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divya Sharma

White  चाहे वह हम उम्र हो या फिर छोटे या बड़े बच्चे मोहल्ले में सभी एक समान थे,सब के साथ bhaeeyapa था... बात करूंगी पिकनिक की हमारी पिकनिक ,😁 दिवाली के बाद की पिकनिक ,💞अब ये दिवाली के बाद पिकनिक क्यों,??😁 क्योंकि हमें कुछ मिट्टी के बर्तन मिल जाते थे और हम उसमें बड़े चाव से अपनी छोटी सी पिकनिक मनाते,
न न,कोई ताम  झाम  नहीं  
बस कोई दाल ले आया और कोई चावल कोई अपने घर से दो आलू चुरा के ले  आता 
और हम अधिनिर्णीत बने मकान में लकड़ी और ईंटों का जुगाड़ कर एक चूल्हा बना देते और इसी  चूल्हे में अधपके चावल, दाल और आलू का चोखा खाकर हम बड़े खुश हो जाते
पास पड़े पत्ते ही हमारा  थाल बनते♥️
वो बचपन...
उफ्फ🥺

©divya Sharma #संस्मरण

अदनासा-

विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://www.instagram.com/reel/DAQkmzRs_fB/?igsh=MXRwa3p4Y2xqeGlzNw== #हिंदी #संस्मरण #अभिनेता #जैकीश्रॉफ #परिवार #माँबाप #दिवार #Instagram #Facebook #अदनासा मोटिवेशनल कोट्स हिंदी मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स मोटिवेशनल स्टेटस हिंदी Extraterrestrial life मोटिवेशनल कोट्स

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अदनासा-

विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://www.instagram.com/reel/C6dghCTsAVE/?igsh=MWM3aW9weDgxcDNjeA== #हिंदी #गायिका #कविताकृष्णमूर्तीजी #संस्मरण #गायक #मुहम्मदरफ़ीसाहब Films #Instagram #Facebook #अदनासा

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अमित चौबे AnMoL

आज भी वो सारे मंजर मुंह जबानी याद है जब तुम हमे अपना कहती थीं........ न जाने क्यों....? तुम हमे एकाएक यूं एकाकी कर चली गई याद आता है तुम्हारे साथ छुपकर की हुई बाते याद आता है हर त्योंहार के बहाने तुम्हारा सामान लेने निकलना और उसी दुकान पर मेरा होना अच्छा लगता था जब तुम अपनी सहेली की बात न मानकर मेरे इशारों में बताए कपड़े खरीद लेती थी

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अधूरा संस्मरण
Full Read in caption आज भी वो सारे मंजर मुंह जबानी याद है
जब तुम हमे अपना कहती थीं........
न जाने क्यों....?
तुम हमे एकाएक यूं एकाकी कर चली गई
याद आता है तुम्हारे साथ छुपकर की हुई बाते
याद आता है हर त्योंहार के बहाने तुम्हारा सामान
लेने निकलना और उसी दुकान पर मेरा होना
अच्छा लगता था जब तुम अपनी सहेली की बात न मानकर मेरे इशारों में बताए कपड़े खरीद लेती थी

Ajay Amitabh Suman

#देहात,#देहात_और_शहर,#नगरीकरण,#संस्मरण, #Rural,#village,#Urbanisation, #hindi_kavita,#City_and_Village हाल फिलहाल में मेरे द्वारा की गई मेरे गाँव की यात्रा के दौरान मेने जो बदलाहट अपने गाँव की फिजा में देखी , उसका काव्यात्मक वर्णन मेने अपनी कविता "मेरे गाँव में होने लगा है शामिल थोड़ा शहर" के प्रथम भाग में की थी। ग्रामीण इलाकों के शहरीकरण के अपने फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी। जहाँ गाँवों में इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर हो रहा है, छोटी छोटी औद्योगिक इकाइयाँ बढ़ रही हैं, यातायात के बेहतर संसाधन उपलब्ध हो

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©Ajay Amitabh Suman #देहात,#देहात_और_शहर,#नगरीकरण,#संस्मरण, #Rural,#Village,#Urbanisation,
#Hindi_kavita,#City_and_Village
हाल फिलहाल में मेरे द्वारा  की गई मेरे गाँव की यात्रा के दौरान मेने जो  बदलाहट अपने गाँव की फिजा में देखी , उसका काव्यात्मक वर्णन मेने अपनी कविता "मेरे गाँव में होने लगा है शामिल थोड़ा शहर" के प्रथम भाग में की थी। ग्रामीण इलाकों के शहरीकरण के अपने फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी। जहाँ गाँवों में इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर हो रहा है, छोटी छोटी  औद्योगिक इकाइयाँ बढ़ रही हैं, यातायात के बेहतर संसाधन उपलब्ध हो

Ajay Amitabh Suman

#देहात,#देहात_और_शहर,#नगरीकरण,#संस्मरण, #Rural,#village, #Urbanization, #hindi_kavita,#City_and_Village इस सृष्टि में कोई भी वस्तु बिना कीमत के नहीं आती, विकास भी नहीं। अभी कुछ दिन पहले एक पारिवारिक उत्सव में शरीक होने के लिए गाँव गया था। सोचा था शहर की दौड़ धूप वाली जिंदगी से दूर एक शांति भरे माहौल में जा रहा हूँ। सोचा था गाँव के खेतों में हरियाली के दर्शन होंगे। सोचा था सुबह सुबह मुर्गे की बाँग सुनाई देगी, कोयल की कुक और चिड़ियों की चहचहाहट सुनाई पड़ेगी। आम, महुए, अमरूद और कटहल के पेड़ों पर उनक

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©Ajay Amitabh Suman #देहात,#देहात_और_शहर,#नगरीकरण,#संस्मरण, #Rural,#Village, #Urbanization,
#Hindi_kavita,#City_and_Village

इस सृष्टि में कोई भी वस्तु  बिना कीमत के नहीं आती, विकास भी नहीं। अभी कुछ दिन पहले एक पारिवारिक उत्सव में शरीक होने के लिए गाँव गया था। सोचा था शहर की दौड़ धूप वाली जिंदगी से दूर एक शांति भरे माहौल में जा रहा हूँ। सोचा था गाँव के खेतों में हरियाली के दर्शन होंगे। सोचा था सुबह सुबह मुर्गे की बाँग सुनाई देगी, कोयल की कुक और चिड़ियों की चहचहाहट  सुनाई पड़ेगी। आम, महुए, अमरूद और कटहल के पेड़ों पर उनक

SUMIT KUMAR SRIVASTAVA

आचार्य श्री राम शर्मा संस्मरण.. - सुमित श्रीवास्तव #Sumitjaiho #श्रीरामशर्मा #गुरु_पूर्णिमा #संस्मरण #जय_मां_गायत्री #नोजोटो # #Nojotoindia #प्रेरक #कथा

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