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HintsOfHeart.
"वस्ल उस का ख़ुदा नसीब करे 'मीर' दिल चाहता है क्या क्या कुछ" ©HintsOfHeart. #मीर_तक़ी_मीर. #वस्ल
Rabindra Kumar Ram
*** ग़ज़ल *** *** मौजुदगी *** " यूं होने को बात ये भी हैं , किसी ऐवज में कभी तेरे , कभी मेरे पले में आयेगा , वजूद फिर किस में किस की तलाश की जाये , जो जिस्म से तेरी खुशबू आयेगा , ख्वाब मेरा महज़ मेरा ख्वाब ना हो , इसमें तेरी मौजूदगी की तलाश तो मुकम्बल हो , तसव्वुर के ख्यालों के नुमाइश में , किस किस को चेहरा और तेरा नाम देता फिरे , फिर कहीं ऐसा हो तेरी मौजूदगी हो और , मेरी - तेरी जुस्तजू की तलब कोई मुकाम ले ले , यूं होने को मुस़ाफिर हम भी हैं , फिर किसी बात पे राजी तुम भी हो , बस्ल हो ऐसा की हमारे रफ़ाक़त पे यकीन आये , क्यों ना तेरा ख्वाब मुसलसल कर लें , मैं चाहे जिस जद में रहूं क्यों ना , फिर भी तुझसे इक मुलाकात कर लें , हम तेरा एहतराम यूं ही करेंगे , मुहब्बत ना भी हो तो मुहब्बत का भ्रम रखेंगे , मिल जा बिछड़ जा फिर कहीं मुख्तलिफ बात की अदावत ठहरी , यूं तेरा ज़िक्र बामुश्किल भी नहीं , करते हैं जो एहतराम ऐसे में . " --- रबिन्द्र राम #मौजुदगी #वस्ल #रफ़ाक़त #मुहब्बत #मुख्तलिफ #अदावत #ज़िक्र #एहतराम ©Rabindra Kumar Ram *** ग़ज़ल *** *** मौजुदगी *** " यूं होने को बात ये भी हैं , किसी ऐवज में कभी तेरे , कभी मेरे पले में आयेगा , वजूद फिर किस में किस की तलाश की जाये , जो जिस्म से तेरी खुशबू आयेगा ,
*** ग़ज़ल *** *** मौजुदगी *** " यूं होने को बात ये भी हैं , किसी ऐवज में कभी तेरे , कभी मेरे पले में आयेगा , वजूद फिर किस में किस की तलाश की जाये , जो जिस्म से तेरी खुशबू आयेगा ,
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" ले चल मुझे तु मुहब्बत की राहों में, मैं तुम्हें मिल सकु तुझसे तेरी बाहों में, फितरतन तु ये ख्वाबों ख्यालों की मंजिल कही वाजिब कर तो दे, वस्ल की रात में मेरी कही ठहर के पनाह पाये तुझे में. " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram " ले चल मुझे तु मुहब्बत की राहों में, मैं तुम्हें मिल सकु तुझसे तेरी बाहों में, फितरतन तु ये ख्वाबों ख्यालों की मंजिल कही वाजिब कर तो दे, वस्ल की रात में मेरी कही ठहर के पनाह पाये तुझे में. " --- रबिन्द्र राम #मुहब्बत #फितरतन #ख्यालों #वाजिब #वस्ल #रात #ठहर #पनाह
BenZil (बैंज़िल)
मारा करती हैं दूरियां, यूं कोई क़त्ल नही होता हिज्र अजल की हो गर तो कभी भी वस्ल नही होता (अजल - शाश्वत समय, वक्त) ©BenZil (बैंज़िल) #alone #वस्ल #Hijra #Ajal
paras Dlonelystar
गुजर कर तेरी गलियों से यादें #parasd #nojotopoetry #गालियां #यादें #वस्ल Sethi Ji Chouhan Saab Vikram vicky 3.0 Kajal Singh [ ज़िंदगी ]
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" बामुश्किल से याद कर पाया हूं , आज भी तेरी यादों को जिंदा रख पाया हूं , मेरे वस्ल में तेरी याद की आंगराईया उमरती हैं , बामुश्किल से इस हालात में खुद को सम्भाल पाया हूं. " --- रबिन्द्र राम " बामुश्किल से याद कर पाया हूं , आज भी तेरी यादों को जिंदा रख पाया हूं , मेरे वस्ल में तेरी याद की आंगराईया उमरती हैं , बामुश्किल से इस हालात में खुद को सम्भाल पाया हूं. " --- रबिन्द्र राम #बामुश्किल #जिंदा
" बामुश्किल से याद कर पाया हूं , आज भी तेरी यादों को जिंदा रख पाया हूं , मेरे वस्ल में तेरी याद की आंगराईया उमरती हैं , बामुश्किल से इस हालात में खुद को सम्भाल पाया हूं. " --- रबिन्द्र राम #बामुश्किल #जिंदा
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" ढुंढ के देखो सब ज़बाब मिलेंगे , मेरे वस्ल पे तेरे अब भी निशान मिलेंगे , ज़िक्र करना हैं जो भी अब कर ले , अब भी तेरे चाहतों के सारे समान मिलेंगे . " --- रबिन्द्र राम Pic : pexels.com " ढुंढ के देखो सब ज़बाब मिलेंगे , मेरे वस्ल पे तेरे अब भी निशान मिलेंगे , ज़िक्र करना हैं जो भी अब कर ले , अब भी तेरे चाहतों के सारे समान मिलेंगे . " --- रबिन्द्र राम
Pic : pexels.com " ढुंढ के देखो सब ज़बाब मिलेंगे , मेरे वस्ल पे तेरे अब भी निशान मिलेंगे , ज़िक्र करना हैं जो भी अब कर ले , अब भी तेरे चाहतों के सारे समान मिलेंगे . " --- रबिन्द्र राम
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" नज़र को नज़र आऊ तो कुछ बात समझू मैं , वस्ल ख्याल तेरा ना ले डुबे मुझे फिर कहीं और नज़र आऊ मैं , कर ख्याल कुछ तु भी की कुछ ख्यालात बने , रंजिशे आलम तेरा खुमारी का सुरुर लम्स बस जन्द रोज से परेशान कर रहा ." --- रबिन्द्र राम " नज़र को नज़र आऊ तो कुछ बात समझू मैं , वस्ल ख्याल तेरा ना ले डुबे मुझे फिर कहीं और नज़र आऊ मैं , कर ख्याल कुछ तु भी की कुछ ख्यालात बने , रंजिशे आलम तेरा खुमारी का सुरुर लम्स बस जन्द रोज से परेशान कर रहा ." --- रबिन्द्र राम #नज़र
" नज़र को नज़र आऊ तो कुछ बात समझू मैं , वस्ल ख्याल तेरा ना ले डुबे मुझे फिर कहीं और नज़र आऊ मैं , कर ख्याल कुछ तु भी की कुछ ख्यालात बने , रंजिशे आलम तेरा खुमारी का सुरुर लम्स बस जन्द रोज से परेशान कर रहा ." --- रबिन्द्र राम #नज़र
read moreShitanshu Rajat
अपने मसलों के बमुश्किल पर काटे, मगर फिर से तुम एक हँसी मुद्दे-सा टकरा गए। #वस्ल मसला है, बड़ा मसला...... #poetrylights
#वस्ल मसला है, बड़ा मसला...... #PoetryLights
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