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Author Munesh sharma 'Nirjhara'
मैंने लफ़्ज़ों को आग बनाया सोयी मानवता को जगाया बंटवारा जो हुआ देश का... मज़हब की दीवार खड़ा कर गया भाई-भाई को दुश्मन बना गया स्त्री की अस्मिता को चीर-चीर कर गया दुधमूहों को अनाथ कर गया...! बंटवारा जो हुआ देश का... सर्प का दंश दे गया एक ही रात में.. घर से बेघर बना गया अपने ही देश में शरणार्थी बना गया...! बंटवारा जो हुआ देश का मानव-मूल्यों की बलि चढ़ा गया मानवता को शर्मसार कर गया मानव के अस्तित्व पर प्रश्नचिह्न लगा गया मेरे लफ्ज़ों में आग भर गया.... बंटवारा जो हुआ देश का... आज पंजाबी की 20वीं सदी की महान लेखिका अमृता प्रीतम की 100वीं जयंती है। भारत विभाजन की त्रासदी को शायद ही इतने जीवंत अंदाज़ में किसी और लेखक ने उकेरा हो। उनकी कविताएँ, कहानियाँ, उपन्यास एवं निबंध एक आज़ाद ख़याल औरत की दास्तान हैं। दुःख स्थायी तो है लेकिन उस दुःख के कारणों की पड़ताल उनका प्रमुख विषय रहा। उन्होंने अल्फ़ाज़ को आग बनाने का काम किया जिसकी ज्वाला में मानव की तमाम पीड़ा स्वाहा हो जाये। #लफ़्ज़कोआगबनाया #अमृताप्रीतम #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
आज पंजाबी की 20वीं सदी की महान लेखिका अमृता प्रीतम की 100वीं जयंती है। भारत विभाजन की त्रासदी को शायद ही इतने जीवंत अंदाज़ में किसी और लेखक ने उकेरा हो। उनकी कविताएँ, कहानियाँ, उपन्यास एवं निबंध एक आज़ाद ख़याल औरत की दास्तान हैं। दुःख स्थायी तो है लेकिन उस दुःख के कारणों की पड़ताल उनका प्रमुख विषय रहा। उन्होंने अल्फ़ाज़ को आग बनाने का काम किया जिसकी ज्वाला में मानव की तमाम पीड़ा स्वाहा हो जाये। #लफ़्ज़कोआगबनाया #अमृताप्रीतम #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
read moreRajni Raj
खुद के गम को भुलाने के लिए तेरी जिंदगी को शीतल बनाने के लिए। आज पंजाबी की 20वीं सदी की महान लेखिका अमृता प्रीतम की 100वीं जयंती है। भारत विभाजन की त्रासदी को शायद ही इतने जीवंत अंदाज़ में किसी और लेखक ने उकेरा हो। उनकी कविताएँ, कहानियाँ, उपन्यास एवं निबंध एक आज़ाद ख़याल औरत की दास्तान हैं। दुःख स्थायी तो है लेकिन उस दुःख के कारणों की पड़ताल उनका प्रमुख विषय रहा। उन्होंने अल्फ़ाज़ को आग बनाने का काम किया जिसकी ज्वाला में मानव की तमाम पीड़ा स्वाहा हो जाये। #लफ़्ज़कोआगबनाया #अमृताप्रीतम #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
आज पंजाबी की 20वीं सदी की महान लेखिका अमृता प्रीतम की 100वीं जयंती है। भारत विभाजन की त्रासदी को शायद ही इतने जीवंत अंदाज़ में किसी और लेखक ने उकेरा हो। उनकी कविताएँ, कहानियाँ, उपन्यास एवं निबंध एक आज़ाद ख़याल औरत की दास्तान हैं। दुःख स्थायी तो है लेकिन उस दुःख के कारणों की पड़ताल उनका प्रमुख विषय रहा। उन्होंने अल्फ़ाज़ को आग बनाने का काम किया जिसकी ज्वाला में मानव की तमाम पीड़ा स्वाहा हो जाये। #लफ़्ज़कोआगबनाया #अमृताप्रीतम #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
read moreKisalay Shukla
