमा ,मोहब्बत से आशियाना सजाऐं हवा में ताज नहीं ,सपनों सा खूबसूरत ताज इक नया जहाँ ,,चाँद-तारों से सजा ऐसा घर बनाऐं ।।। 🎀 Challenge-208 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।
Insprational Qoute
मनके की एक माला जैसे है ये रिश्ते , प्यार ,प्रेम व स्नेह के मोती है इसमे बसते, विश्वास की पावन डोर से ये हैं बांधे जाते, इस आँगन में खेलना सीखा,सीखा जीने का सरीखा, पकड़ उंगली हर सदस्य का मैने चलना सीखा, परिवार का आपसी प्रेम मैंने यहाँ देखा, खुशी की किलकारियों की गूंज को हँसते देखा, परन्तु दुर्भाग्यपूर्ण बीच मे आ गई अर्थ और दर्प की रेखा, ज्यादा पाने की होड़ में भूल गया सदस्य आपसी प्यार, देखते-देखते,धीरे-धीरे प्यार के रिश्तों में आ गई दरार, चूर -चूर हुआ विश्वास , रिश्तों मे अब आ गई दीवार, कमजोर विश्वास का धागा टूटा,प्रेम के मोती एसे बिखरे, रिश्ते सारे टूट गए, कि अब न वो कभी निखरे।।।।। 🎀 Challenge-208 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।
Richa Mishra
रिश्तों में दीवार होने से बंद हो जाते हैं विश्वास के दरवाजे ! नहीं शेष बचता है प्यार और न ही समर्पण की भावना जो पहले था व्याप्त ।। #रिश्तों_की_अहमियत #रिश्तोंमेंदीवार #रिश्तोंकीदीवार #रिश्तों_की_उलझन #रिश्तों_में_दरार
Richa Mishra
रिश्तों में दीवार होने से बंद हो जाते हैं विश्वास के दरवाजे ! नहीं शेष बचता है प्यार और न ही समर्पण की भावना जो पहले था व्याप्त ।। #रिश्तों_की_अहमियत #रिश्तोंमेंदीवार #रिश्तोंकीदीवार #रिश्तों_की_उलझन #रिश्तों_में_दरार
Anita Saini
दुश्वारियां लाजमी है, मोहब्बत की राह में , तिल का ताड़ बनाना, ज़माने का दस्तूर है। 🎀 Challenge-208 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।
Divyanshu Pathak
पड़ोसन मेरी बड़ी प्यारी, आकर्षण उसका खींचता। मन करता देखता ही रहूँ, रूप लावण्य उसका। पत्नी को पता चला तो, बन गई कर्कशा! पीछा छुड़ाने मुझसे, बना ली दीवार रिश्ते में चल दी पीछे किसी और के। भोग में डूबी आँखे! नही देख पाती। जलता हुआ मकां ख़ुद का। 🎀 Challenge-208 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।
भुवनेश शर्मा
दिन-रात पसीने को मिट्टी में मिलाकर, मुस्कुराकर वो आशियाना सजाता रहा वक्त आया जब आशियानें में रहने का ,एक कोने में भी उसका ठिकाना ना रहा बदल रहा है जीवन, बदल रहे संस्कार लालो को जो पालते हैं, वही देते हैं बड़े होकर मात☹️☹️☹️ #अहसासों_की_एक_कहानी #किसानों_की_मेहनत_पर_पानी #किसानों_की_ख्वाहिश #yqbesthindiquotes #रिश्तोंमेंदीवार #जीवनकेदिनचार
Monali Sharma
ये द्वेश ये जलन, अपनों का ही क़ातिल है ये क्रोध में, ख़ुद को ही मारने को आतुर है कश्तियाँ डूब जाती है, ये झूठे अहंकार में सिवाए दरार के कुछ नहीं बचता, इन रिश्तों की दीवार में देख कमज़ोर न हो पाए, ये विश्वास की डोर नींव मजबूती पर हो, लगाना सच्चाई का ज़ोर टूट कर बिखर जाते हैं रिश्ते, अक्सर गलतफहमी के शिकार में सिवाए दरार के कुछ नहीं बचता, इन रिश्तों की दीवार में हृदय की कठोरता नहीं थोड़ी शालीनता दिखाया कर कभी सबकुछ भूलकर अपनों को गले लगाया कर क्यों ले जा रहा है तू अपने भविष्य को अंधकार में सिवाए दरार के कुछ नहीं बचता, इन रिश्तों की दीवार में 🎀 Challenge-208 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।
Vishal Vaid
वो कहती है तुम समझते नहीं हो उठी हमारे रिश्ते में दीवार बहुत है मैं कहता हूँ उसको ज़रा गौर से देख इन्ही दीवारों में पगली दरार बहुत है लड़की जो लड़ती है बेशुमार मुझ से मेरी हर बात पे उसे इनकार बहुत है या तो मुझसे, उसको हैं नफरत बहुत या फिर मुझ से उसको प्यार बहुत है वो कहती है रोकता है जग सारा सब को इस प्यार से इंकार बहुत है मैं कहता हूँ देखना सब हां कहेंगे अभी व्रत के लिए सोमवार बहुत है 🎀 Challenge-208 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।