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vishnu prabhakar singh
लोगों के हित में अगर बात नहीं होगी तो वो स्पष्टत नाराज होगें नाराज होंगें तो बुदबुदायेंगे विद्रोह करेंगे अगर ऐसा कोई विद्रोह राजकीय नीति से हो तो आप स्वयं को कमजोर मान बैठेंगे ध्यान आकर्षण चाहूंगा, बैठेंगे! तो अनावश्यक विद्रोह क्यों ? क्या सरकार का गर्भ दिन है ? या आपकी भी बहुतों की तरह कोई श्रेणी नहीं है अर्थात, संयुक्त रूप से सत्य, असत्य! घोर संतुलन!! #विप्रणु #yqdidi #yqbaba #musings #miscellaneous #विद्रोहिबनो
vishnu prabhakar singh
अनिवार्य है कि तुम प्रश्न करते हो सभी प्रश्न करते हैं पर प्रश्न को अड़चन ना बनाओ लोग गुमराह हो जाते हैं,स्वार्थ में स्पष्टता का माहौल बनने दिया जाये प्रश्न उत्तर हेतु हो अपितु अड़चन नीति के अनिवार्य है हर प्रश्न राष्ट्रव्यापी स्तर का हो संघीय ढाँचा है विभिन्नताओं का देश है पर प्रश्न को शक्ति प्रदर्शन ना बनाओ लोग अनावृत हो रहे हैं,अशिक्षा में प्रश्न संसदीय स्वभाव का हो अपितु सुर्खियों के अनिवार्य है आरोप लगाना लोकतंत्र की स्याही अंकुश से भय बनाना पर आरोप को जीवन रेखा मत मानो लोग प्रबंध के स्याही से असहज हो चुके,अनुभव में आरोप तुम्हारा उत्तरदायित्व है अपितु राजनीति के विचारधारा की पारदर्शिता भर नैतिकता रखिये।आपको भी आसानी होगी,कोई पप्पू नहीं चलेगा। #विप्रणु #विद्रोहिबनो #yqdidi #yqbaba #musings #politics
vishnu prabhakar singh
सरकार क्या करेगी सरकार का टेटुआ है आपके पास इसलिए आप जो कहते,चाहते हैं होता ही है, आप काहे सरकार को गड़िया रहे हैं। आप तो बिना टिकट रेल पर चढ़ जाते हैं। 🙏 ऐसे कितने घोर पाप #विद्रोहिबनो #विप्रणु #yqdidi #yqbaba #miscellaneous #musings #युवादिवस
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'जय बोलो' जय बोलो किसान की,अन्नदाता महान की व्यवसायिक कृषि उत्कट लगे,ऐसे दुकान की श्री संकरित बीज व तटस्थ अनुदान के दाम की ब्लॉक विकास पदाधिकारी व पंच के रुझान की मौसम की अधर्मी मार,सूदखोरी बेलगाम की बेटी का वर और अशिक्षित पुत्र के ज्ञान की बाजार का एकाधिकार और पवित्र बनिया ग्राम की खाद्द निगम की जमाखोरी व अतिकाल पैक्स धाम की सूना कृषि महाविद्यालय और सूनी मध्याह्न पकवान की विलंब नलजल योजना व प्राथमिक चिकित्सा नाम की संसद में पारित हुए नव विधि-विधान की गाँवो के देश में फैले कार्यान्वयन के संज्ञान की। भाग्य विधाता पर लाल फीताशाही? जय बोलो किसान की,जय बोलो बाबाधाम की और जयकार करो मौनी बाबा की! #विद्रोहिबनो(तर्क के बल) 'जय बोलो' जय बोलो किसान की,अन्नदाता महान की व्यवसायिक कृषि उत्कट लगे,ऐसे दुकान की श्री संकरित बीज व तटस्थ अनुदान के दाम की ब्लॉक विकास पदाधिकारी व पंच के रुझान की
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बताह भीड़ न शिर न पैर हवा में ! हताश नर मुंड शोर मचाती माँगो का अपने मूल अधिकार के बल पर कृत्रिम बौद्धिकता के फांस में आंदोलन की सूक्ष्मता प्रतिपादित करती केवल कान खोलने को कहती तत्काल हस्तक्षेप को दर्शाती उचित समय पर क्रम दुहराती सुचना पर अनावश्यक विश्वास लेकर प्रसार का विस्फोट करती हवा में! छोड़ जाती बताह भीड़ को स्वीकारती व्यथा व्यवस्था तंत्र और कल्याण अवमानना के बीच की खाई नैतिकता में व्यवस्था निर्मित अभाव राजनीति एक व्यवसाय व लक्ष्य संघर्ष का अप्राकृतिक क्रिया अस्तित्व में ! शीघ्र पतन हो भी तो कैसे बताह भीड़ अव्यवस्था का रूपक न देह न देहि ,अकेला हवा में ! (कृपया,शेष अनुशीर्षक में देखें) आंदोलन का रसायन! बताह भीड़ न शिर न पैर हवा में ! हताश नर मुंड शोर मचाती माँगो का