जले हुए चिराग के रोशनी से सबको नहलाया बाद में देखा तो खुद को ही अंधेरे में पाया !! आज पंजाबी की 20वीं सदी की महान लेखिका अमृता प्रीतम की 100वीं जयंती है। भारत विभाजन की त्रासदी को शायद ही इतने जीवंत अंदाज़ में किसी और लेखक ने उकेरा हो। उनकी कविताएँ, कहानियाँ, उपन्यास एवं निबंध एक आज़ाद ख़याल औरत की दास्तान हैं। दुःख स्थायी तो है लेकिन उस दुःख के कारणों की पड़ताल उनका प्रमुख विषय रहा। उन्होंने अल्फ़ाज़ को आग बनाने का काम किया जिसकी ज्वाला में मानव की तमाम पीड़ा स्वाहा हो जाये। #लफ़्ज़कोआगबनाया #अमृताप्रीतम #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi Collabora
आज पंजाबी की 20वीं सदी की महान लेखिका अमृता प्रीतम की 100वीं जयंती है। भारत विभाजन की त्रासदी को शायद ही इतने जीवंत अंदाज़ में किसी और लेखक ने उकेरा हो। उनकी कविताएँ, कहानियाँ, उपन्यास एवं निबंध एक आज़ाद ख़याल औरत की दास्तान हैं। दुःख स्थायी तो है लेकिन उस दुःख के कारणों की पड़ताल उनका प्रमुख विषय रहा। उन्होंने अल्फ़ाज़ को आग बनाने का काम किया जिसकी ज्वाला में मानव की तमाम पीड़ा स्वाहा हो जाये। #लफ़्ज़कोआगबनाया #अमृताप्रीतम #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi Collabora
read more_Ankahe_Alfaaz__
उन को दुनिया तक पहुँचाया , सबने उसको है अपनाया , उस आग की ज्वाला को फैलाया , एक दूसरे का साथ है निभाया , मंज़िलो की तरफ़ कदम है बढ़ाया , बिना भटकें मंज़िल को है पाया ।। आज पंजाबी की 20वीं सदी की महान लेखिका अमृता प्रीतम की 100वीं जयंती है। भारत विभाजन की त्रासदी को शायद ही इतने जीवंत अंदाज़ में किसी और लेखक ने उकेरा हो। उनकी कविताएँ, कहानियाँ, उपन्यास एवं निबंध एक आज़ाद ख़याल औरत की दास्तान हैं। दुःख स्थायी तो है लेकिन उस दुःख के कारणों की पड़ताल उनका प्रमुख विषय रहा। उन्होंने अल्फ़ाज़ को आग बनाने का काम किया जिसकी ज्वाला में मानव की तमाम पीड़ा स्वाहा हो जाये। #लफ़्ज़कोआगबनाया #अमृताप्रीतम #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
आज पंजाबी की 20वीं सदी की महान लेखिका अमृता प्रीतम की 100वीं जयंती है। भारत विभाजन की त्रासदी को शायद ही इतने जीवंत अंदाज़ में किसी और लेखक ने उकेरा हो। उनकी कविताएँ, कहानियाँ, उपन्यास एवं निबंध एक आज़ाद ख़याल औरत की दास्तान हैं। दुःख स्थायी तो है लेकिन उस दुःख के कारणों की पड़ताल उनका प्रमुख विषय रहा। उन्होंने अल्फ़ाज़ को आग बनाने का काम किया जिसकी ज्वाला में मानव की तमाम पीड़ा स्वाहा हो जाये। #लफ़्ज़कोआगबनाया #अमृताप्रीतम #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
read morevishnu prabhakar singh
संदेश गया हवन बनकर चेतन्य का अह्वाहन हुआ एक पुष्प शरणागत हुआ नव ग्रह का आलोक घना शब्दों का यह शीश बना। आज पंजाबी की 20वीं सदी की महान लेखिका अमृता प्रीतम की 100वीं जयंती है। भारत विभाजन की त्रासदी को शायद ही इतने जीवंत अंदाज़ में किसी और लेखक ने उकेरा हो। उनकी कविताएँ, कहानियाँ, उपन्यास एवं निबंध एक आज़ाद ख़याल औरत की दास्तान हैं। दुःख स्थायी तो है लेकिन उस दुःख के कारणों की पड़ताल उनका प्रमुख विषय रहा। उन्होंने अल्फ़ाज़ को आग बनाने का काम किया जिसकी ज्वाला में मानव की तमाम पीड़ा स्वाहा हो जाये। #लफ़्ज़कोआगबनाया #अमृताप्रीतम #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #विप्रणु
