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Bazirao Ashish

गूँगे भी बोल पड़ते हैं "मैं गलत हूँ" अन्धे त्रिकालदर्शी जो ठहरे। ~●आशीष●द्विवेदी● #विडम्बना

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गूँगे भी बोल पड़ते हैं
"मैं गलत हूँ"
अन्धे त्रिकालदर्शी जो ठहरे।


~●आशीष●द्विवेदी●

©Bazirao Ashish गूँगे भी बोल पड़ते हैं
"मैं गलत हूँ"
अन्धे त्रिकालदर्शी जो ठहरे।


~●आशीष●द्विवेदी●
#विडम्बना

Santosh 'Raman' Pathak

#AzaadKalakaar सूतल बाटें देस क लोगवा चादर तान जगइहा कल्लू
आपन खून भइल बा दुसमन पहरा अउर बढइहा कल्लू

देस क लोगवा देस क पानी बोतल भर भर बेचे लगलन
जहर बनउलें गङ्गाजी कय पानी तोही बचइहा कल्लू

काठ करेजा माई बाबू बिटिया पेटवे में हति देलें
चेता! वरना फिर आगे से लड़िका तोही होखइहा कल्लू

सत्तर साल से गर्द मचउले कायर ससुरा तोर पड़ोसी
मार कछाना ठोंक के ताली'धोबियापाट'लगइहा कल्लू

©Santosh Pathak #देशप्रेम 
#विडम्बना

#AzaadKalakaar

Shashi Saini

Durga bhatt

जिना चाहो हदो से पार अगर पेड़ जैसे काट दिये जाओगे ,
मान लो उन हदो को तुम  गमलों सा सहारा पा जाओगे।


#Irony

©Durga bhatt #विडम्बना

Narendra Kumar

#विडम्बना Maligram Yadav MONIKA SINGH Himanshu Mishra (Parth) निdhi🖤 अमरेन्द्र मिश्रा

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विडम्बना
जंग ए इश्क़ में अक्सर,
अज़नबी बाजी मार जाता है।

सच्चे प्यार को लोग समझते कहाँ है, 
अक्सर हार जाता है।।
।।नरेन्द्र कुमार™।। #विडम्बना   Maligram Yadav MONIKA SINGH Himanshu Mishra (Parth) निdhi🖤 अमरेन्द्र मिश्रा

Yogita Rani singh

#OpenPoetry पहचान

क्या कहे किस से कहे 
आखिर मौन हम कब तक रहे 
पाया था जो जिन्दगी में कभी 
 क्या आज उसे छीन्ने दे 
या फिर इस गुमनाम कहानी को 
हम गुमनाम ही रहने दे 
मिली इक हंसी उसे परम्परा नाम दिया
बनी जब खिलखिलाहट उसे मर्यादा बना दिया
यह दस्तुर ही तो जिसने गंगा -यमुना को नर्मदा बना दिया
बनी जब तीव्र धारा उसे सागर में मिला दिया
देखता है चातक रात्री में चाँदनी को जैसे 
खोज रही हुँ मन में विश्वास को ऐसे 
क्भी सच्चे मिेत्र को तो नही देखा 
पर उम्मीद है मुझे मिली इक ऐसी ही रूप रेखा 
वो मेरी सखी ही तो थी जिसे मैऩे आखिरी बार देखा
अपनी सी है अपने में जो 
चंचलता की मुर्ति है वो 
अब इस कहानी को ह्रदय मे छिपी रहने दो 
इस गुमनाम कहानी को अब गुमनाम ही रहने दो #OpenPoetry 
#पहचान
#विडम्बना
#संघर्ष
#ऩारी

Ajay Sharma

छत छप्पर की थी और दीवार थी कमजोर
फिर भी फसल के लिए चाहिए 
बारिश पुरजोर #किसान #की #विडम्बना...

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