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deepali sethi mehndiratta
वक्त काफी हो गया है कुछ लिखा ही नहीं या यूं कहो कि कुछ लिख नहीं पाई अल्फ़ाज़ मानो थम से गए है ये हाथ जैसे जम से गए है ये सर्द मौसम दिलों को भी सर्द कर देता है शायद तभी तो कुछ लिख नहीं पा रही मैं जब फिर से गर्म हवाएं आएंगी तो तेरा ज़िक्र भी ले आएंगी लिख पाऊंगी फिर मैं तेरे खयाल बहेंगे मेरी नस नस में फिर से गुल खिलेंगे तेरे मेरे दरमियान #हिंदी #शायरी #सर्दहवाओंमें #गर्माहट #yqdidi #yqbaba #yopowrimo
Suchita Pandey
सर्द हवाओं में तेरी यादों का पहरा है। सताती है ये बहोत, जुदाई का आलम बड़ा गहरा है। 💕 आग बुझती नहीं सीने में लगाई तेरी उफ़ न जाने कैसा ये लम्हा है। 💕 जब भी चलती हैं ये सर्द हवाऐं इस रुख से गुज़र कर, दिल को आ जाती है फिर से याद तेरी उफ़ कितना ख़ूबसूरत सा ये चेहरा है। #सुचितापाण्डेय 🎀 Challenge-236 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 50 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
Krish Vj
सर्द हवाओं में महकी सी इन फिज़ाओ में तेरा साथ होना जन्नत का एहसास कराता है जब तुम बाहें फैलाये मुझे अपने आग़ोश मे लेती हो मेरा रोम-रोम तेरी सासों की खुशबु से महक जाता हैं ख़्वाब बस इतना सा है मेरा कि बस यह लम्हा यहीं ठहर जाए 🎀 Challenge-236 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 50 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
sanjay sheoran
इन "सर्द हवाओं में" भी घुली तेरी महक सी है ख़ामोश फ़िज़ाएँ हैं ना ही कोई तपिश सी है हर बार तेरा आना और आकर यूँ ही चले जाना मुझे हैराँ कर जाता है दिल में भी कुछ ख़लिश सी है यही सोचता रहता हूँ अक्सर चुभता है कुछ न जाने क्यों रहती भी कुछ कसक सी है...$$!! 🎀 Challenge-236 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 50 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
Author Munesh sharma 'Nirjhara'
तुम तो अभी पास नहीं हो मेरे पर सर्द हवाओं में छुअन तुम्हारी ही है गुज़रती हैं जो अनायास छूकर मुझे एहसास तुम्हारा ही देती हैं सिकुड़ती हूँ लजाकर वैसे ही जैसे बाँहों की अठखेलियाँ तुम्हारी ही हैं लौट भी आओ प्रियतम पास मेरे अब नहीं गुज़रती रात अकेली है! 🌹 🎀 Challenge-236 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 50 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
Insprational Qoute
लिपटे हैं रुई के फ़ोहे में कुछ इस क़दर, लगते है मानों अजीज हमसफ़र, ये सर्द हवाओं का रुख़ मोड़ दो, सहा नही जाता अब हमसें ये बेदर्दी छोड़ दो, देख मैं कैसे हूँ बह रही जैसे हो आँब-ए-रवाँ, चल चलते हैं ऐसी अंजुमन में दिलकश नज़ारे हो जहाँ, क्या तुम अग्यार हो जो नही करते प्यार का इज़हार हो, हम आपके ही तो हमनशीं हैं अब कह दो कि तुम मुझे स्वीकार हो। 🎀 Challenge-236 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 50 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
Snigdharani Panda
सर्द हवाओं में खुली महफ़िल में कर लेना इज़हार, सबके सामने अपना मान लेंगे करेंगे ना इनकार॥ 🎀 Challenge-236 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 50 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
ashutosh anjan
सर्द हवाओं में तेरे ख़याल आता रहा, आँखों में तैरता चेहरा कई सवाल लाता रहा। जिसे हक़ीक़त समझते रहे वो वहम निकला, वीरान जिंदगी में गर्दिशों का एक और साल जाता रहा। उसकी रफ़ाक़तों में बस हिज़्र ही मिला, अमावस की रात थी फिर भी चाँद बादलों में आता रहा। रफ़ाक़त- साहचर्य, दोस्ती, कंपनी हिज़्र-वियोग,विरह,जुदाई 🎀 Challenge-236 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।
Anita Saini
जादू सा है तेरी,चंचल शोख़ अदाओं में, स्नेह आमंत्रण सा तेरी भोली निगाहों में। वीराने चहकने लगे तेरे मुस्कुराने से, लब जो खुले फूल खिलने लगे सहराओं में। उफ़्फ़! ये तिरछी निगाहें पसीने से नहाया हूँ मैं इन सर्द हवाओं में। मन मेरा मचल रहा,आने को तेरी पनाहों में। 🎀 Challenge-236 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 50 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
Divyanshu Pathak
इस दीवाने का क्या कहना! ऐसे क्यूँ इठलाती हो? सतरंगी से पंख लगाके, क्यों मन को भरमाती हो? बड़ी अदाएं बड़ी मुरब्बत क्यूँ ऐसे दिखलाती हो? चमक चांदनी डीपी लेके, रोज नई तुम आती हो। गर्मी जून भरी हो लेकिन, तुम सर्द हवा दे जाती हो। अपना मुझे बनाती हो। 🎀 Challenge-236 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 50 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।