आज पंजाबी की 20वीं सदी की महान लेखिका अमृता प्रीतम की 100वीं जयंती है। भारत विभाजन की त्रासदी को शायद ही इतने जीवंत अंदाज़ में किसी और लेखक ने उकेरा हो। उनकी कविताएँ, कहानियाँ, उपन्यास एवं निबंध एक आज़ाद ख़याल औरत की दास्तान हैं। दुःख स्थायी तो है लेकिन उस दुःख के कारणों की पड़ताल उनका प्रमुख विषय रहा। उन्होंने अल्फ़ाज़ को आग बनाने का काम किया जिसकी ज्वाला में मानव की तमाम पीड़ा स्वाहा हो जाये। #लफ़्ज़कोआगबनाया #अमृताप्रीतम #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #विप्रणु
read morePS T
मैंने लफ्ज़ को आग बनाया उसी आग को हथियार बनाया खुद जागा, सबको जगाया अधिकार के लिए लड़ने से ज्यादा कर्त्तव्य पालन सिखाया... आज पंजाबी की 20वीं सदी की महान लेखिका अमृता प्रीतम की 100वीं जयंती है। भारत विभाजन की त्रासदी को शायद ही इतने जीवंत अंदाज़ में किसी और लेखक ने उकेरा हो। उनकी कविताएँ, कहानियाँ, उपन्यास एवं निबंध एक आज़ाद ख़याल औरत की दास्तान हैं। दुःख स्थायी तो है लेकिन उस दुःख के कारणों की पड़ताल उनका प्रमुख विषय रहा। उन्होंने अल्फ़ाज़ को आग बनाने का काम किया जिसकी ज्वाला में मानव की तमाम पीड़ा स्वाहा हो जाये। #लफ़्ज़कोआगबनाया #अमृताप्रीतम #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
आज पंजाबी की 20वीं सदी की महान लेखिका अमृता प्रीतम की 100वीं जयंती है। भारत विभाजन की त्रासदी को शायद ही इतने जीवंत अंदाज़ में किसी और लेखक ने उकेरा हो। उनकी कविताएँ, कहानियाँ, उपन्यास एवं निबंध एक आज़ाद ख़याल औरत की दास्तान हैं। दुःख स्थायी तो है लेकिन उस दुःख के कारणों की पड़ताल उनका प्रमुख विषय रहा। उन्होंने अल्फ़ाज़ को आग बनाने का काम किया जिसकी ज्वाला में मानव की तमाम पीड़ा स्वाहा हो जाये। #लफ़्ज़कोआगबनाया #अमृताप्रीतम #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
read morePS T
मैंने लफ्ज़ को आग बनाया उस आग में अहसास तपाया तब कहीं जाकर कुछ पढ़ने लायक लिख पाया ! आज पंजाबी की 20वीं सदी की महान लेखिका अमृता प्रीतम की 100वीं जयंती है। भारत विभाजन की त्रासदी को शायद ही इतने जीवंत अंदाज़ में किसी और लेखक ने उकेरा हो। उनकी कविताएँ, कहानियाँ, उपन्यास एवं निबंध एक आज़ाद ख़याल औरत की दास्तान हैं। दुःख स्थायी तो है लेकिन उस दुःख के कारणों की पड़ताल उनका प्रमुख विषय रहा। उन्होंने अल्फ़ाज़ को आग बनाने का काम किया जिसकी ज्वाला में मानव की तमाम पीड़ा स्वाहा हो जाये। #लफ़्ज़कोआगबनाया #अमृताप्रीतम #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
