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Juhi Grover

पूरे एक सप्ताह से सूरज बर्फ के गोले सा बना हुआ था। दिसम्बर की इस ठिठुरती सर्दी में घर से निकलने का बिल्कुल मन नहीं था। राहुल ने टी. वी. ऑन किया। कुछ खास नहीं था। फिर टी. वी. बन्द किया और रजाई ओढ़ कर लेट गया। लेटते ही नींद आ गई। अचानक डर कर उठ गया। नींद में ही सुनीता को आवाज़ लगाने लगा। अतीत की कुछ यादें सपना बन कर उसे अपने पास महसूस हो रही थी। एकदम नींद खुली और ध्यान आया कि सुनीता तो अब वापिस नहीं आएगी। सब यादें ताज़ा हो गई। अपनी आँखों के सामने उसको दम तोड़ते देखा था। वो बातें याद आते ही राहुल चिल्ला-चिल्ला कर रोने लगा। राहुल के चिल्लाने से दूसरे कमरे से सोनू भाग कर राहुल के पास आ गया। सोनू राहुल का 8 साल का बेटा था। उसे देखते ही राहुल एक दम चुप हो गया और उसे गोद में उठा लिया। राहुल को बेटे का ध्यान आते ही सुख की अनुभूति हुई जैसे सुनीता उसके सामने आ कर कह रही हो कि सोनू उसी का अंश हो कर हमेशा साथ है। सोनू भी अपने पापा के गम्भीर होते हुए चेहरे पर बनती बिगड़ती रेखायें देख रहा था। उदास होते हुए पापा को बोला, "पापा, मुझे बर्फ का गोला खाना है।" राहुल ने उसे प्यार से एक चपत लगाई और मना कर दिया मग़र एकदम याद आया कि सुनीता भी सर्दियों में ही बर्फ का गोला खाने उसके साथ जाती थी। कहती थी, "गर्मियों में तो सब खाते हैं।असली मज़ा तो ठिठुरती ठण्ड में खाने में है।" राहुल के चेहरे पे हल्की सी मुस्कान आ गई और वो सोनू को लेकर बाज़ार की ओर चल दिया। - जूही ग्रोवर #कहानी #yqdidi #yqhindi #बर्फगोला

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बर्फ का गोला (कहानी) 

     (अनुशीर्षक में पढ़ें)             पूरे एक सप्ताह से सूरज बर्फ के गोले सा बना हुआ था। दिसम्बर की इस ठिठुरती सर्दी में घर से निकलने का बिल्कुल मन नहीं था। राहुल ने टी. वी. ऑन किया। कुछ खास नहीं था। फिर टी. वी. बन्द किया और रजाई ओढ़ कर लेट गया। लेटते ही नींद आ गई।
             अचानक डर कर उठ गया। नींद में ही सुनीता को आवाज़ लगाने लगा। अतीत की कुछ यादें सपना बन कर उसे अपने पास महसूस हो रही थी। एकदम नींद खुली और ध्यान आया कि सुनीता तो अब वापिस नहीं आएगी। सब यादें ताज़ा हो गई। अपनी आँखों के सामने उसको दम तोड़ते देखा था। वो बातें याद आते ही राहुल चिल्ला-चिल्ला कर रोने लगा। राहुल के चिल्लाने से दूसरे कमरे से सोनू भाग कर राहुल के पास आ गया।
             सोनू राहुल का 8 साल का बेटा था। उसे देखते ही राहुल एक दम चुप हो गया और उसे गोद में उठा लिया। राहुल को बेटे का ध्यान आते ही सुख की अनुभूति हुई जैसे सुनीता उसके सामने आ कर कह रही हो कि सोनू उसी का अंश हो कर हमेशा साथ है। सोनू भी अपने पापा के गम्भीर होते हुए चेहरे पर बनती बिगड़ती रेखायें देख रहा था। 
             उदास होते हुए पापा को बोला, "पापा, मुझे बर्फ का गोला खाना है।"
             राहुल ने उसे प्यार से एक चपत लगाई और मना कर दिया मग़र एकदम याद आया कि सुनीता भी सर्दियों में ही बर्फ का गोला खाने उसके साथ जाती थी। कहती थी, "गर्मियों में तो सब खाते हैं।असली मज़ा तो ठिठुरती ठण्ड में खाने में है।"
            राहुल के चेहरे पे हल्की सी मुस्कान आ गई और वो सोनू को लेकर बाज़ार की ओर चल दिया।

                            - जूही ग्रोवर

Roohi Bhargava

तुझे देख कर मेरी रूह को ठंडक है मिलती, 
कुछ वैसी जैसी बचपन में बर्फ का वो खट्टा मीठा गोला दिया करता था।  #बर्फगोला #YQDIDI

Vidhi

चाहे सड़क के बायीं तरफ अपने कंधों पे बस्ता लटकाये अपनी माँ के इंतजार में खड़ी एक लड़की ललचाई आँखों से सामने वाले ठेले की तरफ देखती या फ़िर दायीं तरफ वो ठेला सँभालने वाली लड़की आँखें फाड़ फाड़ कर उस बस्ते वाली लड़की की ओर देखती, दोनों ही सूरतों में बात कुछ अलग कुछ एक सी होतीं। दोनों ही अपना मन मसोस कर रह जातीं।

"डॉक्टर ने मना किया है ना तुझे, फ़िर भी जब देखो तब बस बर्फ़ के गोले खाने की ज़िद! जानती है ना, हाईजीनिक नहीं होता ये सब।"

"जानती है ना तेरी माँ इतना नहीं कमाती। उस पर से बैठ कर खाने मुँह हज़ार। लेकिन जब देखो तब वही एक रट! इस्कूल इस्कूल इस्कूल..." #YQdidi #कहानी #बर्फगोला #बर्फ़गोला #स्कूल #बस्ता #ठेला

Shashi Aswal

बचपन में अक्सर स्कूल के बाहर एक ठेला वाला होता था। उसके ठेले पर बर्फ होती थी। और रंग-बिरंगे अलग स्वादानुसार तरल पदार्थ से भरी हुई बोतलें। ऐसा लगता था मानो जैसे सारी दुनिया के रंग उसके पास हो। बच्चों की छुट्टी के समय उसके चेहरे पर एक अलग ही तरह की रौनक आ जाती थी। बच्चे भी उत्साह से उसके पास दौड़ कर जाते थे सबसे पहले पहुँचने की होड़ को लेकर। अंकल वो खट्टा वाला, मीठा वाला, नहीं नहीं कच्चा आम वाला। बच्चों को समझ ही नहीं आता था कि कौन सा रंग डलवाए बर्फ के गोले पर। जब ठेले वाला बर्फ घिसता था ऐसा लगता था जैसे खुद को घिस रहा हो। हमने भी पापा से कहा खाने को पर उन्होंने मना कर दिया कि गला खराब हो जाएगा। हमने भी जिद नहीं की। हम रोज स्कूल की खिड़की से उसे देखते। अचानक उसका आना बंद हो गया। कुछ दिनों बाद पता चला कि जब वो घर को जा रहा था तो किसी कार ने उसे टक्कर मार दी और उसका रंग बिखर गया सड़कों पर। हमने भी तब से लेकर आज तक कभी बर्फ का गोला नहीं खाया जिंदगी में!!!!! #YQbaba #YQDidi #बर्फगोला


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