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कितने लोग समझेंगे, यह निरा राजनीति है इसके कायदे में कमी है टेबल पर! राजनीति सामाजिक मानसिकता का प्रबल स्रोत है! इंसान का भी बायलोजिकल नाम है, सोची समझी है,यह पद्धति। इन सब का काट है राजनीति! इसकी पद्धति में सुधार जारी है आप सामूहिक योगदान की सोच अपनाएं कम से कम,व्यक्तित्व निर्माण तो करें, ज्यादा से ज्यादा,सामूहिक योगदान भरें। आप भारतीय मंत्रालय के अंतर्गत, कुछ, कुछ क्यों! बहुत कुछ विभाग की संरचना देखें आपको एक निर्मित व्यवस्था खड़ी दिखेगी तो क्या,इसलिए मानव का जैविक नाम भी है, अगर ऐसा है,तो मानव हो गया,'एक व्यवस्थित प्राणी' और राजनीति हो गई, इसकी काट! टेबल पर! आप तो खुश ही होइये निज आकलन नहीं करने का यह प्रबल उदाहरण है ओ हो भाई, भाग्य से मजबूत विपक्ष है घेर,घेराव जारी है संविधान के पक्ष के लोग,नये विपक्ष में भी हैं आपने मत से जो,हाँ कहा है। कृपया,राजनीति और समाज सेवा में भेद समझें!रमेश सर धन्यवाद💐 कितने लोग समझेंगे, यह निरा राजनीति है इसके कायदे में कमी है टेबल पर! राजनीति सामाजिक मानसिकता का प्रबल स्रोत है! इंसान का भी बायलोजिकल नाम है,
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भाई हम तो अपने कला संस्कृति के प्रभाव में हैं तुम्हारा अँधेरा क्यूँ कायम है प्रभाव को बेच दिया प्राप्त क्या हुआ तुम्हारे पास क्या बचा है स्वतंत्रता,कुछ ना करने की गुलामी,अँधेरे की प्रकाश से तो अँधेरे को भी चिढ़ नहीं धुर्वीय प्राणी क्यों कर ढूंढता है,भूख सनक भी परिस्थिति आश्रित है अँधेरा धुर्वीय है तो प्रकाश उत्तर भारत कोई मुझे प्रयास से शिवालिक तक अवलोकन का त्रिनेत्र दे दो... अँधेरा कायम है तो प्रकाश प्रचलित है। #विप्रणु #yqdidi #yqbaba #musings #miscellaneous #विद्रोहिबनो #yqquotes
vishnu prabhakar singh
"मुझे कवि जी की उपाधि कब मिलेगी" कवि में क्या होता है? ज्ञान,ज्ञान का मान,मन,संयम, सुनहरा रूप या सुनहरी कलम। संतोष धन,व्यवस्थित कर्म,सुव्यवस्थित धर्म, दीन तन, व्याकुल मन या जीवन द्वंद। आलोचना का विशुद्ध रूप पसंद, अभ्यास सघन या स्वयं से जूझता प्रश्न। स्वयं ही से वार्ता अंनत, अध्धयन,अन्तः मन,लेखन,वादन,वाचन, होता या,मात्र वचन। सिद्धान्त,प्रतिष्ठान,आवश्यक अनुष्ठान, होता या,मात्र विद्वान। देशभक्त,वेश ससख्त,खादी वस्त्र, सत्य का अस्त्र या मानव उत्कर्ष। गर्त का विवरण,शिखर का सरगम, नैतिकता भर मन या अनुशासन। या कर ना पाता अन्य दुकान व्यपार तो आनुवंशिकी है भगवान। इस व्यापार में कवि अपना भाव लिखता है, कवि का काट नहीं होता! कविता भाव विहीन हो ही नहीं सकती ।। #विप्रणु #yqdidi #yqbaba #poetry #inspiration #कवि #विद्रोहिबनो #साहित्य
vishnu prabhakar singh
क्षणिक फायदा देखने वाले लोग असरदार होना चाहते हैं साधन से। उन्हें भाव भंगिमा की सुध तब आती है,जब उन्हें नहले पे दहला मिलता है,भाई सत्य की जरूरत सबको पड़ती है। एक सत्य से बेटी का प्रेम बदल जाता है। एक ईमान पर पूरा देश आंदोलित होता है। एक धमाका से पोखरण विश्व पटल पर नव गीत गाता है। क्रिकेट लोगों का धर्म बन जाता है। मदर भारत महारत्न बन अमर हो जाती है। बापू,बापू ही रहता है। सत्य ही शिव है,शिव ही सुंदर है।। #विप्रणु #yqdidi #yqbaba #life #musings #bapu #bjp #विद्रोहिबनो
vishnu prabhakar singh
आजकल सीधा सोचने वाला मार रहा चौका मायने मतलब लगाने वाले खा रहे धोका। बताइये सुप्रभात अभिनन्दन में है हिचक कि वो सोचेंगे, चलो दिखा एक आदर्श व्यवहारिक,बेझिझक नहीं,नहीं इसका क्या स्वार्थ हो सकता है मुझसे।। डरतु,डरतु क्यूँ फुँख,फुँख रखता कदम थम के! आजकल लोग समझ गए हैं अति भक्ति चोर लक्षण कोई नहीं देना चाहता परीक्षण अत्यधिक होता जा रहा है शिक्षण कुछ लोग करने को पीछे पड़े हैं भक्षण दुनियादारी का नाम चिपकाते दर्शन भूल चुके हैं,मानवता का आधारभूत पाठ योगासन कि समरसता से ही सुधार सम्भावित आकर्षण।। योगासन शरीर की अंगड़ाई नहीं,कविजन! मायने मतलब का ये हाल है कि,स्पष्टीकरण का दौर आने वाला है,विष्णु थोड़े देगा,व्यवस्था देगी।। #विप्रणु #yqdidi #yqbaba #life #inspiration #bjp #विद्रोहिबनो #समरसता