आज पंजाबी की 20वीं सदी की महान लेखिका अमृता प्रीतम की 100वीं जयंती है। भारत विभाजन की त्रासदी को शायद ही इतने जीवंत अंदाज़ में किसी और लेखक ने उकेरा हो। उनकी कविताएँ, कहानियाँ, उपन्यास एवं निबंध एक आज़ाद ख़याल औरत की दास्तान हैं। दुःख स्थायी तो है लेकिन उस दुःख के कारणों की पड़ताल उनका प्रमुख विषय रहा। उन्होंने अल्फ़ाज़ को आग बनाने का काम किया जिसकी ज्वाला में मानव की तमाम पीड़ा स्वाहा हो जाये। #लफ़्ज़कोआगबनाया #अमृताप्रीतम #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
read morePANDIT SURENDER DOGRA
नग़मा इश्क़ का रोज़ सुनाया ज़ख्म सबसे छुपा के रखे दर्द को अपना मीत बनाया जज्बातों की हुई बे-क़दरी हुस्न वालों से दिल को लगाया आज पंजाबी की 20वीं सदी की महान लेखिका अमृता प्रीतम की 100वीं जयंती है। भारत विभाजन की त्रासदी को शायद ही इतने जीवंत अंदाज़ में किसी और लेखक ने उकेरा हो। उनकी कविताएँ, कहानियाँ, उपन्यास एवं निबंध एक आज़ाद ख़याल औरत की दास्तान हैं। दुःख स्थायी तो है लेकिन उस दुःख के कारणों की पड़ताल उनका प्रमुख विषय रहा। उन्होंने अल्फ़ाज़ को आग बनाने का काम किया जिसकी ज्वाला में मानव की तमाम पीड़ा स्वाहा हो जाये। #लफ़्ज़कोआगबनाया #अमृताप्रीतम #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
आज पंजाबी की 20वीं सदी की महान लेखिका अमृता प्रीतम की 100वीं जयंती है। भारत विभाजन की त्रासदी को शायद ही इतने जीवंत अंदाज़ में किसी और लेखक ने उकेरा हो। उनकी कविताएँ, कहानियाँ, उपन्यास एवं निबंध एक आज़ाद ख़याल औरत की दास्तान हैं। दुःख स्थायी तो है लेकिन उस दुःख के कारणों की पड़ताल उनका प्रमुख विषय रहा। उन्होंने अल्फ़ाज़ को आग बनाने का काम किया जिसकी ज्वाला में मानव की तमाम पीड़ा स्वाहा हो जाये। #लफ़्ज़कोआगबनाया #अमृताप्रीतम #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi
read moreNEERAJ SIINGH
उसमें वो शब्द बाग उगाया जिसमे मेरे हर जज्बात के फूल लहलहाए ...और हजारो दोस्त बनाए जो रोज उसे पढ़कर हर्षाये ... आज पंजाबी की 20वीं सदी की महान लेखिका अमृता प्रीतम की 100वीं जयंती है। भारत विभाजन की त्रासदी को शायद ही इतने जीवंत अंदाज़ में किसी और लेखक ने उकेरा हो। उनकी कविताएँ, कहानियाँ, उपन्यास एवं निबंध एक आज़ाद ख़याल औरत की दास्तान हैं। दुःख स्थायी तो है लेकिन उस दुःख के कारणों की पड़ताल उनका प्रमुख विषय रहा। उन्होंने अल्फ़ाज़ को आग बनाने का काम किया जिसकी ज्वाला में मानव की तमाम पीड़ा स्वाहा हो जाये। #लफ़्ज़कोआगबनाया #अमृताप्रीतम #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #neerajwr
आज पंजाबी की 20वीं सदी की महान लेखिका अमृता प्रीतम की 100वीं जयंती है। भारत विभाजन की त्रासदी को शायद ही इतने जीवंत अंदाज़ में किसी और लेखक ने उकेरा हो। उनकी कविताएँ, कहानियाँ, उपन्यास एवं निबंध एक आज़ाद ख़याल औरत की दास्तान हैं। दुःख स्थायी तो है लेकिन उस दुःख के कारणों की पड़ताल उनका प्रमुख विषय रहा। उन्होंने अल्फ़ाज़ को आग बनाने का काम किया जिसकी ज्वाला में मानव की तमाम पीड़ा स्वाहा हो जाये। #लफ़्ज़कोआगबनाया #अमृताप्रीतम #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi neerajwr
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